युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 कार्यक्रम में भाग लिया


प्रधानमंत्री ने दस विषयों पर प्रतिभागियों द्वारा लिखे गए सर्वश्रेष्ठ निबंधों का संकलन जारी किया

संवाद के दौरान युवा गान और विकसित भारत युवा नेता संवाद की अब तक की यात्रा का वीडियो प्रदर्शित किया गया

भारत की युवा शक्ति उल्लेखनीय परिवर्तन ला रही है, विकसित भारत युवा नेता संवाद एक प्रेरक मंच के रूप में कार्य करता है तथा विकसित भारत को आकार देने के लिए हमारे युवाओं की ऊर्जा और अभिनव भावना को एकजुट करता है: प्रधानमंत्री

भारत की युवा शक्ति की ताकत भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगी: प्रधानमंत्री

भारत कई क्षेत्रों में अपने लक्ष्यों को समय से पहले पूरा कर रहा है: प्रधानमंत्री

महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है: प्रधानमंत्री

भारत के युवाओं के विचारों का दायरा बहुत बड़ा है: प्रधानमंत्री

एक विकसित भारत ऐसा होगा, जो आर्थिक, रणनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त हो: प्रधानमंत्री

भारत की युवा शक्ति निश्चित रूप से विकसित भारत के सपने को साकार करेगी: प्रधानमंत्री

Posted On: 12 JAN 2025 7:09PM by PIB Delhi

स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 कार्यक्रम में भाग लिया। युवा कार्य विभाग ने 10-12 जनवरी 2025 तक विकसित भारत युवा नेता संवाद - राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 का आयोजन किया।

प्रधानमंत्री ने पूरे भारत से आये 3,000 युवा नेताओं के साथ बातचीत की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत के युवाओं की जीवंत ऊर्जा पर प्रकाश डाला, जिन्होंने भारत मंडपम में जीवन और ऊर्जा भर दी है। उन्होंने कहा कि पूरा देश स्वामी विवेकानंद को याद कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्हें देश के युवाओं पर बहुत विश्वास था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि उनके शिष्य युवा पीढ़ी से आएंगे, जो शेरों की तरह हर समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें स्वामी जी और उनकी मान्यताओं पर पूरा भरोसा है, जैसे स्वामी जी को युवाओं पर भरोसा था। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें स्वामीजी पर खासकर युवाओं के बारे में उनकी दृष्टि को लेकर पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर आज स्वामी विवेकानंद हमारे बीच होते, तो 21वीं सदी के युवाओं की जागृत शक्ति और सक्रिय प्रयासों को देखकर उनमें नया आत्मविश्वास भर जाता।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001FEK7.jpg

भारत मंडपम में आयोजित जी-20 कार्यक्रम को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया के राजनेता वैश्विक भविष्य पर चर्चा करने के लिए यहां एकत्रित हुए थे, जबकि आज भारत के युवा भारत के अगले 25 वर्षों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। कुछ महीने पहले अपने आवास पर युवा एथलीटों से मुलाकात के बारे में एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि एक एथलीट ने कहा था, "दुनिया के लिए आप प्रधानमंत्री हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए आप परम मित्र हैं।" प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं के साथ अपनी दोस्ती पर जोर देते हुए कहा कि दोस्ती की सबसे मजबूत कड़ी आपसी विश्वास है। उन्होंने युवाओं पर अपना असीम भरोसा जताया, जिसने ‘मेरा भारत’ के निर्माण और विकसित भारत युवा नेता संवाद की नींव रखने की प्रेरणा दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं की क्षमता जल्द ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगी। उन्होंने नकारात्मक लोगों की राय को खारिज करते हुए कहा कि हालांकि, लक्ष्य महत्वपूर्ण है, लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रगति के पहिये को चलाने वाले लाखों युवाओं के सामूहिक प्रयासों से राष्ट्र निस्संदेह अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा।

श्री मोदी ने कहा, "इतिहास हमें सिखाता है और प्रेरित करता है", उन्होंने ऐसे कई वैश्विक उदाहरणों पर प्रकाश डाला, जहां राष्ट्रों और समूहों ने बड़े सपनों और संकल्पों के साथ अपने लक्ष्य हासिल किए। अमेरिका में 1930 के दशक के आर्थिक संकट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकियों ने न्यू डील को चुना और न केवल संकट पर काबू पाया, बल्कि अपने विकास को भी गति दी। उन्होंने सिंगापुर का भी उल्लेख किया, जिसने जीवन के प्राथमिक संकटों का सामना किया, लेकिन अनुशासन और सामूहिक प्रयास के माध्यम से वैश्विक वित्तीय और व्यापार केंद्र में तब्दील हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास भी ऐसे ही उदाहरण हैं, जैसे स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद खाद्य संकट पर काबू पाना। उन्होंने जोर देकर कहा कि बड़े लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें समय सीमा के भीतर हासिल करना असंभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्पष्ट लक्ष्य के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है और आज का भारत इसी मानसिकता के साथ काम कर रहा है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0028K1T.jpg

पिछले दशक में दृढ़ संकल्प के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त करने के कई उदाहरणों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने खुले में शौच से मुक्त होने का संकल्प लिया और 60 महीनों के भीतर 60 करोड़ नागरिकों ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में अब लगभग हर परिवार के पास बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच है और महिलाओं को रसोई के धुएं से मुक्त करने के लिए 100 मिलियन से अधिक गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में समय से पहले अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है, श्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया वैक्सीन के लिए संघर्ष कर रही थी, भारतीय वैज्ञानिकों ने समय से पहले वैक्सीन विकसित किया। उन्होंने कहा कि इस पूर्वानुमान के बावजूद कि भारत में सभी को वैक्सीन लगाने में 3-4 साल लगेंगे, देश ने रिकॉर्ड समय में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। प्रधानमंत्री ने हरित ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को निर्धारित समय-सीमा से नौ साल पहले पूरा करने वाला पहला देश था। उन्होंने 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य का भी उल्लेख किया, जिसे भारत समय सीमा से काफी पहले हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक सफलता प्रेरणा देती है और भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के करीब लाती है।

श्री मोदी ने कहा, "बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करना केवल सरकारी मशीनरी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।" उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में विचार-विमर्श, दिशा और स्वामित्व भाव के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत युवा नेता संवाद इस प्रक्रिया का उदाहरण है, जिसका नेतृत्व युवाओं ने क्विज़, निबंध प्रतियोगिताओं और प्रस्तुतियों में भाग लेकर किया है। उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति युवाओं के स्वामित्व भाव की सराहना की, जैसा कि लॉन्च की गई निबंध पुस्तक और उनके द्वारा समीक्षा की गई दस प्रस्तुतियों से परिलक्षित होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के समाधान वास्तविकता और अनुभव पर आधारित हैं, जो राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में उनकी व्यापक समझ को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने विशेषज्ञों, मंत्रियों और नीति निर्माताओं के साथ चर्चा में युवाओं की व्यापक सोच और सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि युवा नेता संवाद के विचार और सुझाव अब राष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा बनेंगे, जो देश के विकास का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने युवाओं को बधाई दी और एक लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा उन्हें अपने सुझावों को लागू करने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

एक विकसित भारत के अपने विज़न को साझा करते हुए और इसकी आर्थिक, रणनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताकत पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक विकसित भारत में, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र दोनों ही समृद्ध होंगे, जिससे अच्छी शिक्षा और आय के कई अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा कुशल युवा कार्यबल होगा, जो उनके सपनों के लिए असीम संभावनाएं प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर निर्णय, कदम और नीति को विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी छलांग लगाने का क्षण है, क्योंकि देश आने वाले दशकों तक सबसे युवा राष्ट्र बना रहेगा। श्री मोदी ने कहा, “वैश्विक एजेंसियां भारत के सकल घरेलू उत्पाद को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में युवाओं की क्षमता को पहचानती हैं।महर्षि अरबिंदो, गुरुदेव टैगोर और होमी जे. भाभा जैसे महान विचारकों का हवाला देते हुए, जो युवाओं की शक्ति में विश्वास करते थे, श्री मोदी ने कहा कि भारतीय युवा प्रमुख वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं, दुनिया भर में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले 25 साल, यानि अमृत कालबहुत महत्वपूर्ण है और उन्होंने विश्वास जताया कि युवा एक विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे। उन्होंने स्टार्टअप की दुनिया में भारत को शीर्ष तीन में लाने, विनिर्माण को आगे बढ़ाने, डिजिटल इंडिया को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने और खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने में युवाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने निष्कर्ष के तौर पर कहा कि जब भारतीय युवा असंभव को संभव बनाते हैं, तो एक विकसित भारत निस्संदेह हासिल किया जा सकता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0037PTD.jpg

 

आज के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में हर सप्ताह एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, जबकि हर दिन एक नया आईटीआई स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, हर तीसरे दिन एक अटल टिंकरिंग लैब खोली जा रही है और प्रतिदिन दो नए कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब 23 आईआईटी हैं, पिछले एक दशक में, आईआईआईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो गई है और आईआईएम की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो गई है। उन्होंने पिछले दस वर्षों में एम्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि और मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी होने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के शैक्षणिक संस्थान मात्रा और गुणवत्ता दोनों के मामले में उत्कृष्ट परिणाम दिखा रहे हैं, क्यूएस रैंकिंग में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या 2014 के नौ से बढ़कर आज छियालीस हो गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के शैक्षणिक संस्थानों की बढ़ती ताकत एक विकसित भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है।

प्रधानमंत्री ने आग्रह किया, "2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए दैनिक लक्ष्य और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पिछले एक दशक में, श्री मोदी ने कहा कि 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और मेरा मानना है कि पूरा देश जल्द ही गरीबी से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने इस दशक के अंत तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पैदा करने और 2030 तक रेलवे के लिए नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के भारत के लक्ष्य पर प्रकाश डाला।

अगले दशक में ओलंपिक की मेजबानी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए और इसे प्राप्त करने के लिए देश के संकल्प पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसकी योजना 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की है। उन्होंने चंद्रयान की सफलता और गगनयान के लिए चल रही तैयारियों का उल्लेख किया, जिसका अंतिम लक्ष्य चंद्रमा पर एक भारतीय को उतारना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे लक्ष्यों को प्राप्त करने से 2047 तक विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रधानमंत्री ने दैनिक जीवन पर आर्थिक विकास के प्रभाव के बारे में कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ती है, इसका जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने याद दिलाया कि इस सदी के पहले दशक में भारत एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया था, लेकिन छोटे आर्थिक आकार के साथ, कृषि बजट केवल कुछ हजार करोड़ रुपये था और अवसंरचना का बजट एक लाख करोड़ से भी कम था। उस समय, उन्होंने कहा कि अधिकांश गांवों में उचित सड़कों का अभाव था, राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे की स्थिति खराब थी और देश के बड़े हिस्से में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। श्री मोदी ने टिप्पणी की कि दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के बाद, भारत का अवसंरचना बजट दो लाख करोड़ रुपये से कम था। हालांकि, देश ने सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, नहरों, गरीबों के लिए आवास, स्कूलों और अस्पतालों में महत्वपूर्ण सुधार देखा। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है, हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है, वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें शुरू की गई हैं और बुलेट ट्रेन का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर 5जी की सबसे तेज़ शुरुआत भी हासिल की है, हजारों ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार किया है और 300,000 से अधिक गांवों में सड़कें बनाई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को 23 लाख करोड़ रुपये के जमानत-मुक्त मुद्रा ऋण प्रदान किए गए और दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा योजना, आयुष्मान भारत शुरू की गई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक खातों में सालाना हजारों करोड़ रुपये सीधे जमा करने की योजना शुरू की गई और गरीबों के लिए चार करोड़ पक्के घर बनाए गए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ी, विकास गतिविधियों में तेजी आई, अधिक अवसर पैदा हुए और प्रत्येक क्षेत्र और प्रत्येक सामाजिक वर्ग पर खर्च करने की देश की क्षमता में वृद्धि हुई।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004PTQE.jpg

 

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अब लगभग चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिससे इसकी क्षमताएं काफी बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा अवसंरचना बजट 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जो एक दशक पहले की तुलना में लगभग छह गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि अकेले रेलवे पर 2014 के संपूर्ण अवसंरचना बजट से अधिक खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ा हुआ बजट भारत के बदलते परिदृश्य से स्पष्ट होता है, जिसका एक सुंदर उदाहरण भारत मंडपम है।

श्री मोदी ने कहा, "भारत तेजी से पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, जिससे विकास और सुविधाओं का काफी विस्तार होगा।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया और अनुमान लगाया कि अगले दशक के अंत तक भारत दस ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा। उन्होंने युवाओं को अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ आने वाले कई अवसरों के बारे में प्रोत्साहित किया और कहा कि उनकी पीढ़ी न केवल देश के इतिहास में सबसे बड़े परिवर्तन को आगे बढ़ाएगी, बल्कि इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी भी होगी। प्रधानमंत्री ने युवाओं को सलाह दी कि वे आरामदायक जगह (कम्फर्ट जोन) से बचें, जोखिम उठाएं और अपने आरामदायक जगह से बाहर निकलें, जैसा कि युवा नेता संवाद के प्रतिभागियों ने प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि जीवन का यह मंत्र उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

भारत के भविष्य के रोडमैप को आकार देने में विकसित भारत युवा नेता संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने युवाओं की ऊर्जा, उत्साह और समर्पण की सराहना की, जिसके साथ उन्होंने इस संकल्प को अपनाया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विचार अमूल्य, उत्कृष्ट और सर्वोत्तम हैं। उन्होंने युवाओं से इन विचारों को देश के हर कोने में ले जाने और हर जिले, गांव और मोहल्ले के अन्य युवाओं को विकसित भारत की भावना से जोड़ने का आग्रह किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया और सभी को इस संकल्प के साथ जीने और खुद को समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक बार फिर भारत के सभी युवाओं को राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक बधाई दी।

कार्यक्रम के पहले भाग में, एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक रचना, युवा गान की प्रस्तुति प्रधानमंत्री के समक्ष दी गई, जो युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय प्रगति की भावना को प्रतिध्वनित कर रही थी। देश भर के युवा दिमागों को प्रेरित करने और उन्हें एकजुट करने के लिए डिज़ाइन किए गए इस गान ने पूरे दिन का माहौल तैयार किया और उपस्थित लोगों में ऊर्जा और सामूहिक उद्देश्य की भावना भर दी।

इसके अलावा, एक आकर्षक वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें विकसित भारत युवा नेता संवाद की उल्लेखनीय यात्रा को दर्शाया गया। वीडियो में इस पहल के विकास का एक दृश्य वर्णन किया गया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 में महिला सशक्तिकरण, खेल, संस्कृति, स्टार्टअप, अवसंरचना विकास और अन्य विषयों पर कई ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियाँ देखीं। उन्होंने भारत की प्रतिभाशाली युवा शक्ति पर गर्व व्यक्त किया और देश की प्रगति को आगे बढ़ाने और एक उज्जवल भविष्य को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी और श्रीमती रक्षा खडसे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

विकसित भारत युवा नेता संवाद का उद्देश्य राष्ट्रीय युवा महोत्सव को पारंपरिक तरीके से आयोजित करने की 25 साल पुरानी परंपरा को तोड़ना है। यह प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के आह्वान के अनुरूप है, जिसमें बिना किसी राजनीतिक संबद्धता के 1 लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने और उन्हें विकसित भारत के लिए अपने विचारों को वास्तविकता बनाने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का आह्वान किया गया था। इसी क्रम में, इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर, प्रधानमंत्री ने देश के भावी नेताओं को प्रेरित, प्रोत्साहित और सशक्त बनाने से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण, दस विषयगत क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए नवोन्मेषी युवा नेता प्रधानमंत्री के समक्ष दस पावरपॉइंट प्रस्तुतियाँ देंगे। ये प्रस्तुतियाँ भारत की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए युवा नेताओं द्वारा प्रस्तावित नवोन्मेषी विचारों और समाधानों के बारे में हैं।

प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों द्वारा दस विषयों पर लिखे गए सर्वश्रेष्ठ निबंधों का संकलन भी जारी किया। प्रौद्योगिकी, सतत विकास, महिला सशक्तिकरण, विनिर्माण और कृषि जैसे विविध क्षेत्रों से इन विषयों का चयन किया गया था।

प्रधानमंत्री युवा नेताओं के साथ दोपहर के भोजन के लिए शामिल हुए, जिससे उन्हें अपने विचारों, अनुभवों और आकांक्षाओं को सीधे उनके साथ साझा करने का अवसर मिला। यह व्यक्तिगत बातचीत शासन और युवा आकांक्षाओं के बीच की खाई को पाटेगी तथा प्रतिभागियों के बीच स्वामित्व और जिम्मेदारी की गहरी भावना को बढ़ावा देगी।

11 जनवरी से शुरू हुए संवाद के दौरान, युवा नेताओं ने प्रतियोगिताओं, गतिविधियों और सांस्कृतिक और विषयगत प्रस्तुतियों में भाग लिया। इसमें मार्गदर्शक और डोमेन विशेषज्ञों के नेतृत्व में विषयों पर विचार-विमर्श भी शामिल है। भारत की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की गयीं, जो इसकी आधुनिक प्रगति की प्रतीक हैं।

विकास भारत चैलेंज के माध्यम से 3,000 युवाओं को विकसित भारत युवा नेता संवाद में भाग लेने के लिए चुना गया है। यह है। यह एक बहुत ही सावधानी से तैयार की गई, योग्यता आधारित बहुस्तरीय चयन प्रक्रिया है, जिसके तहत देश भर से सशक्त युवा आवाज़ों की पहचान की जाती है। चयन प्रक्रिया में तीन चरण शामिल थे, जिसमें 15 से 29 वर्ष की आयु के प्रतिभागी भाग ले सकते थे। पहला चरण, विकसित भारत क्विज़, सभी राज्यों के युवाओं के लिए 12 भाषाओं में आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 30 लाख युवाओं ने भाग लिया। योग्य क्विज़ प्रतिभागी दूसरे चरण, निबंध दौर में आगे बढ़े, जहाँ उन्होंने "विकसित भारत" के विज़न को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण दस विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। इस चरण में 2 लाख से अधिक निबंध प्रस्तुत किए गए। तीसरे चरण, राज्य दौर में, प्रत्येक विषय के 25 उम्मीदवार; कठोर व्यक्तिगत प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आगे बढ़े। प्रत्येक राज्य ने प्रत्येक ट्रैक से अपने शीर्ष तीन प्रतिभागियों की पहचान की, जिससे दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए गतिशील टीमें बनीं।

राज्य चैंपियनशिप की शीर्ष 500 टीमों का प्रतिनिधित्व करने वाले विकसित भारत चैलेंज ट्रैक के 1,500 प्रतिभागी; राज्य स्तरीय युवा उत्सवों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचार पर प्रदर्शनियों के माध्यम से चुने गए पारंपरिक ट्रैक के 1,000 प्रतिभागी; तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए आमंत्रित 500 पथप्रदर्शक इस संवाद में भाग ले रहे हैं।

***

एमजी/केसी/जेके


(Release ID: 2092368) Visitor Counter : 456