विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
सीएसआईआर, नई दिल्ली और एम्स, नई दिल्ली ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया
Posted On:
17 DEC 2024 5:00PM by PIB Delhi
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नई दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के बीच 17 दिसंबर, 2024 को एम्स, नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ, जिसका उद्देश्य दोनों संगठनों के बीच औपचारिक बातचीत शुरू करने के लिए एक आधार प्रदान करना है, जिससे चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने, स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ाने और सहयोग के माध्यम से देश के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी-अपनी शक्तियों का उपयोग कर सकें। यह रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान करने एवं बेहतर रोगी परिणामों के लिए समाधान खोजने के लिए संयुक्त विशेषज्ञता एवं संसाधनों का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम के दौरान, सीएसआईआर और एम्स के बीच व्यापक समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, सीएसआईआर के कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीएसआईआर-सीसीएमबी), हैदराबाद और एम्स, नई दिल्ली के बीच केंद्रित अनुसंधान परियोजनाओं और सीएसआईआर-सीसीएमबी की सुविधाओं के उपयोग को एम्स तक बढ़ाने के लिए एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
समझौता ज्ञापन पर प्रोफेसर एम श्रीनिवास, निदेशक, एम्स; स्वास्थ्य देखभाल विषय के अंतर्गत संस्थानों के सीएसआईआर प्रयोगशाला निदेशकों, सीएसआईआर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ एम्स के वरिष्ठ संकाय एवं विभिन्न विभागों के प्रमुखों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया।
हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए, एम्स, नई दिल्ली के निदेशक, प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा, "हम इस साझेदारी की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। साथ मिलकर, हम स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान में नई सीमाओं का पता लगा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे निष्कर्ष वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों की ओर ले जाएं जो रोगी देखभाल में सुधार करते हैं।"
कार्यक्रम में, सीएसआईआर-सीसीएमबी के निदेशक और सीएसआईआर के हेल्थकेयर थीम के थीम निदेशक डॉ. विनय नंदीकूरी ने सस्ती स्वास्थ्य सेवा, औषधि विकास, प्रति-क्लीनिकल अध्ययन, अपशिष्ट जल की निगरानी गतिविधि, पशु स्वास्थ्य, कैनबिस अनुसंधान, एमटीसीसी, संक्रामक रोग अनुसंधान, जैव चिकित्सा अपशिष्ट का संसाधनपूर्ण उपयोग, प्रारंभिक कैंसर की पहचान, नैदानिक एवं उपचारात्मक उपकरणों का विकास, चिकित्सा में एआई का अनुप्रयोग, सिकल सेल एनीमिया पर हो अनुसंधान एवं विकास, सीएसआईआर का फेनोम इंडिया कोहोर्ट आदि जैसे क्षेत्रों में 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में से लगभग 15 से जुड़े ज्ञानकोष एवं विकास को प्रस्तुत किया।
एक संवादात्मक सत्र में, एम्स के एंडोक्राइनोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, पल्मोनरी मेडिसिन और कार्डियोलॉजी विभागों के संकाय सदस्यों एवं प्रमुखों ने अनुसंधान एवं विकास के संभावित क्षेत्रों और संभावित सहयोग के बारे में जानकारी प्रदान की। सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के निदेशकों ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में उपलब्ध अनुसंधान संभावनाओं के बारे में जानकारी दी और सहयोग के लिए अपने हित क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताया।
समझौता ज्ञापन के माध्यम से, सीएसआईआर और एम्स एक सहक्रियात्मक साझेदारी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाना, स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ावा देना और संयुक्त अनुसंधान पहल, ज्ञान साझाकरण, नवाचार विकास, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण आदि के माध्यम से देश की दबावपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटना और सीएसआईआर के वैज्ञानिक अनुसंधान और एम्स की नैदानिक अंतर्दृष्टि की संयुक्त विशेषज्ञता का लाभ उठाना है। इसमें नई चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उपकरणों एवं निदान के संयुक्त विकास की परिकल्पना की गई है।
दोनों संगठन नैतिक अनुसंधान प्रथाओं को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं कि सभी सहयोगी प्रयास ईमानदारी एवं वैज्ञानिक दृढ़ता के उच्चतम मानकों के अनुरूप हों। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से निरंतर सहयोग की नींव रखी गई है और इससे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मूल्यवान अंतर्दृष्टि एवं उन्नति प्राप्त होने की उम्मीद है।



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