वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 2030 तक 10,000 जीआई टैग का लक्ष्य रखा, कार्यान्वयन की निगरानी के लिए समिति गठित की जाएगी

Posted On: 22 JAN 2025 9:10PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित जीआई समागम में वर्ष 2030 तक 10,000 भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग तक पहुंचने का लक्ष्य रखा। मंत्री ने कहा कि यह लक्ष्य समग्र सरकारी दृष्टिकोण से हासिल किया जाएगा और सरकार इसकी निगरानी के लिए एक समिति का गठन करेगी। विभाग द्वारा अब तक जारी किए गए जीआई टैग की संख्या 605 है।

श्री गोयल ने बौद्धिक संपदा पारिस्थितिकी तंत्र(इकोसिस्टम)(आईपीआर) इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। पिछले 10 वर्षों में जीआई टैग के लिए अधिकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 365 से बढ़कर 29000 हो गई है और दिए गए पेटेंट की संख्या 6000 से बढ़कर 100000 हो गई है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 'विकास भी और विरासत भी' के विचार पर जोर देते हुए श्री गोयल ने प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला जिसमें उनके 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में विभिन्न उत्पादों का उल्लेख करना भी शामिल है।

आईपीआर इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार के प्रयासों पर बोलते हुए श्री गोयल ने अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन फंड और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना पर प्रकाश डाला। श्री गोयल ने जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य सरकारों के प्रयासों की भी सराहना की। श्री गोयल ने कहा कि सरकार ने विभाग में कमियों  की संख्या भी बढ़ाई है और पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन कर दिया गया है।

श्री गोयल ने जीआई उत्पादों की बेहतर ब्रांडिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई और बीआईएस के साथ सहयोग की आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे नकली उत्पादों की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।

प्रचार और विपणन प्रयासों के बारे में बोलते हुए श्री गोयल ने निजी क्षेत्र और रेलवे, हवाई अड्डों जैसे सरकारी संगठनों के साथ संभावित सहयोग के बारे में बात की। श्री गोयल ने जीईएम प्लेटफॉर्म, ओएनडीसी पोर्टल और यहां तक ​​कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जीआई टैग वाले उत्पादों को सूचीबद्ध करने की संभावना का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तेजी से भारतीय हथकरघा, हस्तशिल्प, विशेष खाद्य उत्पादों आदि की ओर देख रहे हैं। श्री गोयल ने यह भी बताया कि ओडीओपी उत्पादों के तरह जीआई उत्पादों को विदेशों में भारतीय दूतावासों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है और इस क्षेत्र के लिए निर्यात क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

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