विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के चौथे स्थापना दिवस पर विज्ञान-प्रौद्योगिकी नवाचार तथा अनुसंधान और विकास प्रशासन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
Posted On:
13 JAN 2025 5:19PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान 14 और 15 जनवरी 2025 को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। सम्मेलन का विषय “प्रभावी अनुसंधान एवं विकास प्रशासन के लिए विज्ञान-प्रौद्योगिकी-नवाचार संकेतकों को जोड़ना” है। राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की घटक प्रयोगशाला है। संस्थान के चौथे स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान में मुख्यतः विज्ञान संचार और साक्ष्य आधारित नीति पर केंद्रित अध्ययन किए जाते हैं। यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, उद्योग और समाज के बीच सेतु का काम करता है। दो दिवसीय सम्मेलन में अग्रणी विशेषज्ञ, नीति निर्माता, विद्वान और शोधकर्ता समकालीन अनुसंधान में उभरते मुद्दों और अनुसंधान एवं विकास प्रशासन के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन में चुनौतियों पर मिलकर चर्चा करेंगे।
भारत के शीर्ष वैज्ञानिक और नीति निर्माता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल स्वागत भाषण देंगी। भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के अध्यक्ष, चेयर प्रोफेसर, और आईआईटी कानपुर में सी.वी. शेषाद्रि चेयर प्रोफेसर तथा भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे। विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) के महानिदेशक प्रो. सचिन चतुर्वेदी पहले दिन स्थापना दिवस व्याख्यान देंगे।
सम्मेलन में पांच प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें से प्रत्येक का समन्वय मुख्य समन्वयक द्वारा किया जाएगा: डॉ. सुजीत भट्टाचार्य - कार्य निष्पादन मूल्यांकन पद्धतियों, दृष्टिकोण और कामकाज के तौर-तरीकों के विषय पर समन्वय करेंगे, श्री मुकेश पुंड – सबके लिए विज्ञान, सबके लिए स्रोत और सबकी पहुंच के विषय, डॉ. नरेश कुमार - अनुसंधान एवं विकास को जोड़ने से पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव की माप, डॉ. योगेश सुमन - अनुसंधान एवं विकास और सोशल मीडिया को आपस में जोड़ने, तथा डॉ. विपिन कुमार - अनुसंधान एवं विकास प्रशासन में दूरदर्शिता विषय पर समन्वय करेंगे।
इस सम्मेलन में 300 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। भारत और विदेश के प्रमुख विशेषज्ञ सम्मेलन के विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे। इसमें कई युवा शोधकर्ता अपने शोध पत्र और पोस्टर प्रस्तुत करेंगे।
भारत सरकार के नीति आयोग के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञ सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसमें बीज वक्तव्य और आमंत्रित वार्ता के साथ, पैनल सत्र और पेपर प्रस्तुतियां भी होंगी। इस दौरान फ्रांस, रूस, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और आर्मेनिया के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अपने विचार प्रकट करेंगे। इसमें जर्मनी, मैक्सिको और नीदरलैंड के साइंस काउंसिलर भी भाग लेंगे और पैनल चर्चा करेंगे। सम्मेलन की तैयारी इस प्रकार से की गई है कि इसमें मुख्य भाषण और आमंत्रित वार्ता, पैनल सत्रों इत्यादि की विविधता हो और इसके माध्यम से प्रतिभागियों को आकर्षक चर्चाओं में शामिल होने का अवसर मिले। सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के निदेशक प्रो. वेणु गोपाल अचंता सम्मेलन के समापन सत्र की शोभा बढ़ाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष और सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सुजीत भट्टाचार्य सम्मेलन का सारांश प्रस्तुत करेंगे। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अविनाश क्षितिज अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समन्वयक हैं।
सम्मेलन में अनुसंधान एवं विकास के प्रदर्शन मूल्यांकन और प्रभाव के आकलन के लिए नवीन पद्धतियों और तौर-तरीकों को प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। इस दौरान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के संकेतकों के उचित अनुप्रयोग से अनुसंधान एवं विकास प्रशासन, पहुंच और समावेशन को मजबूत करने के लिए कुछ प्रमुख नीतिगत सुझाव पेश किए जाएंगे। पीएम वन-नेशन-वन-सब्सक्रिप्शन जैसी नई पहलों पर विचार-विमर्श भी सम्मेलन के निष्कर्ष में परिलक्षित होगा। इस दौरान युवा शोधकर्ताओं को साक्ष्य आधारित नीति निर्माण, उपकरण और तकनीकों की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा ताकि वे विकासात्मक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपने शोध को साकार कर सकें। सम्मेलन के निष्कर्ष समर्पित विशेष शोध पत्रिका के अंक से लेकर नीति बुलेटिन और कार्यवाही की पुस्तकाकार प्रस्तुति के अलग-अलग प्रारूपों में प्रकाशित किए जाएंगे।
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(Release ID: 2092551)
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