संस्कृति मंत्रालय
पीपीपी मोड में विरासत स्थलों का संरक्षण
Posted On:
12 DEC 2024 4:56PM by PIB Delhi
सरकार ने 1996 में धर्मार्थ दान अधिनियम, 1890 के अंतर्गत एक ट्रस्ट के रूप में राष्ट्रीय संस्कृति कोष (एनसीएफ) की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य विरासत स्थलों के संरक्षण और भारत की सांस्कृतिक विरासत के समग्र संवर्धन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में अतिरिक्त संसाधन जुटाना है।
एनसीएफ द्वारा पीपीपी मोड के अंतर्गत अनुमोदित सभी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी परियोजना कार्यान्वयन समिति नियमित रूप से करती है।
एनसीएफ में योगदान करते समय कोई दानकर्ता/प्रायोजक किसी स्मारक के आस-पास संरक्षण या सुविधाओं के विकास के लिए शुरू की जाने वाली परियोजना के साथ-साथ विशिष्ट स्थान/पहलू का भी संकेत दे सकता है। जहां तक संरक्षित स्मारकों के संरक्षण का सवाल है, तो यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) करता है और वही इसका रखरखाव भी करता है। सभी दानकर्ता एजेंसियां एनसीएफ और एएसआई के निर्धारित मानदंडों का अनुपालन करती हैं।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/एके/एनजे
(Release ID: 2084171)
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