विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली-एनसीआर स्थित डोगरा परिवारों से बातचीत की


21वीं सदी के भारत की भविष्यवादी दृष्टि के साथ पारंपरिक डोगरा विरासत को जोड़ने पर जोर दिया गया;

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. सिंह ने छोटे बच्चों को स्टार्टअप और उद्यमिता का पता लगाने के लिए प्रेरित किया

"बैंगनी क्रांति: लैवेंडर मिशन क्षेत्र की अंतर्निहित क्षमता का उदाहरण" डॉ. जितेंद्र सिंह

डोगरी को 2014 के बाद आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला और इसका श्रेय पीएम मोदी को जाता है: डॉ. सिंह

Posted On: 12 JAN 2025 9:18PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज दिल्ली स्थित "डोगरा वेलफेयर एसोसिएशन" द्वारा आयोजित अनौपचारिक मिलन समारोह में दिल्ली एनसीआर में रहने वाले डोगरा परिवारों से मुलाकात की। 

बातचीत के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 21वीं सदी के भारत की भविष्य की दृष्टि के साथ पारंपरिक डोगरा विरासत को जोड़ने के महत्व पर जोर दिया।

विविध श्रोताओं को संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्टार्टअप और उद्यमिता के महत्व पर जोर देते हुए युवा छात्रों को सरकारी नौकरियों से परे अपने कैरियर की आकांक्षाओं को व्यापक बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने कहा,“हमें अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना चाहिए और प्रगतिशील मानसिकता अपनानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत नवाचार के पथ पर चल पड़ा है, जिससे प्रौद्योगिकी अधिक सुलभ और विकेंद्रीकृत हो गई है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैंगनी क्रांति पर बल दिया और इसकी परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने लैवेंडर की खेती की सफलता की कहानी साझा की, जिसमें उच्च-भुगतान वाली कॉर्पोरेट भूमिकाओं के पेशेवरों ने इस उद्यम में बदलाव किया। इससे महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर उपलब्‍ध हुए। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में मान्यता दी है।

मंत्री ने खादी निर्यात द्वारा हासिल की गई उपलब्धि का भी जिक्र किया और युवाओं से अप्रयुक्त सांस्कृतिक और आर्थिक संसाधनों का पता लगाने का आग्रह किया। उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों की उद्यमशीलता गतिविधियों का समर्थन करने की आवश्यकता पर बल दिया, और कहा कि निजी क्षेत्र अब राष्ट्र-निर्माण में योगदान के लिए प्रचुर अवसर प्रदान करता है।

उदाहरण के तौर पर अंतरिक्ष क्षेत्र के निजीकरण का हवाला देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने उपग्रहों को लॉन्च करने और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप की भूमिका की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चों को अवसर और नवाचार के इस युग को अपनाना चाहिए - उन्हें बस नहीं चूकनी चाहिए।"

2014 के बाद डोगरी को भाषा के रूप में आधिकारिक मान्यता मिलने पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने गर्व व्यक्त किया और इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मील के पत्थर के लिए प्रधानमंत्री मोदी को श्रेय दिया। उन्होंने डोगरा समुदाय को भारत की प्रगति में योगदान देते हुए अपनी विरासत का उत्‍सव मनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

उपस्थित लोगों ने डॉ. जितेंद्र सिंह के बहुमुखी व्यक्तित्व का भी उत्‍सव मनाया। उन्‍होंने लोकप्रिय रेडियो नाटक कलाकार के रूप में उनके शुरुआती दिनों और पत्रकार के रूप में उनके योगदान को याद किया। उपस्थित लोगों ने उनके मनोबल और आत्म-सम्मान को बढ़ाने के उनके प्रयासों की सराहना की, साथ ही कई लोगों ने उनकी प्रेरक उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया।

यह आयोजन डोगरा परिवारों के बीच नवाचार को अपनाने और भारत की विकास गाथा में योगदान देने के लिए गर्व और प्रेरणा की नई भावना के साथ संपन्न हुआ।

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