ग्रामीण विकास मंत्रालय
महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंक ऋण
Posted On:
20 DEC 2024 4:21PM by PIB Delhi
दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के व्यावसायिक उपक्रमों, प्रौद्योगिकी और वित्त का लाभ उठाने तथा देश भर में बाजार और व्यापार विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं। कुल मिलाकर, देश में 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.87 लाख एसएचजी में संगठित किया गया है।
डीएवाई-एनआरएलएम के तहत एक उप-योजना, स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) एसएचजी महिलाओं या उनके परिवार के सदस्यों को छोटे उद्यम स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करती है। एसवीईपी ने अक्टूबर, 2024 तक 3.13 लाख ग्रामीण उद्यमों को सहायता प्रदान की है। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है। एसएचजी महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखी के रूप में तैनात किया गया है, जिससे जमा, ऋण, प्रेषण, पेंशन और बीमा आदि सहित बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच में सुधार हुआ है। डीएवाई-एनआरएलएम के समर्थन से तैनात बैंकिंग संवाददाता सखी/डिजीपे सखी की संख्या 1,35,127 है।
डीएवाई-एनआरएलएम सामुदायिक संस्थाओं को अपनी संस्थागत और वित्तीय प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करने और मुख्यधारा के बैंक वित्त को आकर्षित करने के लिए अपना ट्रैक रिकॉर्ड निर्माण के लिए स्थायी रूप से संसाधन बनाने के लिए निधियां उपलब्ध कराता है। इसके अलावा, ऑनलाइन विपणन तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के लिए एक ऑनलाइन विपणन मंच अर्थात www.esaras.in लॉन्च किया है ।
एसएचजी सदस्यों को प्रदान की गई पूंजीकरण सहायता (परिक्रामी निधि और सामुदायिक निवेश निधि) की कुल राशि 48,290 करोड़ रुपये है। इससे एसएचजी के ऋण इतिहास को विकसित करने में मदद मिली है। तदनुसार, एसएचजी नवंबर, 2024 तक 9.71 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। इसके अलावा, महिला एसएचजी को बैंक ऋण की प्रभावी लागत को कम करने के लिए, डीएवाई-एनआरएलएम बैंकों से ऋण पर एसएचजी को ब्याज में छूट प्रदान करता है।
डीएवाई-एनआरएलएम एसएचजी सदस्यों के लिए नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसे प्रतिष्ठित संसाधन संगठनों, शिक्षाविदों और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा शिरकत की जाती है। ये पहल एसएचजी, ग्राम संगठनों, क्लस्टर-स्तरीय संघों, उत्पादक समूहों (पीजी) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत करने पर केंद्रित हैं। कार्यक्रमों का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और एसएचजी सदस्यों, संघ के नेताओं और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) आदि के कौशल को बढ़ाना है। प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) रणनीतियों, लक्षित अभियानों और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के माध्यम से सीआरपी की भागीदारी का उपयोग करता है, जिससे व्यापक पहुंच और प्रभाव सुनिश्चित होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं सीमांत महिला उत्पादकों को सहायता प्रदान करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्राम स्तर पर उत्पादक समूहों (अनौपचारिक संस्थाओं) तथा जिला/ब्लॉक स्तर पर बड़े उद्यमों (औपचारिक संस्थाओं) के गठन में सहायता की है। अब तक, डीएवाई-एनआरएलएम ने 1,245 महिला स्वामित्व वाले उत्पादक उद्यमों/किसान उत्पादक कंपनियों की स्थापना में सहायता की है, जिसमें लगभग 15 लाख महिला सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा, 1.78 लाख उत्पादक समूहों को बढ़ावा दिया गया है, जिसमें 32 लाख महिला सदस्य शामिल हैं।
एसवीईपी के अंतर्गत सहायता प्राप्त उद्यमों का राज्य/संघ राज्य-वार ब्यौरा
क्रम संख्या
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
|
सहायता प्राप्त कुल उद्यम (अक्टूबर 2024 तक)
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
27,651
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
506
|
3
|
असम
|
6,839
|
4
|
बिहार
|
24,892
|
5
|
छत्तीसगढ
|
21,016
|
6
|
गोवा
|
1,398
|
7
|
गुजरात
|
5,940
|
8
|
हरयाणा
|
9,854
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
527
|
10
|
जम्मू और कश्मीर (यूटी)
|
3,476
|
11
|
झारखंड
|
25,991
|
12
|
कर्नाटक
|
1,700
|
१३
|
केरल
|
34,569
|
14
|
मध्य प्रदेश
|
28,318
|
15
|
महाराष्ट्र
|
8,134
|
16
|
मणिपुर
|
1,897
|
17
|
मेघालय
|
1,191
|
18
|
मिजोरम
|
1,308
|
19
|
नगालैंड
|
4,118
|
20
|
ओडिशा
|
15,043
|
21
|
पंजाब
|
3,425
|
22
|
राजस्थान
|
9,839
|
23
|
सिक्किम
|
516
|
24
|
तमिलनाडु
|
4,834
|
25
|
तेलंगाना
|
17,824
|
26
|
त्रिपुरा
|
1,188
|
27
|
उतार प्रदेश।
|
28,904
|
28
|
उत्तराखंड
|
3,674
|
29
|
पश्चिम बंगाल
|
18,892
|
30
|
पुदुचेरी
|
0
|
31
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
0
|
|
कुल
|
3,13,464
|
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
*****
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