पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान पर सीएक्यूएम उप-समिति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की और गिरावट को रोकने के प्रयास में पूरे एनसीआर में संशोधित जीआरएपी के चरण-III को तत्काल प्रभाव से लागू किया

Posted On: 09 JAN 2025 6:41PM by PIB Delhi

दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आज सुबह से ही बढ़ रहा है और यह शाम 4 बजे तक 350 का आंकड़ा पार कर गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार यह 357 पर पहुंच गया था। दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) उप-समिति ने आज एक बैठक बुलाई, जिसमें वायु गुणवत्ता परिदृश्य और आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए मौसम संबंधी स्थितियों तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमान की समीक्षा की गई।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान की उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में वृद्धि की प्रवृत्ति को देखते हुए आज की बैठक के दौरान इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा की तथा मौसम संबंधी स्थितियों एवं वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की समीक्षा की और निम्नानुसार टिप्पणी की:

  • दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक जो 08.01.2025 को 297 दर्ज किया गया था, उसमें तेजी से वृद्धि हुई है और शांत हवाओं तथा धुंध की स्थिति के कारण 09.01.2025 को शाम 4:00 बजे 357 दर्ज किया गया।

इसके अलावा, आईएमडी/आईआईटीएम के पूर्वानुमानों से यह भी पता चलता है कि प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के कारण दिल्ली का औसत एक्यूआई विशेष रूप से कुछ दिनों तक इसी प्रतिकूल श्रेणी में रहने की संभावना है।

उप-समिति ने वायु गुणवत्ता की मौजूदा प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए और इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को पहले से अधिक खराब होने से रोकने के प्रयास में आज संपूर्ण एनसीआर में तत्काल प्रभाव से संशोधित जीआरएपी के चरण-III - 'गंभीर' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 401-450 के बीच) के अंतर्गत परिकल्पित सभी कार्रवाई लागू करने का निर्णय लिया है। यह एनसीआर में पहले से लागू संशोधित जीआरएपी के चरण I और II के अंतर्गत संचालित की गई गतिविधियों के अतिरिक्त है। एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) सहित जीआरएपी के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों को भी इस अवधि के दौरान जीआरएपी के चरण I और II के तहत कार्रवाई के अलावा संशोधित जीआरएपी के चरण III के अंतर्गत कार्य करने का सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

संशोधित जीआरएपी के चरण-III के अनुसार 9-सूत्री कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू है। इस 9-सूत्री कार्य योजना में एनसीआर और डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं। ये चरण निम्न हैं:

1. निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियां:

(i) सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धूल उत्पन्न करने वाली/वायु प्रदूषण फैलाने वाली सी एंड डी गतिविधियों की निम्नलिखित श्रेणियों पर सख्त प्रतिबंध लागू करें:

  • बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई एवं भराई के लिए मिट्टी का काम।
  • पाइलिंग कार्य।
  • सभी विध्वंस कार्य।
  • खुली खाई प्रणाली द्वारा सीवर लाइन, जल लाइन, जल निकासी और बिजली केबल आदि बिछाना।
  • ईंट/चिनाई कार्य।
  • आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन।
  • बड़ी वेल्डिंग और गैस-कटिंग ऑपरेशन।
  • एमईपी कार्यों (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
  • पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य आदि।
  • सीमेंट, प्लास्टर/अन्य कोटिंग्स, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोड़कर।
  • टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ्लोरिंग सामग्री को काटना/पीसना और लगाना, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोड़कर।
  • सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
  • परियोजना स्थल के अंदर/बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, मुर्रम, कंकड़, कुचला पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
  • कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
  • विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।

(ii) उपरोक्त 1 (i) के अंतर्गत सूचीबद्ध कार्यों के अलावा अन्य सभी निर्माण संबंधी गतिविधियां, जो अपेक्षाकृत कम प्रदूषणकारी/कम धूल उत्पन्न करने वाली हैं, उनको एनसीआर में जारी रखने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि सीएंडडी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, धूल की रोकथाम/नियंत्रण मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए, जिसमें समय-समय पर आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन भी शामिल हो।

(iii) सभी सी एंड डी संबंधित गतिविधियां, जिनमें उपरोक्त 1 (i) के अंतर्गत गतिविधियां भी शामिल हैं, केवल निम्नलिखित श्रेणियों की परियोजनाओं के लिए अनुमति दी जाती रहेगी, हालांकि, सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, धूल की रोकथाम/नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के अधीन, जिसमें समय-समय पर आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन भी शामिल है:

. रेलवे सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं

बी. मेट्रो रेल सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं

सी. हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल

डी.राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियाँ/राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं

. अस्पताल/स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं

एफ. रेखीय सार्वजनिक परियोजनाएँ जैसे राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, विद्युत पारेषण/वितरण, पाइपलाइन, दूरसंचार सेवाएं आदि।

जी. स्वच्छता परियोजनाएं जैसे सीवेज उपचार संयंत्र और जलापूर्ति परियोजनाएं आदि।

एच. सहायक गतिविधियां, जो उपरोक्त परियोजना श्रेणियों के लिए विशिष्ट और पूरक होंगी।

2. पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशर का संचालन बंद करें।

3. पूरे एनसीआर में सभी खनन और संबंधित गतिविधियां बंद करें।

4. एनसीआर राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी दिल्ली गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस III पेट्रोल तथा बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगी।

नोट: दिव्यांग व्यक्तियों को बीएस-III पेट्रोल/बीएस-IV डीजल एलएमवी चलाने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि ये विशेष रूप से उनके लिए अपनाए गए हों और केवल उनके व्यक्तिगत उपयोग के लिए चलाए जाएं।

5. जीएनसीटीडी ने दिल्ली में बीएस-IV मानक या उससे नीचे के दिल्ली-पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहनों (एमजीवी) के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा, सिवाय उन वाहनों के जो आवश्यक वस्तुओं को ले जा रहे हैं / आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

6. जीएनसीटीडी ने दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-IV और उससे नीचे के डीजल चालित एलसीवी (माल वाहक) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है, केवल आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों के लिए अनुमति होगी।

 (i) एनसीआर में राज्य सरकारें और जीएनसीटीडी को अनिवार्य रूप से दिल्ली एनसीटी के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र तथा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद एवं गौतम बुद्ध नगर जिलों में कक्षा 5 तक के बच्चों के लिएहाइब्रिडमोड में कक्षाएं संचालित करनी होंगी, यानी ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों मोड में (जहां भी ऑनलाइन मोड संभव है)

(ii) एनसीआर राज्य सरकारें एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी उपरोक्त अनुसार कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों के लिएहाइब्रिडमोड में कक्षाएं संचालित करने पर विचार कर सकती हैं।

नोट: जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प छात्रों और उनके अभिभावकों के पास होगा।

8. (i) जीएनसीटीडी और एनसीआर राज्य सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद तथा गौतम बुद्ध नगर जिलों में सार्वजनिक कार्यालयों एवं नगर निकायों के लिए समय में बदलाव करने को कहा गया है।

(ii) राज्य सरकारें एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के लिए समय में बदलाव करने का निर्णय ले सकती हैं।

9. केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर में केंद्र सरकार के कार्यालयों के समय में बदलाव करने का निर्णय ले सकती है।

इसके अलावा, सीएक्यूएम एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी के कार्यान्वयन में सहयोग करने और जीआरएपी के तहत नागरिक चार्टर में उल्लिखित चरणों का पालन करने का आग्रह करता है। चरण I तथा II के नागरिक चार्टर के तहत चरणों के अलावा, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे:

  • छोटी दूरी के लिए पैदल चलें या साइकिल का इस्तेमाल करें।
  • स्वच्छ आवागमन मार्ग चुनें। काम पर जाने के लिए सवारी साझा करें या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
  • जिन लोगों का दफ्तर घर से काम करने की अनुमति देता है, वे घर से काम कर सकते हैं।
  • हीटिंग के लिए कोयले और लकड़ी का इस्तेमाल करें।
  • घर के मालिक बायोमास/लकड़ी/एमएसडब्ल्यू को खुले में जलाने से बचने के लिए अपने द्वारा नियुक्त सुरक्षा/अन्य कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक हीटर भी उपलब्ध करा सकते हैं।
  • अधिकतर कार्यों को एक साथ करें और यात्राएं कम करें।

जीआरएपी (दिसंबर, 2024) के संशोधित कार्यक्रम का पूरा विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे https://caqm.nic.in के माध्यम से देखा जा सकता है।

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