संस्कृति मंत्रालय
“विरासत अपनाओ” योजना के लिए आउटसोर्स की गई परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं समन्वयन
Posted On:
10 FEB 2025 5:10PM by PIB Delhi
निजी/सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और गैर सरकारी संगठनों/ट्रस्टों/सोसायटियों आदि के साथ मिलकर काम करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए “विरासत अपनाओ 2.0” कार्यक्रम शुरू किया गया था, ताकि संरक्षित स्मारकों पर आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने और उन्हें आगंतुकों के अनुकूल बनाने के लिए परिभाषित सुविधाओं को विकसित/प्रदान किया जा सके। सरकार द्वारा इस उद्देश्य के लिए ऐसी संस्थाओं को कोई धनराशि आवंटित नहीं की जाती है।
सुविधाएं प्रदान करने का कार्य साझेदार संस्थाओं द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की मंजूरी से और उसकी सतर्कतापूर्वक निगरानी में किया जाता है ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। “विरासत अपनाओ 2.0” कार्यक्रम के अंतर्गत गोद लेने के लिए उपलब्ध स्मारकों की सूची एक समर्पित पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती है, जहां इच्छुक संस्थाओं को पंजीकरण कराना आवश्यक होता है।
कार्यक्रम में प्रावधान है जिसके अंतर्गत इच्छुक संस्थाओं से प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन "अनुमोदन और कार्यान्वयन समिति" द्वारा किया जाता है। कार्य का निष्पादन भागीदार संस्थाओं द्वारा तभी किया जाता है जब उक्त समिति से अनुमोदन प्राप्त हो जाता है, और कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की कड़ी निगरानी में निष्पादित किया जाता है। इसके अलावा, कार्यक्रम के अंतर्गत, अर्ध-वाणिज्यिक गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न सभी राजस्व को एक समर्पित खाते में जमा करना आवश्यक है जिसका उपयोग केवल अपनाए गए स्मारक को बनाए रखने, विकसित करने, संचालित करने और रखरखाव करने के लिए किया जाता है। भागीदार संस्थाओं को अर्ध-वार्षिक आधार पर इसके लिए एक विधिवत लेखापरीक्षित खाता विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2101440)
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