पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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संसद प्रश्न: पुनर्स्थापन के लिए तटीय रेखा का विस्तार

Posted On: 18 DEC 2024 5:11PM by PIB Delhi

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के एक संबद्ध कार्यालय, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर) ने उपग्रह और क्षेत्र सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करके भारतीय तटरेखा में परिवर्तनों का अध्ययन किया है और मुख्य भूमि तट को कवर करते हुए 6907.18 किलोमीटर लंबी तटरेखा का मानचित्रण किया है। अध्ययन में तटरेखा परिवर्तनों के लिए एक दर्जन से अधिक कारणों की पहचान की गई है, जिन्हें प्राकृतिक और मानवजनित कारणों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह निश्कर्ष निकाला गया है कि, तूफानी लहरों के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि प्राकृतिक कारणों के रूप में होती है और तटों पर बंदरगाहों, समुद्र तट खनन और नदियों पर बांधों के निर्माण आदि तटरेखा परिवर्तनों के लिए मुख्य मानवजनित कारण हैं।

वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर) ने तटीय कटाव का आकलन किया है और रिमोट सेंसिंग और क्षेत्र सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करके 1990-2018 की अवधि के लिए समुद्री कटाव वाले तटीय क्षेत्रों की पहचान की है। अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय तटरेखा के 34% हिस्से में कटाव की आशंका अधिक थी।

इसके अलावा, तटरेखा मानचित्रण प्रणाली के तहत, तटीय कटाव के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने के लिए 1:25000 पैमाने पर पूरे भारतीय तट के लिए 526 मानचित्र तैयार किए गए। साथ ही 69 जिला मानचित्र और 9 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के मानचित्र भी तैयार किए गए। जुलाई 2018 में "भारतीय तट के साथ तटरेखा परिवर्तनों का राष्ट्रीय मूल्यांकन" पर एक रिपोर्ट जारी की गई और तटरेखा संरक्षण के उपायों को लागू करने के लिए रिपोर्ट को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों और हितधारकों के साथ साझा किया गया। एटलस का एक अद्यतन संस्करण, जिसमें सभी मानचित्र शामिल हैं, रिपोर्ट के डिजिटल संस्करण के साथ 25 मार्च 2022 को जारी किया गया ।

एनसीसीआर ने पुडुचेरी और केरल के चेल्लनम तट पर तटीय कटाव को कम करने के उपायों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है, जिससे पुडुचेरी में लुप्त समुद्र तट के तटीय क्षेत्रों की बहाली और सुरक्षा तथा चेल्लनम में बाढ़ से बचाव में मदद मिली है। एनसीसीआर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल सरकार को तटरेखा की निगरानी, ​​संवेदनशील हिस्सों में तटीय सुरक्षा उपायों के डिजाइन और तटरेखा प्रबंधन योजना की तैयारी में तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रहा है। तटीय/समुद्र तट बहाली उपायों का कार्यान्वयन संबंधित समुद्री राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनी प्राथमिकता के अनुसार किया जाता है।

यह जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी

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