स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने टीबी मुक्त भारत अभियान - 100 दिवसीय गहन अभियान के लिए संबंधित मंत्रालयों के साथ संयुक्त रणनीति बैठक की अध्यक्षता की
जनभागीदारी की भावना से संचालित 100 दिवसीय गहन अभियान, विविध भागीदारों की शक्तियों का लाभ उठाकर टीबी को समाप्त करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण का एक उदाहरण है: श्री नड्डा
"टीबी मुक्त भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत साझेदारी, सक्रिय भागीदारी और राष्ट्रव्यापी प्रतिबद्धता आवश्यक है"
“अभियान के पहले 30 दिनों में 2 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई, 1.48 लाख नए टीबी मामलों की पहचान की गई”
"प्रधानमंत्री के विजन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों ने भारत को टीबी उन्मूलन में अग्रणी बना दिया है"
Posted On:
06 JAN 2025 6:38PM by PIB Delhi
“टीबी मुक्त भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत साझेदारी, सक्रिय भागीदारी और राष्ट्रव्यापी प्रतिबद्धता आवश्यक है। जनभागीदारी की भावना के साथ टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी को खत्म करने के लिए 100-दिवसीय गहन अभियान, विभिन्न भागीदारों की शक्तियों का लाभ उठाते हुए टीबी उन्मूलन के लिए एकजुट दृष्टिकोण का उदाहरण है।“ यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज विज्ञान भवन में टीबी मुक्त भारत अभियान (100 दिवसीय गहन अभियान) के लिए 21 संबंधित मंत्रालयों के साथ एक संयुक्त रणनीति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
आज की बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों में श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी, जनजातीय मामलों के मंत्री श्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल शामिल थे। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय सहित भारत सरकार के मंत्रालयों के सचिवों ने भी भाग लिया तथा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय, भारी उद्योग एवं इस्पात, महिला एवं बाल विकास, जनजातीय मामले, आयुष, पंचायती राज, शिक्षा, कोयला, रेलवे, खान, संस्कृति और सार्वजनिक उद्यम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए श्री नड्डा ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने की आवाज उठाई है, जो 2030 के सतत विकास लक्ष्य की समय सीमा से काफी पहले है।"
टीबी उन्मूलन की दिशा में भारत द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने कहा कि “प्रधानमंत्री के विजन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों ने भारत को टीबी उन्मूलन में अग्रणी बना दिया है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि “भारत में टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक कमी से लगभग दोगुनी है। उपचार कवरेज 53 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत हो गया है, जबकि टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर में 21.4 प्रतिशत की कमी आई है, जो 28 लाख से घटकर 22 लाख हो गई है।”
श्री नड्डा ने कहा कि यह अभियान टीबी को समाप्त करने के लिए एकजुट दृष्टिकोण का एक उदाहरण है, जो विभिन्न भागीदारों की शक्तियों का लाभ उठाता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 100 दिवसीय सघन अभियान के पहले 30 दिनों के दौरान 2 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई है और टीबी के 1.48 लाख से अधिक नए मामलों की पहचान की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संबंधित मंत्रालयों से समग्र सरकारी दृष्टिकोण के तहत सहयोगात्मक प्रयास करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, "टीबी मुक्त भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत साझेदारी, सक्रिय भागीदारी और राष्ट्रव्यापी प्रतिबद्धता आवश्यक है।"
विभिन्न मंत्रियों ने देश में टीबी के बोझ को कम करने के लिए 100 दिवसीय गहन अभियान के संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की सराहना की।
डॉ. मनसुख मांडविया ने टीबी उन्मूलन की चुनौती से निपटने के लिए अपनाए गए व्यापक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने श्रम मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 156 ईएसआईसी अस्पतालों में टीबी मामलों की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लाखों मायभारत स्वयंसेवक अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने और जनता को टीबी की जांच के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने में अपना पूर्ण समर्थन देंगे।
श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने चल रहे अभियान के लिए अपने मंत्रालय का रोडमैप प्रस्तुत किया तथा इस वर्ष के अंत तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य बताया। उन्होंने टीबी उन्मूलन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों का भी उल्लेख किया।
श्री जुएल ओराम ने इस अभियान के महत्व पर प्रकाश डाला और जनजातीय मंत्रालय की पूर्ण प्रतिबद्धता और गहन प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय आबादी के बीच कुपोषण एक बड़ी समस्या है और यह समुदाय में टीबी रोगियों के लिए चिंता का कारण है। उन्होंने कहा, " 'मिलेट मिशन' जैसी विभिन्न सरकारी पहलों से टीबी रोगियों को पोषण उपलब्ध कराने में मदद मिली है।"
श्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त रूप से क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने टीबी से लड़ने में पोषण के महत्व पर जोर दिया।
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि अभियान में लोगों को शामिल करने और संगठित करने के लिए समुदाय में नवीन गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं।
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इस अभियान के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। "अभियान की शुरूआत के बाद से, 14 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण माह और पोषण पखवाड़ा गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो प्रभावित रोगियों के लिए पोषण सुनिश्चित करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित टीबी से संबंधित नकारात्मकता को खत्म करने में उनकी सक्रिय भूमिका लोगों को टीबी जांच के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करेगी।"
सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने संबंधित मंत्रालयों के प्रति अपनी सामूहिक जिम्मेदारियों की पुष्टि की तथा टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूत करने के लिए अपने पूर्ण प्रयासों का आश्वासन दिया।
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