इस्‍पात मंत्रालय
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डीकार्बोनाइजेशन की ओर कदम

Posted On: 10 DEC 2024 4:42PM by PIB Delhi

इस्पात क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन और संसाधन दक्षता में सुधार की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं: -

 (1) इस्पात मंत्रालय ने इस उद्देश्य के लिए इस मंत्रालय द्वारा गठित 14 टास्क फोर्स की सिफारिशों के अनुरूप "भारत में इस्पात क्षेत्र को हरित बनाना: रोडमैप और कार्य योजना" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट इस्पात क्षेत्र का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है, इस्पात क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन के विभिन्न मार्गों पर चर्चा करती है और उसके लिए रणनीति, कार्य योजना और रोडमैप तैयार करती है।

(2) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन तैयार किया है। इस्पात मंत्रालय इस मिशन में एक हितधारक है और इस मिशन के तहत कोयले/कोक की खपत को कम करने के लिए ऊर्ध्वाधर शाफ्ट में 100% हाइड्रोजन का उपयोग करके डीआरआई का उत्पादन करने के लिए दो पायलट परियोजनाएं और मौजूदा ब्लास्ट फर्नेस में हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए एक पायलट परियोजना प्रदान की गई है।

(3) कच्चे माल के रूप में स्टील स्क्रैप का उपयोग, उत्सर्जन में 58% की कमी लाता है। इस्पात मंत्रालय द्वारा बनाई गई स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति, 2019 में घरेलू स्तर पर उत्पादित स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के कार्य) नियम सितंबर, 2021 में इस्पात क्षेत्र में स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

(4) जनवरी, 2010 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय सौर मिशन, सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है और इस्पात उद्योग के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करता है।

(5) उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना, इस्पात उद्योग को ऊर्जा खपत कम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

(6) इस्पात मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय इस्पात नीति, 2017 उन प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर देती है, जो पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान के साथ प्रभावी और कुशल घरेलू संसाधनों के लिए अनुकूल हैं। इसके अलावा ये परिष्कृत औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक उच्च-स्तरीय और विशेष स्टील का उत्पादन करते हैं।

यह जानकारी केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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