भारी उद्योग मंत्रालय
भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र
Posted On:
11 FEB 2025 12:59PM by PIB Delhi
भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की योजना के दूसरे चरण के तहत, भारी उद्योग मंत्रालय ने उन्नत वेल्डिंग प्रौद्योगिकियों में कौशल प्रदान करने के लिए वेल्डिंग अनुसंधान संस्थान (डब्ल्यूआरआई), त्रिची-बीएचईएल में एक साझा इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र (सीईएफसी) को मंजूरी दी है। इस परियोजना की कुल लागत 87.06 करोड़ रुपए है जिसमें से मंत्रालय की स्वीकृत अनुदान 69.648 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के तहत अब तक 7000 से अधिक वेल्डिंग पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह एक देशव्यापी मांग आधारित योजना है और इस योजना में राज्यवार वितरण/विवरण अनिवार्य नहीं है।
भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए चरण-I और II योजना के अंतर्गत आवंटित धनराशि और उसके उपयोग का विवरण निम्नानुसार है:
(राशि करोड़ रुपए में )
वित्त वर्ष
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संशोधित अनुमान चरण में आवंटन
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जारी की गई धनराशि
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2014-15
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24.00
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2.80
|
2015-16
|
23.00
|
22.87
|
2016-17
|
60.50
|
59.97
|
2017-18
|
110.00
|
109.72
|
2018-19
|
110.50
|
110.4483
|
2019-20
|
102.30
|
102.16184
|
2020-21
|
55.52
|
54.2197
|
2021- 22
|
29.00
|
28.933925
|
2022-23
|
199.60
|
199.24
|
2023-24
|
187.20
|
83.3431
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2024-25
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120.00/184.00 *
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134.55 (03.02.2025 तक)
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* वर्तमान आवंटन
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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