वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय आईपी मूट कोर्ट प्रतियोगिता का उद्घाटन किया
अंतरर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के लिए चयनित छात्रों को केंद्र प्रायोजित करेगा: श्री पीयूष गोयल
Posted On:
07 FEB 2025 5:49PM by PIB Delhi
- श्री गोयल ने नैतिक उपयोग और प्रभावी तैनाती सुनिश्चित करने के लिए मजबूत एआई नियामक ढांचे का आह्वान किया
- प्रतियोगिता 7 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2025 तक होगी, जिसमें 3.25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि है
- मूट कोर्ट प्रतियोगिता का विषय "आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और कॉपीराइट" है
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अंतर्राष्ट्रीय संपत्ति अधिकार (आईपीआर) पर एक अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के लिए चयनित छात्रों को पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स के नियंत्रक जनरल (सीजीपीडीटीएम) कार्यालय द्वारा प्रायोजित किया जाएगा। यह बात केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में विधि प्रगति: राष्ट्रीय आईपी मूट कोर्ट प्रतियोगिता, 2025 के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन के दौरान कही।
डीपीआईआईटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, सेंटर फॉर इनोवेशन, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी और कॉम्पिटिशन (सीआईआईपीसी) और आईपीआर चेयर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के सहयोग से विधि प्रगति: राष्ट्रीय आईपी मूट कोर्ट प्रतियोगिता, 2025 का आयोजन कर रही है। यह प्रतियोगिता प्रतिभागियों को उनकी वकालत कौशल बढ़ाने, समकालीन कानूनी मुद्दों पर काम करने और बौद्धिक संपदा कानूनों, इसके प्रवर्तन और नवीनतम केस कानूनों का व्यापक ज्ञान प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
उन्होंने कहा कि एआई के अनैतिक उपयोग का सामना करने और आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रभावी तैनाती का समर्थन करने के लिए कानूनी और नीतिगत सहायता के साथ एक मजबूत नियामक ढांचे की आवश्यकता है। श्री गोयल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उतना ही अच्छा है जितना कि वह व्यक्ति जो इसकी क्षमता का उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एक उपकरण बन सकती है लेकिन कभी भी मानव मस्तिष्क का विकल्प नहीं बन सकती।
मूट कोर्ट प्रतियोगिता के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने छात्रों को उनकी कानूनी क्षमता को परिष्कृत करने और उनके दिमाग को खोलने में मदद करने में प्रारूप की व्यावहारिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रारूप में भागीदारी विद्वानों को विचारक, विचारकों को नवप्रवर्तक और नवप्रवर्तकों को नेता बनने में सक्षम बनाएगी।
श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कॉपीराइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक अनिश्चित भविष्य के दोराहे पर हैं। हम या तो कॉपीराइट को विनियमित करने में एआई का नैतिक रूप से उपयोग करके लाभ उठा सकते हैं या अनैतिक साधनों का उपयोग करके कॉपीराइट संरक्षण का उल्लंघन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई या तो रचनात्मकता को बढ़ा सकता है या यह वास्तविक नवप्रवर्तकों और उनके अधिकारों के लेखकत्व को बाधित कर सकता है। मंत्री गोयल ने कहा कि सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ अनुकूलन करने के लिए नियमों में बदलाव पर सुझावों के लिए विशेषज्ञों और युवा दिमागों के साथ जुड़ने की योजना बना रही है।
केंद्रीय बजट 2025 से नवाचार को मिलने वाले प्रोत्साहन पर प्रकाश डालते हुए, मंत्री ने कहा कि 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) की घोषणा की गई है और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) फंड में केंद्र के योगदान के हिस्से के रूप में 20,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। उन्होंने स्टार्टअप और उद्यमियों को नवाचार को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स के लिए बजट में घोषित 10,000 करोड़ रुपये पर भी प्रकाश डाला। श्री गोयल ने सरकार की शैक्षणिक पहल, वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का भी उल्लेख किया, ताकि छात्रों को विद्वत्तापूर्ण अनुसंधान ई-जर्नलों तक देशव्यापी पहुंच प्रदान की जा सके। उन्होंने शिक्षा के लिए एआई फंड के बारे में भी बात की, जो बजट 2025 में शिक्षा जगत, सरकार और निजी क्षेत्र के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
अपने संबोधन के दौरान मंत्री ने सुझाव दिया कि आईपीआर को देश भर के लॉ कॉलेजों में एक अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कानून को सही और गलत की अवधारणाओं से भी समझने की जरूरत है, जिसमें एआई एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुश्री प्रतिभा एम. सिंह और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अतिरिक्त सचिव सुश्री हिमानी पांडे ने कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शोभा बढ़ाई।
प्रतियोगिता का विषय "कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कॉपीराइट" है। यह विषय आज के डिजिटल परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां एआई प्रौद्योगिकियों की तेजी से प्रगति रचनात्मक उद्योगों को मौलिक रूप से बदल रही है। चूंकि एआई-जनित सामग्री तेजी से प्रचलित होती जा रही है, इसलिए लेखन, मौलिकता और कॉपीराइट सुरक्षा की सीमा के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा कानूनी प्रतिभाओं को पोषित करना, बौद्धिक संपदा कानून में नवीन सोच को बढ़ावा देना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रगति के संदर्भ में कॉपीराइट नियमों को अनुकूलित करने के महत्व को रेखांकित करना है। यह प्रतियोगिता प्रतिभागियों को कॉपीराइट के क्षेत्र में एआई द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों और अवसरों के साथ गंभीर रूप से जुड़ने का अवसर प्रस्तुत करती है।
7 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले इस प्रमुख कार्यक्रम में पूरे देश के लॉ स्कूल भाग लेंगे, जिससे मूटिंग और बौद्धिक विमर्श की एक जीवंत भावना को बढ़ावा मिलेगा। लॉ स्कूलों से आश्वस्त करने वाली प्रतिक्रियाओं की प्रत्याशा में, कुल 26 टीमें स्वंय को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की लड़ाई का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं, जो एक शानदार प्रतिस्पर्धी भावना को दर्शाती हैं। 3.25 लाख रुपये के पुरस्कार पूल के साथ, यह मूट प्रतियोगिता में भागीदारी में लगने वाले समय और संसाधनों के निवेश को पर्याप्त रूप से पुरस्कृत करेगी।
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(Release ID: 2100856)
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