श्रम और रोजगार मंत्रालय
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श्रम और रोजगार सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने असंगठित क्षेत्र में महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज और देखभाल सहायता बढ़ाने के संबंध में नई दिल्ली में आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की


महिलाओं के नेतृत्व वाले आर्थिक विकास के माध्यम से विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करना

महिलाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल और सामाजिक कल्याण सहायता की सुलभता बढ़ाना - इन प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करके भारत वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में उभर रहा है

Posted On: 04 FEB 2025 8:55PM by PIB Delhi

केन्द्रीय बजट 2025-26 में शामिल महिलाओं द्वारा संचालित विकास, जिसमें 70 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हों, के दृष्टिकोण के अनुरूप महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और देखभाल सहायता प्रदान करने के संबंध में एक गोलमेज चर्चा आज नई दिल्ली में श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुश्री सुमिता डावरा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस बैठक में श्रम और रोजगार मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों (यूनिसेफ, यूएनडीपी, आईएलओ, विश्व बैंक) तथा शिक्षा जगत (वीवीजीएनएलआई, आईईजी) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

आज के गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा संहिता और ईश्रम - वन-स्टॉप-सॉल्यूशन का लाभ उठाते हुए असंगठित क्षेत्र में महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज और देखभाल सहायता की पुनर्कल्पना पर बातचीत को बढ़ावा देना, ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना और देश में महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कार्य योजना विकसित करना था।

अवसरों को बढ़ाने व महिलाओं पर दबाव कम करने, प्रणालीगत दृष्टिकोण अपनाने व तालमेल बनाने, लचीली कार्य व्यवस्था, मौजूदा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, नीतियों एवं कार्यक्रमों में लैंगिक भेदभाव व पूर्वाग्रहों को दूर करने के लिए परिवार के अनुकूल नीतियों के सफल परिणामों पर वैश्विक स्तर की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों के विभागों द्वारा दिए जाने वाले लाभों के एकीकरण को भी आगे बढ़ने के एक महत्वपूर्ण तरीके के रूप में रेखांकित किया गया। विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं व कार्यक्रमों के एकीकरण की सुविधा में ई-श्रम का योगदान, नौकरी की मांग एवं आपूर्ति के बीच मेल और कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए एसआईडीएच की सुविधा प्रदान करने वाले राष्ट्रीय कैरियर सेवा पोर्टल जैसे विभिन्न अन्य पोर्टलों के साथ वन-स्टॉप-समाधान के माध्यम से निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है और रोजगार सृजन एवं कौशल विकास का समर्थन कर रहा है। बैठक के दौरान प्रदर्शित वैश्विक सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के साक्ष्य से पता चलता है कि ऐसे एकीकृत प्रयास उच्च प्रभाव पैदा करते हैं।

श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने अपने विशेष संबोधन के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि ईश्रम पर पंजीकृत श्रमिकों को दिया गया आधार-सीड यूनिक अकाउंट नंबर लाभार्थियों के बीच सामाजिक कल्याण योजनाओं की संतृप्ति का पता लगाने में सक्षम बनाता है। उन्होंने राज्य स्तर पर काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों से ईश्रम के माध्यम से अंतिम छोर तक व्यापक आपूर्ति सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का आग्रह किया। केन्द्रीय बजट 2025-26 का उल्लेख करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसकी विषयगत प्राथमिकताएं एमएसएमई, विनिर्माण क्षेत्र एवं फुटवियर, चमड़ा और खिलौना उद्योग जैसे श्रम आधारित क्षेत्रों में रोजगार आधारित विकास को बढ़ावा देने पर केन्द्रित हैं। उन्होंने कहा कि आज की चर्चा केन्द्रीय बजट में क्षेत्रीय विकास को दिए गए बड़े प्रोत्साहन के अनुरूप, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और श्रम बल में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए एक रणनीति विकसित करने पर केन्द्रित होगी।

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