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राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) की वर्ष 2024 की वर्षांत समीक्षा


राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) आईटीईसी और आईओआर के तहत विदेश मंत्रालय की योजनाओं के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक अधिकारियों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए प्रमुखता से एक संस्थान के रूप में उभरा है; एनसीजीजी भारत के सुशासन मॉडल को बढ़ावा देता है

एनसीजीजी ने 2024 में कई बहु-देशीय कार्यक्रमों सहित 45 देशों के 958 प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भाग लिए गए 29 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संचालित किया

एनसीजीजी ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए श्रीलंका, मालदीव, कंबोडिया, गाम्बिया और मलेशिया के साथ कई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत इन देशों के प्रशासनिक अधिकारी एनसीजीजी में 2024-2029 के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेंगे

मालदीव के 1000, श्रीलंका के 1500, कंबोडिया के 1000 तथा गाम्बिया और मलेशिया के 500 प्रशासनिक अधिकारी 2024-2029 तक एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेंगे

एनसीजीजी ने एक राष्ट्रव्यापी सुशासन ग्रिड बनाने के लिए मिजोरम विश्वविद्यालय (आइजोल), आईआईएम काशीपुर, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम तिरुचिरापल्ली, आईआईएम सिरमौर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी जोधपुर और आईआईएम कलकत्ता के साथ सहयोग किया है

Posted On: 22 JAN 2025 12:14PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने 2024 में महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल कीं। इसने नवीन पहलों, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के जरिये सुशासन को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य को और आगे बढ़ाया है। वर्ष 2024 की मुख्य उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

1. प्रशासनिक अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम: भारत सरकार के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के विजन और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समर्थित 'पड़ोस पहले' नीति के अनुरूप, एनसीजीजी ने तंजानिया, श्रीलंका, गाम्बिया, कंबोडिया, बांग्लादेश, मालदीव और केन्या सहित 45 देशों के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए 29 अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए। लैटिन अमेरिका और कैरिबियन (एलएसी), बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग हेतु बंगाल की खाड़ी पहल (बीआईएमएसटीईसी), फोरम भारत-प्रशांत आइलैंड्स कोऑपरेशन (एफआईपीआईसी) एवं इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए), दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और अफ्रीकी क्षेत्रों के लिए विशेष बहु-देशीय कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। 2024 में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने अपने क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के जरिये 958 अंतर्राष्ट्रीय प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया, जिसमें इस वित्तीय वर्ष के अंत तक समाप्त होने वाले आठ अतिरिक्त कार्यक्रम शामिल हैं।

घरेलू स्तर पर, एनसीजीजी ने विशाखापत्तनम में 19 अधिकारियों के लिए "डिजिटल गवर्नेंस" पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए, जिनकी तकनीकी एकीकरण के जरिये प्रशासनिक दक्षता और सेवा वितरण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बहुत प्रशंसा की गई। जम्मू और कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए 8वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी संचालित किया गया, जिसमें 38 अधिकारियों ने भाग लिया।

फ़ोटो के लिए पोज़ देते हुए लोगों का एक समूहविवरण स्वचालित रूप से जनरेट किया गया

2. वैश्विक/राष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने के लिए समझौता ज्ञापन: 2024 में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने श्रीलंका, मालदीव, कंबोडिया, गाम्बिया और मलेशिया जैसे देशों के साथ कई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके क्षमता निर्माण के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया। इन एमओयू के तहत मालदीव के 1000, श्रीलंका के 1500, कंबोडिया के 1000 तथा गाम्बिया और मलेशिया के 500 प्रशासनिक अधिकारी 2024-2029 तक एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर, एनसीजीजी ने मिजोरम विश्वविद्यालय (आइजोल), आईआईएम काशीपुर, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम तिरुचिरापल्ली, आईआईएम सिरमौर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी जोधपुर और आईआईएम कलकत्ता सहित प्रख्यात संस्थानों के साथ सहयोग करके अपनी घरेलू साझेदारी को मजबूत किया।

3. राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला : अप्रैल 2022 में शुरू की गई राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला ने 2024 में गति पकड़ी, जो सर्वोत्तम प्रथाओं और अभिनव शासन समाधानों के लिए एक मंच प्रदान करती है। पाँच वेबिनार संचालित किए गए, जिनमें राज्यों में नवाचार, आकांक्षी जिला कार्यक्रम और भारत@100 के लिए प्रशासनिक सुधार जैसे विषय शामिल थे। वेबिनार में जिला कलेक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित 2,688 लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कारों से पुरस्कृत पहलों को प्रदर्शित किया।

4. एनसीजीजी इंटर्नशिप कार्यक्रम: एनसीजीजी इंटर्नशिप कार्यक्रम महत्वाकांक्षी नीति निर्माताओं को प्रोत्साहित करना जारी रखता है, जिससे उन्हें शासन में व्यावहारिक अनुभव मिलता है। 2024 में, विभिन्न राज्यों से 17 प्रशिक्षुओं के एक समूह ने कार्यक्रम पूरा किया, जबकि 16 प्रतिभागियों का चौथा समूह वर्तमान में महत्वपूर्ण शासन संबंधी मुद्दों पर काम कर रहा है, जैसे कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के प्रभाव का मूल्यांकन, जेंडर आधारित वेतन अंतर को संबोधित करना और बाल-समावेशी शासन में सुधार करना, ग्रामीण शिक्षा को बढ़ाने और स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को अनुकूलित करने के लिए डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाना, जलवायु प्रतिस्कंदन, स्वच्छ ऊर्जा और स्थायी पर्यटन के लिए नीतियां विकसित करना आदि।

5. एनसीजीजी-आईएनएसए एलईएडीएस कार्यक्रम: भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के सहयोग से, एनसीजीजी ने अत्याधुनिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में लगे वरिष्ठ वैज्ञानिकों के लिए आईएनएसए एलईएडीएस कार्यक्रम शुरू किया। एनसीजीजी ने वर्ष 2024 में दो ऐसे कार्यक्रम संचालित किए, जिनमें पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव वाले 81 वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

6. भागीदार संस्थानों के साथ वेबिनार श्रृंखला: राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने आईआईएम लखनऊ, आईआईटी कानपुर, आईआईएम सिरमौर और मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित प्रमुख संस्थानों के सहयोग से "सुशासन: नीतियां और प्रथा" पर वेबिनार की एक श्रृंखला आयोजित की। इन वेबिनारों ने ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिसमें अभिनव शासन प्रथाओं और नीतिगत फ्रेमवर्क पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन कार्यक्रमों में कुल 269 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी शासन को बढ़ावा देने में बढ़ती रुचि और जुड़ाव को दर्शाता है।

7. सुशासन के लिए राष्ट्रीय ग्रिड: एनसीजीजी सुशासन पर राष्ट्रीय ग्रिड (एनजीजीजी) की स्थापना की अगुआई कर रहा है। पहली बार, इस पहल का उद्देश्य प्रभावी शासन सुधारों और सेवा वितरण के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार करना है। एनजीजीजी के दायरे, संरचना और दिशा-निर्देशों पर विचार-विमर्श करने के लिए, 26 दिसंबर 2024 के महीने में वरिष्ठ अधिकारियों और संकाय सदस्यों के साथ एक चर्चा सत्र आयोजित किया गया, जिसमें शासन के सभी क्षेत्रों से विशेषज्ञता को एक साथ लाया गया। एनजीजीजी की परिकल्पना संस्थानों और हितधारकों के एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के रूप में की गई है, जो अनुसंधान, ज्ञान साझाकरण, सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ संरेखित शासन सुधारों के कार्यान्वयन के लिए समर्पित है। यह ग्रिड प्रयासों को समेकित करने, सहयोग को बढ़ावा देने तथा समावेशी और नागरिक-केंद्रित शासन सुनिश्चित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा

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