मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पीएम-एमएसवाई का कार्यान्वयन
Posted On:
11 FEB 2025 4:22PM by PIB Delhi
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2020-21 से 2024-25 तक पांच साल की अवधि के लिए प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) को लागू किया जा रहा है। विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वर्ष (2024-25) के दौरान, मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पीएमएमएसवाई के तहत आंध्र प्रदेश सहित विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए 8924.33 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंश के साथ 20,990.79 करोड़ रुपए के मात्स्यिकी विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें राज्य में मात्स्यिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मछुआरों के कल्याण सहित मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 559.10 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंश के साथ 2398.72 करोड़ रुपए की कुल लागत पर आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव भी शामिल हैं।
वर्तमान पीएमएमएसवाई के अंतर्गत मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, वैल्यू चैन के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मात्स्यिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन और मछुआरों के कल्याण के लिए इंटरवेंशन (हस्तक्षेप) किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत किए गए प्रमुख इंटरवेंशन (हस्तक्षेप) और वैल्यू चैन परियोजनाओं/गतिविधियों में शामिल हैं; 58 फिशिंग हारबर्स /फिश लैंडिंग सेंटर्स, 634 आइस प्लांट्स/कोल्ड स्टोरेज्स, 21 मॉडर्न हॉलसेल फिश मार्केट्स जिनमें 2 स्मार्ट हॉलसेल मार्केट्स, 202 रिटेल फिश मार्केट्स हैं, 6694 फिश कियोस्क, फिश ट्रांसपोर्टेशन सुविधाओं की 27189 इकाइयां, 128 मूल्य वर्धित उद्यम, मत्स्य और मात्स्यिकी उत्पादों की ई-ट्रेडिंग और ई-मार्केटिंग के लिए 5 ई-प्लेटफॉर्म। इसके अलावा, पीएमएमएसवाई प्रौद्योगिकी संचार के उद्देश्य से सहायता करती है और इस संबंध में की गई प्रमुख परियोजनाओं/गतिविधियों में शामिल हैं; लगभग 12000 री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, 4205 बायोफ्लोक इकाइयां, 55118 जलाशय केज और 5711 रेसवे। इसमें पीएमएमएसवाई के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में किए गए प्रमुख इंटरवेंशन शामिल हैं जैसे कि 64 री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, 97 बायोफ्लोक इकाइयां, 471 केज, 4715 फिश मार्केटिंग सुविधाएं जैसे कियोस्क, रिटेल आउटलेट, 9 फिशिंग हारबर्स और फिश लैंडिंग सेंटेर्स, 16 आइस प्लांट्स और कोल्ड स्टोरेज, 1400 फिश ट्रांसपोर्टेशन सुविधाएं आदि।
पीएमएमएसवाई ने अपने कार्यान्वयन अवधि के दौरान मात्स्यिकी और जलीय कृषि के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेष रूप से (i) वार्षिक मत्स्य उत्पादन 2019-20 में 141.64 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन हो गया है, (ii) मत्स्य निर्यात 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 60,524.89 करोड़ रुपए हो गया है, (iii) प्रति व्यक्ति मत्स्य की खपत 5-6 किलोग्राम से बढ़कर 12-13 किलोग्राम हो गई है और (iv) जलीय कृषि उत्पादकता 3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 4.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। आंध्र प्रदेश राज्य प्रमुख मत्स्य उत्पादक राज्यों में से एक है और इस राज्य में मत्स्य उत्पादन 2019-20 में 41.74 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के दौरान 51.58 लाख टन हो गया है। चूंकि पीएमएमएसवाई की स्वीकृत समय अवधि 31 मार्च, 2025 को समाप्त हो रही है, इसलिए वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग ने मौजूदा योजना डिजाइन और वित्त पोषण पैटर्न के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पहले से ही अनुमोदित परिव्यय के साथ पीएमएमएसवाई को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।
यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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