विद्युत मंत्रालय
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केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने देश में वितरण इकाइयों  की व्यवहारिकता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए गठित मंत्रियों के समूह की पहली बैठक की अध्यक्षता की


स्मार्ट मीटर होंगे गेम चेंजर

एसईआरसी / राज्य सरकारें समय पर और लागत को दर्शाने वाले टैरिफ सुनिश्चित करें - डिस्कॉम को बिजली की उचित लागत मिले

बिजली खरीद लागत और मांग पूर्वानुमान  को अनुकूलित करने के लिए डिस्कॉम द्वारा नई तकनीकों को अपनाया जाए

सदस्यों से नवोन्मेषी वित्तपोषण और लीक से हटकर समाधानों की आवश्यकता

Posted On: 30 JAN 2025 9:23PM by PIB Delhi

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने, मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष के रूप में, आज वितरण इकाइयों की व्यवहारिकता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए गठित मंत्रियों के समूह के साथ एक वर्चुअल बैठक की।

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए. के. शर्मा, आंध्र प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री गोत्तीपति रवि कुमार, मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, तमिलनाडु के बिजली मंत्री श्री वी. सेंथिल बालाजी, महाराष्ट्र की ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीमती मेघना दीपक साकोरे बोर्डिकर, और राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हीरालाल नागर, जो इस समूह के सदस्य हैं, ने बैठक में भाग लिया। बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

अपने स्वागत भाषण में समूह के संयोजक और  उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा ने वितरण उपयोगिताओं की परिचालन दक्षता और वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्युत मंत्रालय द्वारा उठाए गए सक्रिय उपायों का देश के वितरण क्षेत्र को मजबूत और स्वस्थ बनाने पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने वितरण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को अपनाने और उसमें निवेश करने की वकालत की। उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा सरकारी विभागों के बकाया और सब्सिडी के समय पर और पर्याप्त भुगतान और उपभोक्ताओं की शिकायतों के प्रभावी निवारण की आवश्यकता पर जोर दिया।

अपने शुरुआती संबोधन में, केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बिजली वितरण इकाइयों  या डिस्कॉम की वित्तीय व्यवहारिकता भारत के ऊर्जा क्षेत्र के केंद्र में है और यह पूरे वैल्यू चेन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये संस्थाएँ हमारी बिजली आपूर्ति श्रृंखला की जीवनरेखा हैं, जो बिजली उत्पादन को लाखों घरों, व्यवसायों और उद्योगों से जोड़ती हैं। हालाँकि, वे महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करते हैं जो न केवल उनके वित्तीय स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं बल्कि पूरे बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला की स्थिरता को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि आपूर्ति की औसत लागत (एसीएस) और औसत राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के बीच साल-दर-साल अंतर इकाइयों की वित्तीय स्थिरता को खत्म कर रहा है, जिसे कम करने की आवश्यकता है। यह अंतर मुख्य रूप से लागतों की कम वसूली के कारण है, विशेष रूप से बिजली खरीद लागत, गैर-लागत दर्शाने वाले टैरिफ, वितरण हानि आदि। उन्होंने एटीएंडसी हानियों पर चिंता व्यक्त की जो वैश्विक औसत 6-8% से काफी ऊपर हैं और नेटवर्क में सुधार, नई तकनीकों को अपनाने और बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार करके इसे बेहतर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने इन इकाइयों की व्यवहार्यता में सुधार के लिए प्रत्येक हितधारक द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाओं के बारे में बताया, खासकर देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक निवेश के संदर्भ में। उन्होंने गुजरात डिस्कॉम के बारे में भी उल्लेख किया और गुजरात वितरण उपयोगिताओं द्वारा अपने वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों को समझने का सुझाव दिया।

आंध्र प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री गोत्तीपति रवि कुमार ने नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही प्राथमिकता का उल्लेख किया। उन्होंने पीएम कुसुम और पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य द्वारा की गई प्रगति पर भी प्रकाश डाला।

 

मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लाइन लॉस को कम करने के लिए सटीक ऊर्जा लेखांकन और ऑडिटिंग की आवश्यकता पर जोर दिया और सरकार के प्रत्येक स्तर पर प्रभावी उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता बताई।

तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री थिरु वी. सेंथिल बालाजी ने राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों और वितरण इकाइयों के राजस्व में सुधार में स्मार्ट मीटरिंग की भूमिका पर प्रकाश डाला।

महाराष्ट्र सरकार की ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीमती मेघना दीपक साकोरे बोर्डिकर ने मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना के तहत राज्य द्वारा शुरू की गई पहल का उल्लेख किया, जो किसानों को बिजली की आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार करने और उपयोगिताओं के लिए बिजली खरीद लागत को कम करने में मदद करेगी।

राजस्थान सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हीरालाल नागर ने राज्य की समृद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और कृषि उद्देश्यों के लिए कम लागत वाली दिन के समय बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल के तहत राज्य द्वारा ली गई परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।

समूह के समृद्ध अनुभव के साथ, वितरण क्षेत्र को वित्तीय व्यवहार्यता के पथ पर ले जाने के लिए नवीन और लीक से हटकर समाधानों की खोज को लेकर सहमति बनी। साथ ही, सदस्य राज्यों में आगे बैठकें आयोजित करने पर भी सहमति बनी।

 

वितरण उपयोगिताओं की व्यवहार्यता पर मंत्रियों का समूह

मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन इस प्रकार है:

i. भारत सरकार के माननीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री - अध्यक्ष
ii. ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश - सदस्य-सह-संयोजक
iii. ऊर्जा मंत्री, आंध्र प्रदेश - सदस्य
iv. ऊर्जा मंत्री, राजस्थान - सदस्य
v. ऊर्जा मंत्री, तमिलनाडु - सदस्य
vi. ऊर्जा मंत्री, मध्य प्रदेश - सदस्य
vii. ऊर्जा मंत्री, महाराष्ट्र - सदस्य

जीओएम के टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) निम्नलिखित हैं:

i. प्रमुख राज्यों में ऋण परिदृश्य का विश्लेषण करना
ii. ऋणों की उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए उन मापदंडों की पहचान करना जिनकी निगरानी करने की आवश्यकता है
iii. उन राज्यों की पहचान करना जिन्हें तरलता समर्थन की तत्काल आवश्यकता है और उन्हें ऋण जाल से बचाने के लिए एक राजकोषीय अनुशासन कार्यक्रम तैयार करना।
iv. समग्र सुधार के उद्देश्य से पूंजीगत व्यय के संबंध में निवेश योजना के लिए दिशानिर्देशों की सिफारिश करना - पर्याप्त तकनीकी और वित्तीय सावधानी, राज्य सरकार द्वारा इक्विटी निवेश, टैरिफ के माध्यम से वसूली के लिए उपयुक्त तंत्र सुनिश्चित करना।
v. मूल्य श्रृंखला में निजी प्रतिभागियों से आगे निवेश आकर्षित करने के लिए वितरण क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए उपायों का सुझाव देना

मंत्रियों का समूह तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

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एमजी/आरपीएम/केसी /


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