लोकसभा सचिवालय
हिंदी भारत की आत्मा और पहचान है: लोकसभा अध्यक्ष
हिंदी ने समाज और राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाई है: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ने ‘इटावा हिंदी सेवा निधि’ द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन एवं हिंदी सेवी सम्मान समारोह को संबोधित किया
Posted On:
15 DEC 2024 10:00PM by PIB Delhi
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि हिंदी भारत की आत्मा और पहचान है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं, विशेषकर हिंदी ने समाज और राष्ट्र के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हिंदी ने देश की सांस्कृतिक विविधता को एकता के सूत्र में पिरोया है और उसे सशक्त बनाया है। उन्होंने इस बात प्रसन्नता व्यक्त की कि हिंदी आज न केवल संचार की आम भाषा है बल्कि इसने बदलते तकनीकी परिदृश्य के अनुरूप अनुकूलन किया है।
उन्होंने कहा कि आज, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग से हिंदी साहित्य और कविता की समृद्ध विरासत दुनिया भर में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि न्याय, प्रशासन और इंटरनेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हिंदी का तेजी से उपयोग किया जा रहा है।
श्री बिड़ला ने ये बातें आज उत्तर प्रदेश के इटावा में ‘इटावा हिंदी सेवा निधि’ द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन और हिंदी सेवी सम्मान समारोह में अपने संबोधन के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि जब हम दुनिया भर में शासन प्रणालियों एवं लोकतांत्रिक संस्थानों को देखते हैं, तो भारत की विविधता को एकजुट करने और इसकी एकता को बनाए रखने में हिंदी का महत्व स्पष्ट हो जाता है। श्री बिड़ला ने यह भी उल्लेख किया कि भारत के संविधान की तैयारी के दौरान, विभिन्न भाषाओं और बोलियों को बोलने वाले विभिन्न राज्यों के दूरदर्शी नेताओं ने एकता के प्रतीक के रूप में भाषाओं के महत्व को पहचाना। उन्होंने पूरे राष्ट्र को एकजुट करने की हिंदी की अंतर्निहित क्षमता को स्वीकार किया।
संसद में अपने अनुभवों को साझा करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारत में 22 भाषाएं हैं, जिससे सदस्यों के लिए अपनी-अपनी भाषाओं में बोलना स्वाभाविक हो जाता है। एआई जैसी आधुनिक तकनीक के साथ, संसद अनुवाद, व्याख्या और प्रतिलेखन जैसी सुविधाओं का उपयोग करने की व्यवहार्यता तलाश रही है। उन्होंने भारतीय भाषाओं में चर्चा को बढ़ावा देने, सदस्यों के बीच अपनी भाषाओं के प्रति गौरव और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “अब समय बदल गया है. पहले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले केवल एक ही भाषा में लिखे जाते थे। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी फैसलों का कई भाषाओं में अनुवाद करना शुरू कर दिया है। संसद में हम 22 भारतीय भाषाओं का प्रयोग कर रहे हैं, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध भाषाएं हैं। हम उन सदस्यों के लिए अनुवाद की सुविधाएं भी बढ़ा रहे हैं जो अपनी भाषा में बात रखना चाहते हैं।”
श्री बिड़ला ने भारतीय भाषाओं, संस्कृति और आध्यात्मिकता पर गर्व करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विदेशी दौरों के दौरान अपने अनुभव भी साझा किए जहां लोगों ने हिंदी सीखने और समझने में बहुत रुचि दिखाई।
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एमजी / केसी / आर
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