मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एएचआईडीएफ का कार्यान्वयन

Posted On: 04 FEB 2025 5:15PM by PIB Delhi

देश में पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना के कार्यान्वयन की महाराष्ट्र सहित राज्य-वार वर्तमान स्थिति अनुबंध-I में दी गई है।

पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना ने विभिन्न क्षेत्रों में छोटे और सीमांत किसानों को काफी अधिक लाभान्वित किया है। इसने उनके आर्थिक सशक्तिकरण और आजीविका को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। यह योजना किसानों द्वारा उत्पादित पशुधन उत्पादों के लिए बेहतर विपणन अवसंरचना तैयार करने, बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने में सहायता कर रही है जिससे किसान लाभकारी मूल्य प्राप्त करके लाभान्वित हो रहे हैं। किसान/उद्यमी असंगठित बाजार से संगठित बाजार की ओर जाने में समर्थ हुए हैं।

व्यक्ति, निजी कंपनियां, सहकारी समितियां, धारा 8 कंपनियां, एमएसएमई और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। एएचआईडीएफ के डेयरी अवसरंचना विकास निधि (डीआईडीएफ) में विलय के बाद, डेयरी सहकारी समितियों और डेयरी किसानों को भी इस योजना के तहत लाभ मिल रहा है। एएचआईडीएफ के तहत, 85.95 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाले 131 पशु आहार संयंत्रों (पोल्ट्री और गोपशु के लिए) को अनुमोदित किया गया है। इस पहल से किसानों को किफायती, उच्च गुणवत्ता वाला और संतुलित आहार तथा चारा मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य, उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

इस योजना ने प्रत्यक्ष रूप से 60,000 लोगों को रोजगार देने में मदद की है और अप्रत्यक्ष रूप से 2,60,000 किसान लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, बेहतर अवसंरचना, तकनीक और बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करके, एएचआईडीएफ ने किसानों को अपना उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाया है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है, क्योंकि वे अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने और अपने उत्पादों को बेहतर कीमतों पर बेचने में सक्षम हुए हैं। अब तक एएचआईडीएफ के तहत 10367.90 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 366 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

अब तक, पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना के तहत, कुल 541 स्वीकृत परियोजनाओं में से ब्याज सबवेंशन के लिए 366 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है। अनुमोदित परियोजनाओं में से 160 परियोजनाएं निजी कंपनियों द्वारा प्राप्त की गई हैं, जिनका कुल अनुमोदित परियोजनाओं में 43% का योगदान है। इसके अतिरिक्त, 8 सहकारी समितियों, 5 एफपीओ, 39 व्यक्तियों, 153 एमएसएमई और 1 धारा 8 कंपनी की परियोजनाओं का भी अनुमोदन किया गया है।

पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) का डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) में विलय करने से डेयरी सहकारी समितियां इस योजना के अंतर्गत पात्र संस्थाएं बन गई हैं। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि छोटे पशुधन किसानों को सहकारी संरचनाओं के माध्यम से लाभ मिल सके। ये संरचनाएं एक समान पहुंच प्रदान करने में सहायता करने के लिए और निजी भागीदारों द्वारा शोषण को रोकने के लिए तैयार की गई हैं। इसके अतिरिक्त, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी इस योजना के तहत पात्र संस्थाओं के रूप में मान्यता दी गई है, और इस प्रकार वित्तीय सहायता तक सामूहिक पहुंच प्रदान करके छोटे स्तर के किसानों को और सशक्त बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र राज्य में अब तक एएचआईडीएफ के तहत स्थापित डेयरी मूल्य संवर्धन अवसंरचना इकाइयों और अन्य श्रेणियों की संख्या अनुबंध-II में दी गई है।

प्राथमिक रुप से, पशुपालन और डेयरी विभाग, पशुधन एवं पोल्ट्री के विभिन्न रोगों के लिए रोगनिरोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, रोग निगरानी और पशु चिकित्सा अवसंरचना को सुदृढ़ करने के माध्यम से पशु स्वास्थ्य में सुधार हेतु पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना लागू कर रहा है।

इसके अतिरिक्त, एएचआईडीएफ योजना का उद्देश्य 3 परियोजनाओं की स्थापना के माध्यम से पशु चिकित्सा दवाओं और टीकों की अवसंरचना को सृदृढ़ करना है, जिससे 90 लाख बोलस, 400 लाख टैबलेट, 60,000 किलोग्राम पाउडर और 2.75 लाख तरल पशु चिकित्सा औषधि और दवाएं, 70 लाख शीशियां और 3 करोड़ इंजेक्शन का उत्पादन होगा।

साथ ही, संतुलित राशन प्रदान करके स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार किया जाता है, जो इस योजना द्वारा सुनिश्चित किया जाता है, जिसमें एएचआईडीएफ के तहत प्रति वर्ष 85.95 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाली 131 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है।

पशुधन और पोल्ट्री  के बेहतर जर्मप्लाज्म को सुनिश्चित करने के लिए,एएचआईडीएफ के तहत नस्ल सुधार (पोल्ट्री) और नस्ल वृद्धि फार्म (गोपशु, भेड़, बकरी, सुअर) की 77 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है।

जहां तक पशुपालन अवसंरचना में आधुनिक तकनीक, डिजिटल समाधान और नवाचारों का सवाल है, एएचआईडीएफ योजना में तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त नस्ल वृद्धि फार्म, आधुनिक डेयरी प्रसंस्करण इकाइयाँ, मांस प्रसंस्करण सुविधाएँ, पशु चारा संयंत्र, पशु चिकित्सा औषधि और टीका उत्पादन इकाइयाँ तथा पशु अपशिष्ट से संपत्ति प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की परियोजनाएं शामिल हैं। इन इकाइयों में नवीन तकनीकों और डिजिटलीकरण को अपनाने से, खासकर पर्यावरण नियंत्रित पोल्ट्री फार्म और उन्नत पशुधन प्रजनन इकाइयों के माध्यम से, इस क्षेत्र में क्रांति आ रही है। स्वचालित पोषण प्रणाली और स्मार्ट सेंसर जैसी तकनीकें दक्षता और उत्पादकता बढ़ा रही हैं, जबकि अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकें सस्टेनेबिलिटी में योगदान दे रही हैं।

इसके अलावा, पशुधन क्षेत्र हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने के लिए विभाग की राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन पहल उत्पादकता, रोग नियंत्रण और पशुओं को ट्रेस करने की क्षमता में सुधार करेगी।

स्टार्ट-अप और युवा उद्यमी किसी भी पात्र संस्था जैसे व्यक्ति, निजी कंपनियों, धारा 8 कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और डेयरी सहकारी समितियों के तहत पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना का लाभ उठा सकते हैं।

अनुबंध-

 

महाराष्ट्र सहित देश में पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना के कार्यान्वयन की राज्य-वार वर्तमान स्थिति।

 

क्रम सं.

राज्य का नाम

अनुमोदित परियोजना

परियोजना लागत (करोड़ रूपये में)

सावधि ऋण (करोड़ रूपये में)

जारी ब्याज सबवेंशन (करोड़ रूपये में)

1

महाराष्ट्र

63

1836.18

1292.20

39.76

2

पश्चिम बंगाल

31

492.58

328.42

9.67

3

उत्तर प्रदेश

30

776.00

481.36

19.60

4

तमिलनाडु

29

1294.62

841.95

33.90

5

कर्नाटक

26

741.16

466.55

22.92

6

पंजाब

26

547.40

329.67

9.87

7

हरियाणा

22

484.29

275.70

11.44

8

मध्य प्रदेश

18

712.32

474.51

19.90

9

आंध्र प्रदेश

17

260.29

145.06

4.92

10

राजस्थान

17

256.25

168.58

4.24

11

तेलंगाना

17

959.87

661.99

29.34

12

गुजरात

16

944.53

746.92

17.67

13

ओडिशा

13

211.18

139.88

2.51

14

झारखंड

8

145.48

104.40

4.61

15

असम

7

91.37

45.14

1.99

16

छत्तीसगढ

7

240.02

191.00

4.83

17

बिहार

5

195.66

124.35

10.60

18

हिमाचल प्रदेश

5

63.01

37.03

0.12

19

जम्मू एवं कश्मीर

3

4.17

2.60

0.02

20

केरल

3

11.87

8.60

0.22

21

उत्तराखंड

2

95.12

76.00

2.51

22

पुदुचेरी

1

4.55

2.50

0.00

कुल योग

366

10367.94

6944.41

250.66

 

 

अनुबंध-II

 

महाराष्ट्र राज्य में एएचआईडीएफ के अंतर्गत स्थापित डेयरी और मूल्य संवर्धन अवसंरचना इकाइयों की संख्या:

क्रम सं.

अवसंरचना की श्रेणी

पूरी हो चुकी परियोजनाएं

1

डेयरी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन

21

 2.

नस्ल सुधार तकनीक और नस्ल वृद्धि फार्म

5

3.

पशु आहार संयंत्र (गोपशु और पोल्ट्री आहार)

15

 4.

पशु चिकित्सा टीका और औषधि उत्पादन सुविधाओं की स्थापना

1

कुल योग

42

 

 

यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

*****

AA


(Release ID: 2099673) Visitor Counter : 136


Read this release in: English , Urdu