वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय वर्षान्त समीक्षा 2024: निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग
Posted On:
31 DEC 2024 4:01PM by PIB Delhi
वर्ष 2024 में, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने निवेशकों के लिए मूल्य सृजन, रणनीतिक विनिवेश और कुशल वित्तीय योजना पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखा।
2024 में एक प्रमुख आकर्षण केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में मूल्य सृजन पर निरंतर जोर देना था। जनवरी 2021 में नई पीएसई नीति की शुरुआत के बाद से, एनएसई सीपीएसई और बीएसई सीपीएसई सूचकांकों ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो नवंबर 2024 तक क्रमशः 182.36 प्रतिशत और 146.92 प्रतिशत का रिटर्न दिखा रहे हैं ।
डीआईपीएएम ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) और एमएसटीसी लिमिटेड सहित प्रमुख संस्थाओं के लिए आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया , जिसे निवेशकों की मजबूत प्रतिक्रिया मिली।
डीआईपीएएम ने एचएएल , कोल इंडिया लिमिटेड, आरवीएनएल, एसजेवीएन लिमिटेड और हुडको जैसे सीपीएसई के लिए मूल्य सृजन हेतु ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) मार्ग का भी उपयोग किया, जिसके तहत ओएफएस से सामूहिक रूप से 13,728 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। ओएफएस के बाद भी शेयरों में सकारात्मक गति जारी रही, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है और पूंजीगत लाभ में योगदान देता है।
डीआईपीएएम ने अपनी निरंतर लाभांश नीति को कायम रखा है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 में सीपीएसई से कुल लाभांश प्राप्तियां 67,895 करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं, जो संशोधित अनुमानों से काफी अधिक है। 5 दिसंबर , 2024 तक , सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए सीपीएसई से लाभांश प्राप्तियों के रूप में 30,284 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं।
पूंजी बाजार की स्थितियों, विनियामक और क्षेत्रीय परिवर्तनों के साथ-साथ अन्य के विकास को ध्यान में रखते हुए, डीआईपीएएम ने 2024 में सीपीएसई के पूंजी पुनर्गठन पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश मई, 2016 में डीआईपीएएम द्वारा जारी किए गए पहले के दिशानिर्देशों के स्थान पर लागू किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) की 2024 में कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
सरकार सीपीएसई के संबंध में एक समग्र सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति का अनुसरण कर रही है
- विभिन्न प्रकार के प्रबंधन प्रोत्साहनों के बीच तालमेल बिठाकर सीपीएसई के प्रदर्शन में वृद्धि करना।
- सीपीएसई को अपने शेयरधारकों को लगातार लाभांश का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करना, जबकि उनके पूंजीगत व्यय और विकास के लिए पर्याप्त संसाधन बनाए रखना।
- प्रत्येक सीपीएसई को अपने लिए, अपने कर्मचारियों, शेयरधारकों और व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए मूल्य सृजन हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
- प्रतिवर्ष 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करके पूंजीगत व्यय और उद्यमों की वृद्धि सुनिश्चित करना।
- कंपनियों को सूचीबद्ध करने/आईपीओ के माध्यम से तथा शेयर बाजार के माध्यम से अल्प हिस्सेदारी को धीरे-धीरे कम करके छोटे शेयरधारकों के हितों के अनुरूप सुनियोजित विनिवेश रणनीति अपनाई जा रही है।
- पिछले 3 वर्षों (07.10.2021 से 07.10.2024) के दौरान सीपीएसई सूचकांकों ने शेयर बाजार में बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसी तरह, सूचीबद्ध सीपीएसई का कुल मार्केट कैप पिछले तीन वर्षों में लगभग 3.61 गुना बढ़कर 12.10 लाख करोड़ रुपये (31.03.2021) से 43.65 लाख करोड़ रुपये (11.10.2024 तक) हो गया है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान, डीआईपीएएम ने भारतीय साधारण बीमा निगम की बिक्री की पेशकश की है।
- जीआईसी ओएफएस को गैर-खुदरा श्रेणी में 04.09.2024 को लॉन्च किया गया था।
- 'टी डे' पर इसे 108.49 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला।
- अधिक अभिदान के कारण ग्रीन शू विकल्प का प्रयोग किया गया।
- जीआईसी ओएफएस 05.09.2024 को सफलतापूर्वक पूरा हो गया।
- ओएफएस के प्रति संस्थागत निवेशकों द्वारा बहुत अच्छी रुचि दिखाई गई।
- ओएफएस के बाद, जीआईसी में भारत सरकार की हिस्सेदारी 82.40 प्रतिशत हो गई।
- यह पहला ओएफएस लेनदेन था, जिसमें कर्मचारी "कर्मचारी" की नई श्रेणी के अंतर्गत खुदरा श्रेणी के साथ-साथ टी+1 दिन पर बोली लगाकर मुख्य ओएफएस में भाग ले सकते थे।
- जीओएल ने जीआईसी की कुल चुकता इक्विटी पूंजी में से 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर कुल 2,345.55 करोड़ रुपये (लगभग) प्राप्त किए।
बिक्री हेतु प्रस्ताव (ओएफएस) और लिस्टिंग
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल):
- सीएसएल की 72.86 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 2.5 प्रतिशत चुकता इक्विटी के विनिवेश के लिए ओएफएस 16.10.2024 को लॉन्च किया गया था। बेस इश्यू साइज के अलावा सीएसएल की चुकता पूंजी के लिए ग्रीन शू ऑप्शन का भी इस्तेमाल किया गया।
- सरकार को इस लेनदेन से 2,015.32 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल):
- हिन्दुस्तान जिंक में भारत सरकार की 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 1.25 प्रतिशत चुकता इक्विटी के आधार आकार के विनिवेश के लिए ओएफएस की घोषणा की गई।
- गैर-खुदरा श्रेणी के अंतर्गत अधिक अभिदान के कारण, प्रदत्त इक्विटी के 1.25 प्रतिशत के आधार आकार प्रस्ताव के अतिरिक्त ग्रीन शू विकल्प का प्रयोग किया गया।
- हिन्दुस्तान जिंक की कुल चुकता इक्विटी का 1.6168 प्रतिशत बेचा गया और भारत सरकार को इससे 3,449.18 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई।
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) की सूची:
- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ मिलकर दीपम ने एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) की लिस्टिंग में सहायता की।
- एनजीईएल एनटीपीसी की सहायक कंपनी है और इसे 27.11.2024 को सूचीबद्ध किया गया था।
- जुटाई गई धनराशि का उपयोग कंपनी द्वारा हरित ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के लिए किया जाएगा।
फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) का रणनीतिक विनिवेश
- डीआईपीएएम ने 2 जनवरी, 2024 को प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) के माध्यम से आमंत्रित किया; तत्पश्चात 31 जनवरी, 2024 तक दो वित्तीय बोलियां प्राप्त हुईं, जिनमें उच्चतम बोली 320 करोड़ रुपये निर्धारित की गई, जो विशेषज्ञ मूल्यांकन द्वारा निर्धारित 262 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से अधिक थी।
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के तहत वैकल्पिक तंत्र ने मेसर्स कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत की गई सबसे ऊंची बोली को मंजूरी दे दी, जिसकी राशि 320 करोड़ रुपये थी।
- इस बिक्री में एमएसटीसी लिमिटेड की शत-प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) में शत-प्रतिशत इक्विटी के साथ-साथ प्रबंधन नियंत्रण का हस्तांतरण शामिल है। इससे संबंधित लेन-देन अंतिम चरण में है।
- लेन-देन को अवार्ड पत्र जारी करने, शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर करने तथा संबंधित पक्षों द्वारा एसपीए में निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करने के माध्यम से अंतिम रूप दिया गया।
- विनिवेश प्रक्रिया की देखरेख एक बहुस्तरीय परामर्श तंत्र द्वारा की गई, जिसमें अंतर-मंत्रालयी समूह, विनिवेश पर सचिवों का कोर समूह और वैकल्पिक तंत्र शामिल थे।
- एफएसएनएल, इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एमएसटीसी लिमिटेड की शत-प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसे 28 मार्च, 1979 को निगमित किया गया था। यह विभिन्न इस्पात संयंत्रों में लौह एवं इस्पात निर्माण के दौरान उत्पन्न स्लैग और कचरे से स्क्रैप की वसूली और प्रसंस्करण सहित इस्पात मिल सेवाएं प्रदान करने में विशेषज्ञता रखती है।
सीपीएसई द्वारा उच्चतर लाभांश भुगतान
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा लाभांश भुगतान, संशोधित अनुमान (आरई) से अधिक रहा:
- वित्त वर्ष 2020-21 में 39,750
- वित्त वर्ष 2021-22 में 59,294
- वित्त वर्ष 2022-23 में 59,533
- वित्त वर्ष 2023-24 में 63,749
- चालू वित्त वर्ष के दौरान, सरकार को 14.10.2024 तक सीपीएसई से लाभांश प्राप्तियों के रूप में लगभग 25,323 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। 5 दिसंबर, 2024 तक, सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए सीपीएसई से लाभांश के रूप में 30,284 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
- डीआईपीएएम ने नवंबर 2020 में सुसंगत लाभांश नीति के संबंध में परामर्श जारी किया।
सीपीएसई के पूंजी पुनर्गठन पर संशोधित दिशानिर्देश
- डीआईपीएएम ने 18.11.2024 को सीपीएसई के पूंजी पुनर्गठन पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए।
- ये दिशानिर्देश मई, 2016 में दीपम द्वारा जारी किए गए पूर्व दिशानिर्देशों का स्थान लेंगे।
- ये दिशानिर्देश पूंजी बाजार की स्थितियों, नियामक एवं क्षेत्रीय परिवर्तनों आदि में होने वाले विकास को दर्शाते हैं।
संशोधित दिशानिर्देशों के उद्देश्य:
- सीपीएसई का मूल्य और शेयरधारकों के लिए कुल रिटर्न बढ़ाना
- सीपीएसई को अधिक परिचालन और वित्तीय लचीलापन प्रदान करके उनके प्रदर्शन और दक्षता में सुधार करना
- देश के आर्थिक विकास में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए सीपीएसई को सक्षम बनाना
- सीपीएसई द्वारा मूल्य सृजन में अधिक निवेशकों को भाग लेने में सक्षम बनाना
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