वित्त मंत्रालय
वित्त वर्ष 2025 के दौरान यातायात, परिवहन और सड़क संपर्क सुविधा में बढोत्तरी जारी रही : आर्थिक समीक्षा 2024-25
उच्च विकास दर की गति बनाये रखने के लिए अगले दो दशकों में बुनियादी ढांचे में निवेश करने की आवश्यकता
रेलवे नेटवर्क के विस्तार में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल भी काफी वृद्धि हुई, वहीं रोलिंग स्टॉक में बढ़त दर्ज की गई
वित्त वर्ष 2025 के दौरान बंदरगाह क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई, एवरेज कंटेनर टर्नअराउंड समय में कमी आई
उड़ान योजना के तहत 88 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 619 हवाई मार्ग विमान सेवाओं का संचालन
वित्त वर्ष 2024 के दौरान हवाई कार्गो प्रबंधन क्षमता 8.0 मिलियन मीट्रिक टन पहुंची
Posted On:
31 JAN 2025 1:59PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा 2024-25 पेश करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान यातायात, परिवहन और सड़क संपर्क सुविधा में बढोत्तरी जारी रही। उन्होंने कहा कि भारत को उच्च विकास दर की गति बनाये रखने के लिए आने वाले दशकों में बुनियादी ढांचे में निवेश करने की आवश्यकता है।
रेलवे
रेलवे नेटवर्क के विस्तार में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल भी काफी वृद्धि हुई, वहीं रोलिंग स्टॉक में बढ़त दर्ज की गई। रेलवे स्टेशन आधारभूत संरचनाओं पर ध्यान दिये जाने और लोकोमोटिव तथा रेलगाडि़यों के डिब्बों की संख्या बढ़ोत्तरी व सुधार ने रेलवे क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाओं को काफी बढ़ाया है। भारतीय रेलवे अपनी सिग्नलिंग व सुरक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करके रेल संचालन गतिविधियों को गुणवत्ता प्रदान कर रहा है और विशाल रेलवे नेटवर्क में सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहा है। रेल यात्रा को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से मैकेनिकल सिग्नलिंग व्यवस्था का उन्मूलन, कवच स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लिए सिग्नल डिजाइन ऑटोमेशन टूल जैसी कई व्यवस्थाएं की गई हैं।
रेल प्रणाली में हालिया सुधार
- गति शक्ति मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी): 31 अक्टूबर 2024 तक 91 गति शक्ति मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल और 234 स्थलों को स्वीकृति दी गई।
- निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन: भारतीय रेलवे में 2029-30 तक 30 गीगा वॉट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए अक्टूबर 2024 तक 375 मेगावॉट सौर ऊर्जा और 103 मेगावाट पवन ऊर्जा निर्धारित है।
- प्रमुख आर्थिक कॉरिडोर: पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर दर्शाये गए तीन रेलवे कॉरिडोर के अंतर्गत 11.17 लाख करोड़ रुपये की 434 परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है।
- पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी): पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के अंतर्गत 17 परियोजनाएं (16,434 करोड़ रुपये की) पूरी हो चुकी हैं और वर्तमान में 8 परियोजनाएं (16,614 करोड़ रुपये की) जारी हैं।
- वंदे भारत रेलगाड़ी: अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच 17 जोड़ी नई वंदे भारत रेलगाडि़यों को भारतीय रेल नेटवर्क में जोड़ा गया है और 228 कोच का निर्माण किया गया है।
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पत्तन, पोत परिवहन और अंतर्देशीय जल परिवहन
वित्त वर्ष 2025 में बंदरगाह क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे संचालन दक्षता में सुधार हुआ है और देश के प्रमुख बंदरगाहों पर औसत कंटेनर टर्नअराउंड समय में कमी आई है। यह वित्त वर्ष 2024 में 48 घंटे एक मिनट था, जो वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल से नवंबर) में 30 घंटे 4 मिनट पर पहुंच गया।
पत्तन, पोत परिवहन और अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र में किए गए सुधार
- केन्द्र सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत 69 हजार 800 करोड़ रुपये की लागत वाली 98 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिसमें 23 संयुक्त परियोजनाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा 38 हजार करोड़ रुपये के पीपीपी निवेश से वधावन पत्तन परियोजना का विकास किया जा रहा है।
- वर्तमान में 41 हजार 480 करोड़ रुपये लागत की 56 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनसे पत्तन क्षमता में लगभग 550 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की बढ़ोत्तरी हुई है।
- अक्टूबर 2024 के दौरान लोथल में 14 गैलरियों वाले संग्रहालय सहित राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर को मंजूरी दी गई, जिसमें सबसे ऊंचा लाइट हाउस संग्रहालय, भारतीय नौसेना की विस्तृत गैलरी और विशेष मनोरंजन पार्क शामिल है।
- ग्रेट निकोबार द्वीप की गैलेथिया खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट की योजना बनाई गई है। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय पूर्वी तटीय पत्तन और पड़ोसी देशों के साथ ट्रांसशिपमेंट को बढ़ावा देना है।
- शहरी जलमार्ग परियोजना के अंतर्गत 1,303 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है और वर्तमान समय में 30 में से 16 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन विकास कार्यों से 35 लाख यात्रियों को लाभ हुआ है और 5 लाख वाहनों तथा एक लाख मालवाहक ट्रकों का परिवहन सुलभ हुआ है।
- भारत पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी जलमार्ग कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ा रहा है। इसके लिए बांग्लादेश में जलमार्गों का विकास और 305 करोड़ रुपये की परियोजना में 80 प्रतिशत का योगदान किया जा रहा है।
- भारत ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों तथा भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के विकास के लिए एक हजार 10 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है।
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सड़क परिवहन
भारत का कुल सड़क नेटवर्क 63.4 लाख किलोमीटर है, जिसमें एक लाख 46 हजार 195 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क भी शामिल है। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क भारत में सड़क परिवहन की मेरुदंड है। यह भले ही देश में सड़कों के जाल का दो प्रतिशत हिस्सा ही है, लेकिन यह सड़कों के माध्यम से माल परिवहन और यातायात के 40 प्रतिशत हिस्से की जिम्मेदारी उठाता है।
सड़क परिवहन क्षेत्र में सुधार
- देश में परियोजना आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास के स्थान पर कॉरिडोर आधारित सड़क विकास को प्राथमिकता दी गई है, जिससे देश के राजमार्गों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा वर्ष 2014 में 91,287 किलोमीटर था, जो 2024 में बढ़कर एक लाख 46 हजार किलोमीटर तक पहुंच चुका है।
- भारतमाला परियोजना, चार धाम महामार्ग परियोजना, नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर और चार लेन तथा उससे ऊपर के राष्ट्रीय राजमार्गों को प्रमुखता दी जा रही है।
- सड़क संपर्क सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं, जिनमें राजमार्गों पर आधुनिक तरीके से यातायात प्रबंधन, लॉजिस्टिक पार्क का विकास, वाहनों के कबाड़ का सतत प्रबंधन और कई रोप-वे परियोजनाएं भी शामिल है।
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नागर विमानन
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित हवाई अड्डा संचालक और निर्माणकर्ता वित्त वर्ष 2020 से 2025 के बीच 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक पूंजीगत व्यय योजना पर कार्य कर रहे हैं। इस धनराशि के तहत नवंबर 2024 तक लगभग 91 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
नागर विमानन क्षेत्र में सुधार
- उड़ान योजना के अंतर्गत अब तक 88 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 619 हवाई मार्गों को संचालित किया जा रहा है, जिनमें 2 एयरोड्रोम और 13 हेलीपोर्ट शामिल हैं।
- वित्त वर्ष 2024 के दौरान हवाई अड्डा कार्गो प्रबंधन क्षमता 8.0 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है।
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डिजिटल कनेक्टिविटी
भारत सरकार के डिजिटज इंडिया दृष्टिकोण को प्रमुखता देते हुए इस वित्त वर्ष के दौरान डिजिटल कनेक्टिविटी में डिजिटल समावेशन, तकनीकी नवाचार और विनियामक सुधारों हेतु काफी प्रगति हुई है।
डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार
टेलीकम्युनिकेशन
- 31 अक्टूबर 2024 तक सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने 5जी सेवाओं को शुरू कर दिया गया था।
- अगस्त 2024 में यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड का नाम परिवर्तित करके डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) कर दिया गया। डीबीएन के अंतर्गत भारत नेट प्रोजक्ट, पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापक दूरसंचार विकास योजना, अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह के लिए दूरसंचार विकास कार्य, वंचित रहे इलाकों में मोबाइल सेवाएं और आकांक्षी जिलों हेतु विशेष योजनाएं जैसी कई पहल की गई हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी
- 30 नवंबर 2024 तक नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर ने मेघराज के नाम से प्रचलित अपने जीआई क्लाउड इनिशिएटिव प्लेटफॉर्म पर 1,917 एप्लीकेशन्स को सुविधा एवं सहायता प्रदान की है।
- सरकार ने उपयोगकर्ता विभागों की क्लाउड आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 23 सार्वजनिक और निजी क्लाउड सेवा प्रदाताओं को सूचीबद्ध किया है।
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आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार उच्च विकास दर की गति बनाये रखने के लिए अगले दो दशकों में बुनियादी ढांचे के निर्माण में क्रमबद्ध निवेश करने की आवश्यकता है। हमारे प्रयास एकीकृत मल्टीमॉडल परिवहन व्यवस्था और वर्तमान में उपलब्ध अवसंरचनाओं के आधुनिकीकरण के माध्यम से अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक परिवहन व यातायात संपर्क सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जारी हैं।
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एनबी/एमजी/हिन्दी इकाई-12
(Release ID: 2097897)
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