स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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गैर-संचारी रोग पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम


राष्ट्रीय गैर संचारी रोग रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 770 जिलों में एनसीडी क्लीनिक, 372 जिलों में डे केयर सेंटर, 233 कार्डियक केयर यूनिट और 6410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत हृदय संबंधी, कैंसर रोधी और मधुमेह रोधी दवाओं सहित 2047 प्रकार की दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं

Posted On: 13 DEC 2024 4:27PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत गैर-संचारी रोगों (एनपी-एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय गैर संचारी रोग रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। यह कार्यक्रम अवसंरचनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने, मानव संसाधन विकास, शीघ्र निदान, उपचार और प्रबंधन के लिए उचित स्वास्थ्य सेवा रेफरल तथा गर्भाशय ग्रीवा कैंसर सहित गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संवर्धन और जागरूकता उत्पन्न करने पर केंद्रित है। एनपी-एनसीडी के तहत, 770 जिलों में एनसीडी क्लीनिक, 372 जिलों में डे केयर सेंटर, 233 कार्डियक केयर यूनिट और 6410 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत देश में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तौर पर सामान्य गैर-संचारी रोगों की जांच सेवा, प्रबंधन और रोकथाम के लिए जनसंख्या-आधारित पहल आरंभ की गई है। गैर-संचारी रोगों की सामान्य जांच स्वास्थ्य सेवा का अभिन्न हिस्सा है।

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) एनसीडी के बारे में  समाज में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आशा कार्यकर्ता व्यक्तियों और परिवारों को पौष्टिक आहार, नियमित शारीरिक गतिविधियां तथा तंबाकू और शराब से परहेज सहित स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के महत्व पर जागरूक करती हैं। आशा कार्यकर्ता नियमित स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग के माध्यम से रोगों के आरंभिक पहचान के महत्व पर जोर देती हैं।  घरों में पहुंच कर, सामूहिक बैठकों और स्वास्थ्य अभियानों द्वारा यह स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाती है।

इसके अलावा, गैर संचारी रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की पहल में एनसीडी से संबंधित स्वास्थ्य दिवस आयोजित करना और निरंतर सामुदायिक जागरूकता के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग शामिल है। एनसीडी के लिए जागरूकता उत्पन्न करने की गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं (पीआईपी) के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के ईट राइट इंडिया मूवमेंट के माध्यम से स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक भोजन के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है। इसके अलावा योग से संबंधित विभिन्न गतिविधियां आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती हैं।

केंद्र सरकार ने लोगों को गुणवत्तापूर्ण तथा सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और स्वास्थ पर उनकी क्षमता से अधिक व्यय में कमी लाने के लिए राज्यों के प्रयासों में पूरक पहल की हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत, सरकार ने लोगों को सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में राज्य सरकारों को सहयोग देने के कई कदम उठाए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य ढांचे में सुधार, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पर्याप्त मानव संसाधनों की उपलब्धता, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवा और उन्हें लोगों तक पहुंचाने में सुधार, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित और हाशिए के समूहों को सहायता प्रदान करता है। जरूरी दवाओं और जांच ​​सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाले मरीजों के खर्च कम करने के लिए राष्ट्रीय निःशुल्क दवा सेवा पहल और निःशुल्क जांच सेवा शुरू की गई है।

गैर-संचारी रोगों का स्वास्थ्य केंद्रों पर विभिन्न स्तरों पर निदान और उपचार किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में निर्धनों और जरूरतमंदों के लिए उपचार या तो निशुल्क है या अत्यधिक सब्सिडी युक्त है। गैर-संचारी प्रमुख रोगों का उपचार आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत भी उपलब्ध है। यह योजना भारत की आबादी के निचले 40 प्रतिशत  हिस्से के 12.37 करोड़ परिवारों के करीब 55 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने और प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पीएम-जेएवाई के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दी है चाहे उनकी आय कितनी भी हो।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) को प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों के नाम से समर्पित आउटलेट स्थापित करने के लिए आरंभ किया गया था ताकि जरूरतमंदों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। 21 अक्टूबर 2024 तक , देश भर में 14,000 से अधिक जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं। पीएमबीजेपी के अंतर्गत, 2047 प्रकार की दवाओं और 300 सर्जिकल उपकरणों को योजना के दायरे में लाया गया है इनमें हृदय संबंधी बीमारियां, कैंसर रोधी और मधुमेह रोधी दवाएं शामिल हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई पहल, उपचार के लिए सस्ती दवाइयां और विश्वसनीय प्रत्यारोपण (अमृत) का उद्देश्य कैंसर, हृदय और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना है। 30 नवंबर 2024 तक , 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 218 अमृत फ़ार्मेसीज़ स्थापित किए गए हैं जिनमें हृदय, कैंसर, मधुमेह, स्टेंट आदि सहित 6,500 से ज़्यादा दवाइयां, प्रत्यारोपण, सर्जिकल डिस्पोजेबल और अन्य वस्तुएं बाज़ार दरों से 50 प्रतिशत तक की छूट पर बेची जा रही हैं।

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