विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसद प्रश्न: अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के उद्देश्य
Posted On:
18 DEC 2024 1:22PM by PIB Delhi
अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) का लक्ष्य 2023-28 के दौरान एएनआरएफ निधि, नवाचार निधि, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान निधि, विशेष प्रयोजन निधि के रूप में 50,000 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करना है। केंद्र सरकार की ओर से 14,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है और शेष राशि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, निजी क्षेत्र, परोपकारी संगठनों, फाउंडेशनों या अंतरराष्ट्रीय निकायों सहित किसी अन्य स्रोत से दान के माध्यम से प्राप्त की जाएगी।
एएनआरएफ का एक संचालक मंडल (जीबी) गठित किया गया है और केंद्र सरकार ने भारत के राजपत्र में निम्नलिखित के साथ जीबी को अधिसूचित किया है:
1
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भारत के प्रधानमंत्री
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अध्यक्ष (पदेन)
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2
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केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
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उपाध्यक्ष (पदेन)
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3
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री
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उपाध्यक्ष (पदेन)
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4
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नीति आयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित एक सदस्य
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सदस्य (पदेन)
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5
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में भारत सरकार के सचिव
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सदस्य (पदेन)
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6
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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग में भारत सरकार के सचिव
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सदस्य (पदेन)
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7
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भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव
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सदस्य (पदेन)
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8
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भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में सचिव
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सदस्य (पदेन)
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9
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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार
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सदस्य-सचिव (पदेन)
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10
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डॉ. मंजुल भार्गव, प्रोफेसर, प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका
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सदस्य
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11
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डॉ. रोमेश टी वाधवानी, अध्यक्ष, सिम्फनी टेक्नोलॉजी ग्रुप कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका
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सदस्य
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12
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डॉ. रघुवेन्द्र तंवर, अध्यक्ष, भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद
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सदस्य
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१३
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डॉ.जयराम एन.चेंगलूर, निदेशक, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
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सदस्य
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14
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प्रो. जी. रंगराजन, निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान
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सदस्य
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15
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डॉ. सुब्रा सुरेश, प्रोफेसर एट लार्ज, ब्राउन यूनिवर्सिटी, यूएसए
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सदस्य
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संचालक मंडल की पहली बैठक 10 सितंबर, 2024 को इसके अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। संचालक मंडल ने एएनआरएफ की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की जो देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिदृश्य को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं। विचार-विमर्श में प्रमुख क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ अनुसंधान और विकास को संरेखित करना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना, क्षमता निर्माण, वैज्ञानिक प्रगति और नवाचार प्रक्रियात्मक तंत्र को आगे बढ़ाना, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की अप्रयुक्त क्षमता को प्रोत्साहित करना, उद्योग-संरेखित अनुसंधान के माध्यम से अकादमिक अनुसंधान और औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटना और देश के अनुसंधान क्षेत्र को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक तथा तकनीकी प्रगति में तेजी लाने के लिए कार्यक्रमों को लागू करना शामिल था। इसमें प्रधानमंत्री प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान अनुदान (पीएमईसीआरजी), उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति के लिए मिशन-इलेक्ट्रिक वाहन (एमएएचए-ईवी), समावेशिता अनुसंधान अनुदान (आईआरजी), त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिए साझेदारी (पीएआईआर) आदि शोध एवं विकास कार्यक्रमों पर चर्चा कर इनकी शुरुआत की गई है।
यह जानकारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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