सबसे पहले तो जो मैंने नृत्य यहाँ देखा, सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा और कहा गया महाकुंभ चलने का।मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। एक फरवरी को परिवार और परिजनों के साथ कुंभ में डुबकी लगाऊंगा, आशीर्वाद प्राप्त करूंगा और यह मेरा गौरव होगा कि वहाँ मैं संकल्प लूँगा कि जितनी सेवा इस राष्ट्रकि की जाए, कम है।
मैं भारत के सबसे बड़े प्रांत के लोगों को उनके राज्य स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। माननीय मुख्यमंत्री ने विस्तार से 24 जनवरी 1950 तक की गाथा बताई है: कैसे उत्तर प्रदेश बना, पिछले सात-आठ साल में कैसे उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना और कैसे उत्तर प्रदेश उद्यमप्रदेश बनने जा रहा है, यह सबके सामने है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने सही तरीके से चरितार्थ किया है। जिसको हम UP कहते हैं वो Unlimited Potential का स्थान है। सुखद वातावरण है कि this unlimited potential is being exploited optimally and fully for the benefit of the state and benefit of the country.
2018 से राज्य स्थापना दिवस समारोह मनाने की परंपरा एक सराहनीय कदम है। मुख्यमंत्री साधुवाद के पात्र हैं क्योंकि हर स्थापना दिवस पर एक योजना का प्रारंभ हुआ है। पर आज के दिन जिस योजना का प्रारंभ हुआ है, वो हमारी तात्कालिक आवश्यकता है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। मुझे सबसे अच्छा लगा, मुख्यमंत्री जी, इसका सरलीकरण कर दिया गया है। इसमें कोई बाधाएं नहीं आएँगी। रास्ता ठीक चलेगा तो दूसरे कदम पर भी सहायता मिलेगी और आने वाले 10 वर्ष में 10 लाख उद्यमी ही नहीं बनेंगे, वो उद्यमी बनेंगे जो औरों के लिए अवसर ढूंढेंगे। They will employ more people। यह बहुत बढ़िया स्कीम है। यह आयोजन जो प्रांत के 75 जिलों में हो रहा है, भारत के सबसे बड़े प्रांत की पहचान और अस्मिता की अभिव्यक्ति है।
आज के दिन जो पहले नहीं था, वो है कि उत्तर प्रदेश विकास का सूचक है। उत्तर प्रदेश की पहचान इसकी विकास गति है। प्रांत निरंतरता से तीव्र गति से अप्रत्याशित प्रगति के पथ पर अग्रसर है। माननीय मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश में यह आसान नहीं था, बहुत मुश्किल था, अकल्पनीय था। सोचा नहीं था ऐसा होगा। आपने जो चमत्कारी परिवर्तन किया है, जो विकास धरातल पर दिखाया है, आप साधुवाद के पात्र हैं।
गत दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जो भारत ने प्रगति की है, वो दुनिया में बेमिसाल है। किसी भी राष्ट्र ने गत 10 वर्षों में उतनी छलांग नहीं लगाई है, जितनी भारत ने लगाई है। अकल्पनीय आर्थिक उछाल। आज भारत दुनिया की पाँचवीं आर्थिक महाशक्ति है। आने वाले दो-तीन वर्ष में तीसरी महाशक्ति बनेगा। विश्वस्तरीय संस्थागत ढाँचे के निर्माण और इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।दुनिया के लिए एक उदाहरण है। आपके यहाँ जो ढाँचा दिख रहा है, that meets with highest global standards।
तकनीकी और व्यापार का विस्तार भारत की इस मजबूत लंबी छलांग में उत्तर प्रदेश की भागीदारी महत्वपूर्ण है। माननीय मुख्यमंत्री जी, एक जमाना था जब उत्तर प्रदेश की पहचान कानून और व्यवस्था की चिंता से होती थी। सभी के लिए चिंतन और चिंता का विषय था। उससे निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। ऐसा लगता था कि प्रांत एक चक्रव्यूह में फंस गया है और प्रांत की जो संभावनाएँ हैं, वो कुंठित होती जा रही हैं। आपने चमत्कारिक तरीके से उत्तर प्रदेश को सुशासन वाले प्रदेश की पहचान दी है। यह प्रगति की चर्चा देश में है, विदेश में है और प्रांत में तो निश्चित रूप से है।
और इस प्रांत की चर्चा क्यूँ न हो? प्रदेश को अयोध्या वासी प्रभु श्री राम की निरंतर कृपा है, काशी स्थित भगवान विश्वनाथ का संरक्षण है, मथुरा वासी भगवान श्री कृष्ण के आशीष हैं, वृंदावन वासी भगवान बांके बिहारी का स्नेह है और संकटमोचन भगवान श्री हनुमान जी का सामर्थ्य प्राप्त है। और यह सब होते हुए गोरखनाथ मठ के महंत योगी आदित्यनाथ इसका संचालन कर रहे हैं। जब सारथी मजबूत होता है तो विकास गुणात्मक होता है।
इस सबके साथ एक बात जुड़ गई है कि जिस प्रदेश में योगियों की पृष्ठभूमि रही है, इतिहास इसका साक्षी है, उस प्रदेश की नियति आज एक योगी के सबल हाथ में है। और इसी का नतीजा है कि इस देश में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन गया है। यहाँ से आशा की किरण पूरे देश को प्रभावित करती है। सूरदास, तुलसीदास, कबीर, मीराबाई और रसखान जैसी पवित्र आत्माओं की कर्मभूमि आज देश में स्वस्थ प्रभावी कानून व्यवस्था की पहचान बन गई है।
भगवान बुद्ध ने जिस प्रदेश में अपना प्रथम संदेश दिया, वहाँ से आज मुख्यमंत्री योगी के विकास की गाथा का सुखद प्रसारण हो रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन की गाथाओं से ओतप्रोत रहे इस प्रदेश में 1998 से 26 साल की उम्र में लोकसभा के पांच चुनाव निरंतरता से जीतते हुए, 2017 मार्च से मुख्यमंत्री के पद का दायित्व निर्वहन करते हुए। 26 साल के बालक, 26 साल के महंत ने, 26 साल अब तक जनसेवा को समर्पित कर दिए। दृढ़ संकल्प के साथ मेरा परम सौभाग्य रहा है कि जब पहली बार लोकसभा का सदस्य बना, आपके गुरु गोरखनाथ मठ के तबके महंत अवैद्यनाथ जी के साथ मुझे नवीं लोकसभा का सदस्य बनने का सौभाग्य मिला। लंबी चर्चा उनसे मेरी नहीं हो पाई, पर कुछ पल मुझे याद हैं कि मैंने उनका आशीर्वाद लिया।
कीर्तिमान देखिए: उत्तर प्रदेश राजनीतिक दृष्टि से, राजनीतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। पर लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने वाले इस प्रांत में सिर्फ योगी आदित्यनाथ हैं। और अब तक जो इनका कार्यकाल रहा है, वो किसी भी पहले के मुख्यमंत्री से ज़्यादा काल है।
मेरा यह कहना है कि देश और व्यक्ति के मन में कई बार विचार आते हैं और कई बार ऐसे मौके आते हैं, खासतौर से प्रजातांत्रिक व्यवस्था में, जब हालात चुनौतीपूर्ण होते हैं तो बात असरदार करनी होती है, बात धारदार करनी होती है। बात का संकेत नहीं, स्पष्ट संदेश जाना चाहिए। पूरे प्रांत और देश ने देखा, जब आपके एक उद्बोधन में उद्घोष हुआ: "अपनों के साथ नहीं खड़े होंगे तो मौका आएगा, हमारे साथ कोई नहीं खड़ा होगा।" यह संदेश यहाँ से गया है।
कुरुक्षेत्र में गीता के 18 अध्याय लिखे गए हैं। आज के सामयिक काल में एकता की परिभाषा बदली और यहाँ से उद्घोष हुआ कि हम एक नहीं होंगे तो उसका क्या दुष्परिणाम होगा। इस विचारधारा को पूरे देश ने स्वीकार किया। जमीनी हालात बदले, नतीजे सामने आए हैं। यह क्षेत्र राजधर्म के आधारभूत एवं जनकेंद्रित शासन सिद्धांतों की प्रयोगशाला बन गया है।
एक समय था, बहुत पीछे नहीं जाना पड़ेगा, जब भारत को पाँच विश्व की कमज़ोर आर्थिक ताकतें भी माना जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पैशन से, कमिटमेंट से, मिशन से और execution से उसको धराशायी किया। हम आज विश्व की पाँचवी महाशक्ति हैं।
उसी तरीके से, एक समय था, आपके मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने से पहले, इस प्रदेश की पहचान थी बीमारू राज्य। आज इसका कोई ज़िक्र नहीं करता, क्योंकि जो परिवर्तन है वह 180 डिग्री हो गया है। हमें आकलन अवश्य करना चाहिए, और कोई भी व्यक्ति या संस्था यदि आकलन से ऊपर है, तो उसमें गिरावट निश्चित है।
आपके प्रदेश की प्रगति का जब आकलन करते हैं, तो आपका प्रदेश Ease of Business में, जो कि आवश्यक है, कोई भी निवेश नहीं करेगा, जब उसको सरलता नहीं दिखेगी। उसको यदि भ्रष्टाचार दिखेगा, उसको Inefficiency दिखेगी,उसको Red Tapismदिखेगा, वो नहीं आएगा। आपने लंबी छलांग लगाई है। उन्नीसवें स्थान से दूसरे स्थान पर आए हैं।
एक मामले में, मुख्यमंत्री जी, आप कटघरे में हैं। आप दोषी हैं। एक मामले में बड़ी भारी गिरावट आई है, अपराध में आपकी हिस्सेदारी बहुत कम हो गई है। कम क्या हो गई, आप अपराध पर प्रतिघात करते हैं और जो कुठाराघात होता है, उसका संदेश उत्तर प्रदेश के बाहर भी जाता है।
हमें हमारी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना पड़ता है। शांति का सबसे पहला सिद्धांत है:You must have power of strength.आपमें ताकत नहीं है, तो आप शांति के संदेश को प्रभावी नहीं कर सकते।
देश में बड़ा बदलाव आया, डिफेंस कॉरिडोर ने कारनामे दिखाए। 25 हज़ार करोड़ का निवेश, सात वर्षों में निर्यात दुगना हो गया। मैं नहीं कहना चाहता विस्तार से कहा जा चूका है। Airports की संख्या बढ़ रही है। Metro Cities की संख्या बढ़ रही है। आगरा भी होने वाला है जल्दी।
और यही कालखंड है। ऊपर वाला भी तय करता है। 140 वर्षों से ज्यादा के बाद प्रयागराज में जो आज हो रहा है, पूरा विश्व आश्चर्यचकित है। पूरी दुनिया का ध्यान है और आकलन के हिसाब से 40 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं की सहभागिता ने विश्व को भारतीय प्रबंधन कौशल का परिचय दिया है।
मुझे व्यक्तिगत ध्यान है कि विश्व की कई संस्थाएँ इसका अध्ययन कर रही हैं कि यह इतना बड़ा आयोजन हो कैसे रहा है।
आपने कह दिया कि एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, अब वो दिखाई देती है। वो नज़र से ओझल नहीं है। मेरा यह कहना है कि अब ऐसा मौका है कि मोदी जी ने कुछ नीतियों के माध्यम से हर घर में शौचालय, हर घर में नल और जल, हर रसोई में गैस कनेक्शन।हर जगह टॉयलेट की व्यवस्था तो हो ही गई है, सड़क की हो गई है, बिजली की हो गई है, इंटरनेट की हो गई है।जोगत दस साल के अंदर लोगों ने विकास को चख लिया है। उनको लग गया कि अब जो कहा गया, वो मुमकिन हो रहा है। धरातल पर है, तो उनको विकास का चस्का लग गया है। इसका नतीजा यह है कि दुनिया में आज के दिन भारत, जहाँ विश्व की एक छठी आबादी रहती है, दुनिया का सबसे बड़ा Aspirational देश है। आपने यह कदम उठाया है Aspirations का ध्यान रखने के लिए, युवा उद्यमियों के लिए।
आज आवश्यकता है कि हम चुनौतियों की ओर भी ध्यान दें, क्योंकि जब भारत इतनी बड़ी छलांग लगा रहा है और विकसित भारत हमारा सपना नहीं, हमारा लक्ष्य है। जो पूरे देश में महायज्ञ हो रहा है विकसित भारत के लिए, उसमें सबसे बड़ी आहुति उत्तर प्रदेश से है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश पहले दिखाई नहीं देता था। दिखाई देता था सिर्फ जनसंख्या के आधार पर। पर आज के दिन जो कीर्तिमान स्थापित हो गया, वह ज़मीनी हकीकत है। उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था में दूसरा स्थान रखता है।और मेरे मन में कोई शंका नहीं है! आने वाले कुछ वर्षों में, क्योंकि उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश, उद्यमप्रदेश... इसका तो एक ही स्थान है: No. 1, और वहीं पहुँचना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बहुत बड़ी बात कही: स्वदेशी के लिएVocal for Local.मैंने आज भी देखा, और नोएडा में भी देखा। आपके यहाँVocal for Localव्यापारिक संभावनाओं से ओतप्रोत है। इसमें अपार संभावनाएँ हैं, रोजगार की भी और Value Addition की भी।
काम निरंतरता से हो रहा है। इसमें और गति आ सकती है। विकसित भारत में सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारे नवयुवकों का है। नवयुवकों को समझना पड़ेगा कि आज देश में उनके लिए जो रोजगार की संभावनाएँ हैं, वह लगातार बढ़ती जा रही हैं।पर उनकी सोच सरकारी नौकरी के दायरे में सीमित हो गई है। इसमें बदलाव आने की आवश्यकता है। उत्तर से उत्तम की यात्रा यही है नव उत्तर प्रदेश की गाथा।
मैं राज्य स्थापना दिवस पर सभी को शुभकामनाएँ तो देता हूँ। पर चार बातों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करूँगा।
हमें संकल्प लेना होगा कि हर परिस्थिति में हम राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें। हम भारतीय हैं। भारतीयता हमारी पहचान है। कोई भी लाभ, कोई भी लालच राष्ट्र धर्म से ऊपर नहीं हो सकता।
समय आ गया है हर नागरिक को सोचने का की आर्थिक स्वतंत्रवाद की ओर बढ़ें। बड़ी पीड़ा होती है हम उन वस्तुओं का आयात करतें हैं, जो हमारे देश में निर्मित हो सकती हैं। किन-किन का करते हैं? दिये का करते हैं, कैंडल का करते हैं, फर्नीचर का करते हैं, कार्पिट का करते हैं, कार्पेट का करते हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स का करते हैं।यह देश में निर्मित होती हैं। हर भारतीय यदि अगर संकल्प लेता है कि उस चीज़ का उपयोग नहीं करूँगा विदेश से,जो मेरे भारत में बनती है, तो तीन फायदे होंगे:
- हमारा विदेशी मुद्रा का भंडार है उसमें छेद नहीं होगा।
- हमारे लोगों को काम मिलेगा।
- हमारे उद्यमी उत्साहपूर्वक उसमें कूदेंगे।
एक और बात है। माननीय मुख्यमंत्री जी, आपके यहाँ तो हो रहा है, पर राष्ट्र की दृष्टि से बता रहा हूँ। हमें कच्चा माल बाहर नहीं भेजना चाहिए। यह हमारे लिए शुभ संकेत नहीं है।
कच्चे माल को जब हम बाहर भेजते हैं, तो हम अपने आपको आईना दिखाते हैं:We can’t add value to our product.यह संकल्प लेना चाहिए। जो उद्यमी हैं, राज्यसभा सांसद संजय सेठ यहाँ बैठे हैं, आप लोगों को इसमें पहल करनी चाहिए।
Industry, Commerce, Trade Associations को संकल्पित होना चाहिए:We will add value to our raw materials and we will not allow avoidable imports.
तीसरी बात:हमारे भारत में करोड़ों की संख्या में गैर कानूनी रूप से शरणार्थी रह रहे हैं। करोड़ों की संख्यामें!वो चुनौती देते हैं- हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को, शैक्षणिक सेवाओं को, नौकरियों के ऊपर वो असर डालते हैं और यह एक गंभीर चिंता का विषय है। वो चुनाव के खेल में भी अपनी भूमिका निभाने की सोच रहे हैं। दुनिया भर में यह बात आगे बढ़ती जा रही है। दुनिया के विकसित देश इसकी ओर अपना ध्यान दे रहे हैं।पर अपने भारत में यह ध्यान देने की आवश्यकता है।हमारे भारत में गैरकानूनी शरणार्थी करोड़ों की संख्या में क्यों हैं? अविलंब कदम उठाने चाहिए। यह देश की अस्मिता के लिए जरूरी है, देश के स्थायित्व के लिए जरूरी है। वरना वो ताकतें, जो देश को कमजोर करने में लगी हुई हैं, देश की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं।उनको लग रहा है कि भारत जैसा लोकतंत्र, जीवंत लोकतंत्र, यदि इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था का मालिक हो जाएगा, तो विश्व के जो अन्य देश हैं, उनकी भागीदारी कम हो जाएगी।
हर जनमानस को यह देखना चाहिए और आज के दिन नवयुवकों को मेरा यह संदेश है: आपके हाथ में बहुत बड़ी ताकत है। आपको यह लगे कि कोई देश के विपरीत काम कर रहा है, देशहित को तिलांजलि दे रहा है, भारत के खिलाफ जो ताकतें हैं उनके साथ मिला हुआ है, तो उनको निष्क्रिय कीजिए। उन पर प्रतिघात कीजिए।
माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपका आभारी हूँ कि आपने मुझे यह सुअवसर दिया और साथ में इस बात का भी आभार प्रकट करता हूँ कि मुझे कुंभ में आने का निमंत्रण दिया।
मैं एक बार फिर उत्तम प्रदेश की जनता को स्थापना दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ और यह कामना करता हूँ कि निरंतरता से जिस तीव्र गति से आप विकास की यात्रा पर अग्रसर हैं, वो बिना किसी अवरोधक के आगे बढ़ती रहे।
नमस्कार, बहुत-बहुत धन्यवाद।
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