कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
एमएसडीई की स्ट्राइव पहल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को उन्नत करके और अधिगम के परिणामों में सुधार करके भारत के आईटीआई व्यवस्था को मजबूत करती है;
समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करने से महिला भागीदारी बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई: श्री अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई
Posted On:
13 DEC 2024 9:52PM by PIB Delhi
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कौशल भवन में एक कार्यक्रम के दौरान स्ट्राइव पहल के तहत हुई प्रगति के बारे में बताया। इस पहल ने देश भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
स्ट्राइव के तहत, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आईटीआई की क्षमता बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। श्री तिवारी ने कहा कि इस पहल में कार्यान्वयन एजेंसियों को आवंटित धन का 92% से अधिक धन का उपयोग हुआ है। इसके अतिरिक्त, 2022-23 की अवधि के दौरान इसमें नामांकन में वृद्धि हुई है, और व्यावसायिक प्रशिक्षण में महिला भागीदारी 2017-18 में 12% से बढ़कर 2022-23 में 20% हो गई है जो समावेशिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में विश्व बैंक के प्रतिनिधि और भागीदार राज्य सरकारों के अधिकारी शामिल हुए। श्री तिवारी ने कहा, “स्ट्राइव ने आईटीआई व्यवस्था को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। इसने व्यावसायिक प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को बढ़ाया है और प्रमुख कमियों को दूर किया है जिससे छात्रों और हितधारकों के लिए बेहतर परिणाम सामने आए हैं।”
विश्व बैंक द्वारा समर्थित औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) परियोजना ने अपने सात साल के कार्यान्वयन के दौरान उपलब्धियां प्राप्त की है। उद्योग भागीदारी को बढ़ावा देकर, परियोजना का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षुता के अवसरों और सहयोग को बढ़ाना है। शिक्षण पद्धतियों और अधिगम परिणामों को बेहतर बनाने के लिए आईटीआई प्रशिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए गए।
इस पहल ने ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) को ट्रैक करने में 35% अनुपालन दर भी दर्ज की। इसके अलावा, 15 राज्यों ने प्रशिक्षकों की रिक्तियों को सफलतापूर्वक कम किया, और नौ राज्यों ने प्रशिक्षकों के लिए कैरियर प्रगति नीतियां तैयार की। ये नीतियां प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) द्वारा तैयार एक मॉडल नीति के अनुरूप हैं।
श्री तिवारी ने इसे सशक्त करने में राज्य सरकारों के प्रयासों को स्वीकार किया और उल्लेख किया कि चर्चा के तहत नई योजनाएं स्ट्राइव के परिणामों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, "स्ट्राइव के कार्यान्वयन ने आगे सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान की है। हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से इसे पुनः प्रारम्भ करने के लिए हाल ही में बजट की घोषणा सही दिशा में एक कदम है।"
इस कार्यशाला में सरकारी अधिकारियों, आईटीआई प्रतिनिधियों, उद्योग के नेताओं और विशेषज्ञों ने स्ट्राइव की उपलब्धियों की समीक्षा करने और कौशल विकास के लिए भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की। कार्यक्रम में पहल की व्यवस्थाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाला एक संग्रह लॉन्च किया गया।
राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने स्ट्राइव को लागू करने के अपने अनुभव साझा किए, नवीन व्यवस्थाओं और चुनौतियों पर चर्चा की। ओडिशा के अधिकारियों ने एनटीसी+ प्रमाणपत्र वाले उम्मीदवारों की मांग पर प्रकाश डाला जबकि कर्नाटक के प्रतिनिधियों ने व्यावसायिक प्रशिक्षण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक बाधाओं को दूर करने के महत्व पर जोर दिया।
स्ट्राइव पहल ने भारत के व्यावसायिक प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधार तैयार किया है। सरकारी निकायों, उद्योगों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, इसने एक कुशल कार्यबल के निर्माण में योगदान दिया है जो एक विकसित औद्योगिक परिदृश्य की मांगों को पूरा करने में सक्षम है।
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