सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मैनुअल स्कैवेंजर्स अधिनियम, 2013 के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए केंद्रीय निगरानी समिति की 9वीं बैठक की अध्यक्षता की

Posted On: 19 DEC 2024 6:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 20.10.2023 और 11.12.2024 के अनुपालन की समीक्षा के लिए आज केंद्रीय निगरानी समिति (सीएमसी) की नौवीं बैठक की अध्यक्षता की। यह आदेश मैनुअल स्कैवेंजर्स (एमएस) अधिनियम, 2013 और मैनुअल स्कैवेंजर्स (एमएस) नियम, 2013 में निर्धारित आयोग और विभिन्न समितियों के गठन, मैनुअल स्कैवेंजर्स के एक नए सर्वेक्षण, सीवर पीड़ितों के आश्रितों को बढ़े हुए मुआवजे के भुगतान, सीवेज श्रमिकों के पुनर्वास और मरने वालों से संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने के संबंध में है।

बैठक में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजना पंवार और सीएमसी के सदस्य श्री भगवत प्रसाद मकवाना, सीएमसी के सदस्य सुश्री आभा कुमार, श्री नंद जी मिश्रा, श्री आर.एम. श्रीराम शामिल थे। डीओएसजेई के सचिव और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/आयोगों और राज्य निगरानी समितियों के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे।

मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार पर प्रतिबंध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 (एमएस अधिनियम, 2013) के अनुसार, सीएमसी को

  1. इस अधिनियम और संबंधित कानूनों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की निगरानी और सलाह देना
  2. सभी संबंधित एजेंसियों के कार्यों का समन्वय करना और,
  3. इस अधिनियम के कार्यान्वयन से जुड़े या इससे प्रासंगिक किसी अन्य मामले पर गौर करना

केंद्रीय मंत्री ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन के अनुसार स्थिति की समीक्षा की। राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को एमएस अधिनियम, 2013 और उसके नियमों के तहत अनुपालन के लिए तत्काल कदम उठाने और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्देशों के अनुसार प्रभावी तथा समयबद्ध तरीके से कदम उठाने के लिए भी प्रेरित किया गया।

समीक्षा बैठक में निम्नलिखित बातों का जायजा लिया गया:-

  1. राज्य सफाई कर्मचारी आयोग/नामित प्राधिकारी, राज्य निगरानी समिति, राज्य स्तरीय सर्वेक्षण समिति, जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति और जिला सतर्कता समिति की स्थापना के संबंध में स्थिति। केंद्रीय मंत्री ने कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा समितियों का गठन नहीं करने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कानून के अनिवार्य प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में तुरंत कार्रवाई करने की सलाह दी।

 

  1. डॉ. वीरेंद्र कुमार ने चिंता जताई कि केवल 257 जिलों ने ही मैला ढोने से मुक्ति का प्रमाण पत्र भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया है। उन्होंने शेष जिलों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने और समय सीमा के अनुसार ताज़ा स्थिति को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी।

केंद्रीय निगरानी समिति ने कहा कि सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (एसएसडब्ल्यू) की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नमस्ते योजना शुरू की है। नमस्ते योजना का मकसद स्वच्छता कार्य में एसएसडब्ल्यू की शून्य मृत्यु दर हासिल करना, यह सुनिश्चित करना कि कोई भी सफाई कर्मचारी मानव मल के सीधे संपर्क में न आए, और सीवर और सेप्टिक टैंक की मशीनीकृत सफाई करना है।

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