पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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तैरते घाट की स्थापना

Posted On: 11 FEB 2025 4:11PM by PIB Delhi

पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय भारत में विभिन्न स्थानों पर तैरते घाट (फ्लोटिंग जेटी) की स्थापना को प्रमुखता से बढ़ावा दे रहा है। इन पहलों का उद्देश्य मछली पकड़ने की गतिविधियों, पर्यटन और माल परिवहन दोनों के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है। तैरते घाट परियोजनाओं के चरण-I  के तहत कार्यान्वयन के लिए कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और केरल में कुल 50 स्थानों की पहचान की गई है, जिनमें से आंध्र प्रदेश में 12 स्थान मत्स्य पालन से संबंधित तैरते घाट हैं। विवरण अनुलग्नक में हैं।

तैरते घाट मछुआरों और कार्गो परिवहन दोनों को ही काफी लाभ पहुंचा सकते हैं। मछुआरों के लिए, वे अलग-अलग जल स्तरों में स्थिर डॉकिंग प्रदान करते हैं, जिससे साल भर पानी तक पहुंच संभव होती है, ज्वार के कारण होने वाले डाउनटाइम को कम किया जा सकता है, और पकड़ी गई मछलियों को डॉकिंग पर उतारने के लिए सुरक्षा और सुविधा में सुधार किया जा सकता है। कार्गो परिवहन के लिए,  तैरते घाट विभिन्न आकार के जहाजों को समायोजित करने, बंदरगाह की क्षमता और दक्षता बढ़ाने तथा छोटे और बड़े पैमाने पर शिपिंग दोनों की मदद करने में सक्षम होते हैं। यह बुनियादी ढांचा लॉजिस्टिक्स को बढ़ाता है, निश्चित डॉक पर भीड़ को कम करता है, और सुचारू, निर्बाध संचालन को बढ़ावा देता है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य सभा में आज यह जानकारी दी।

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