पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए परिवहन का विकास
Posted On:
10 DEC 2024 4:35PM by PIB Delhi
बीते दस साल के दौरान अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए माल परिवहन में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो का आवागमन 2013-14 में 18.10 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 133.03 मिलियन टन हो गया है, जो 22.1% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) है। चालू राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 2014 में पांच (5) से बढ़कर 2024 में छब्बीस (26) हो गई है।
माल की तेज आवाजाही की सुविधा प्रदान करने के लिए देश में अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ाने हेतु उठाए गए कदम अनुलग्नक-1 में हैं।
अनुलग्नक-1
माल के तेज आवागमन की सुविधा के लिए देश में अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:
(a) इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास:
- एनडब्ल्यू-1 (गंगा नदी) पर: 49 सामुदायिक जेटी, 20 फ्लोटिंग टर्मिनल, 3 मल्टी-मोडल टर्मिनल (एमएमटी) और 1 इंटर-मोडल टर्मिनल (आईएमटी) का निर्माण किया गया है।
- एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) पर: 12 फ्लोटिंग टर्मिनल, पांडु व जोगीघोपा में 2 एमएमटी के साथ बोगीबील व धुबरी में 2 टर्मिनल। जोगीघोपा, पांडु, बिस्वनाथ घाट और निमाती के लिए 4 समर्पित घाट। इसके अतिरिक्त, असम में सादिया, लायका और ओरियमघाट में क्रूज और यात्रियों के लिए जेटी का निर्माण किया गया है।
- एनडब्ल्यू-3 (केरल में पश्चिमी तट नहर) पर: गोदामों वाले 9 स्थायी अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) टर्मिनल और 2 रो-रो/ रो-पैक्स टर्मिनलों का निर्माण किया गया है।
- 2020 में गोवा सरकार को 3 फ्लोटिंग कंक्रीट जेटी प्रदान की गई और 2022 में 01 फ्लोटिंग कंक्रीट जेटी को मांडोवी नदी (एनडब्ल्यू-68) में स्थापित किया गया।
- आंध्र प्रदेश में एनडब्ल्यू-4 (कृष्णा नदी) के हिस्से पर 4 पर्यटक जेटी कमीशन की गई हैं और उत्तर प्रदेश में मथुरा-वृंदावन खंड में एनडब्ल्यू-110 (यमुना नदी) पर 12 फ्लोटिंग जेटी, बिहार में एनडब्ल्यू-73 (नर्मदा नदी) पर 2 जेटी और एनडब्ल्यू-37 (गंडक नदी) पर 2 जेटी के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया है।
- 35/45 मीटर चौड़े और जहाजों के संचालन के लिए न्यूनतम उपलब्ध गहराई (एलएडी) 2.0 / 2.2 / 2.5 / 3.0 मीटर का नेविगेशन चैनल प्रदान करने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) में जहाज के रास्ते का रखरखाव कार्य (नदी प्रशिक्षण, रखरखाव ड्रेजिंग, चैनल मार्किंग और नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण) किया जाता है।
(b) नीतिगत पैमाने:
- कार्गो संवर्धन योजना: कार्गो मालिकों की ओर से अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल के जरिए एनडब्ल्यू-1 और एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 पर कार्गो आंदोलन हेतु निर्धारित सेवा स्थापित करने के लिए 35% का सहयोग करने की योजना को सरकार की ओर से मंजूरी दी गई है। इस योजना का लक्ष्य 800 मिलियन टन किलोमीटर कार्गो को आईडब्ल्यूटी मोड पर मोड़ना है, जो एनडब्ल्यू पर 4700 मिलियन टन किलोमीटर के वर्तमान कार्गो का लगभग 17% है। इस योजना का उद्देश्य प्रदर्शन प्रभाव हेतु शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए आईडब्ल्यूएआई जहाजों का इस्तेमाल करके कोलकाता और वाराणसी/ पांडु के मध्य एक निर्धारित जलमार्ग कार्गो सेवा शुरू करने के साथ जलमार्ग आवागमन में कार्गो लाने ले जाने वालों/ मालिकों का भरोसा बढ़ाना भी है।
- पीएसयू की ओर से कार्गो का स्थानांतरण: आईडब्ल्यूटी मोड का उपयोग करके अपने कार्गो को स्थानांतरित करने के संबंध में जलमार्गों पर कार्गो के मॉडल शिफ्ट के लिए, अधिक से अधिक पीएसयू से संपर्क किया गया है। पीएनजी, सहकारिता/ उर्वरक, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, भारी उद्योग, इस्पात और कोयला मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सार्वजनिक उपक्रमों को जहां तक संभव हो आईडब्ल्यूटी मोड का इस्तेमाल करने की सलाह दें और एमआईवी लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए अपने कार्गो का कुछ हिस्सा आईडब्ल्यूटी मोड के लिए तय करें।
- बंदरगाहों के साथ एकीकरण: दुनिया भर में जलमार्गों का सबसे बेहतर उपयोग तब होता है, जब वे बंदरगाहों से जुड़े हों। कोलकाता बंदरगाह एनडब्ल्यू1 के साथ निर्बाध एकीकरण का अवसर प्रदान करता है और मल्टी मोडेलिटी की समस्या को हल करने में भी मदद कर सकता है। इसीलिए, वाराणसी, साहिबगंज, हल्दिया में मल्टी मोडल टर्मिनल और कालूघाट में इंटरमोडल टर्मिनल के साथ-साथ एनडब्ल्यू-1 पर अन्य टर्मिनलों के संचालन और प्रबंधन के लिए कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह से अनुरोध किया गया है।
- कार्गो एकत्रीकरण: जलमार्गों पर उद्योगों की कमी की वजह से जलमार्गों पर कार्गो की आवाजाही बहु-मोडेलिटी की समस्याओं से ग्रस्त है। इसलिए, वाराणसी के फ्रेड विलेज में कार्गो एग्रीगेशन हब और साहिबगंज में इंटीग्रेटेड क्लस्टर-कम-लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत एक पीएसयू एनएचएलएमएल को इन एमएमएलपी के विकास के लिए लगाया गया है। तीन एमएमटी के लिए रेल कनेक्टिविटी का काम एम/एस इंडियन पोर्ट एंड रेल कंपनी लिमिटेड (एमओपीएसडब्ल्यू के अंतर्गत एक पीएसयू) को सौंपा गया है।
- रिवर क्रूज पर्यटन: रिवर क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए, क्रूज ऑपरेटरों के साथ कई बैठकें आयोजित की गई हैं। उनसे मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, आईडब्ल्यूएआई टर्मिनलों पर तटों की बिजली का प्रावधान, अतिरिक्त बर्थिंग व्यवस्था इत्यादि कदम उठाए गए हैं। नए क्रूज सर्किट की पहचान की गई है और उनका कार्यान्वयन किया जा रहा है। क्रूज आवागमन के लिए कुल 34 जलमार्गों की पहचान की गई है और 10 पहले ही कार्यान्वित हो चुके हैं।
- आईबीपी रूट: इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट क्रमांक 5 और 6 को मैया और सुल्तानगंज के बीच हाल ही में सफल आवागमन परीक्षण के साथ कार्यान्वित किया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/एमएम
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