इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं थ्रीडिस भारत के हवाईअड्डा प्रणालियों और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेंगे


आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत हवाईअड्डा संचालन, संचार और सुरक्षा प्रणालियों में भारतीय बाजार को मजबूत करने के लिए रणनीतिक साझेदारी

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की मंथन पहल के माध्यम से साझेदारी को सुगम बनाया गया

समीर के शोध परिणामों का उपयोग उद्योग के सहयोग से भारतीय आवश्यकताओं के समाधान विकसित करने में किया जा रहा है: श्री एस. कृष्णन, सचिव माइटी

Posted On: 12 DEC 2024 6:37PM by PIB Delhi

थ्री डी इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (थ्री डीआईएस) और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारत सरकार के तहत एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (एसएएमईआर) ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ रणनीतिक एवं नागरिक हवाई अड्डे के संचालन, संचार प्रणालियों और सुरक्षा संबंधी उपकरणों में तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार की प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की है।

थ्रीडिस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री नंदी भाटिया और समीर के महानिदेशक डॉ. पी. हनुमंत राव के बीच आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन, माइटी के समूह समन्वयक श्री एस. के. मारवाह तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), समीर और थ्रीडिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंथन प्लेटफॉर्म

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने 15 अगस्त 2022 को मंथन प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ किया था। यह भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच साझेदारी के परिणामों के सामने लाने, पोषण और उत्सव मनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत के राष्ट्रीय लक्ष्यों और संयुक्त राष्ट्र सतत लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए, उद्योग, परोपकारी संगठनों और वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पारिस्थितिकी तंत्र में संस्थाओं के बीच आसान सहयोग के लिए एक विकेंद्रीकृत और व्यवस्थित वातावरण प्रदान करके इस मंच का निर्माण किया गया है। यह साझेदारी मंथन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुगम बनाया गया है, जिसने हवाई अड्डों के लिए स्वदेशी उच्च तकनीक समाधान प्रदान करने के लिए इन दो प्रमुख संगठनों को एक साथ लाया है।

श्री नंदी भाटिया ने कहा, "भारत विमानन उद्योग के लिए एक रणनीतिक बाजार है और यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक नवाचार और प्रौद्योगिकी विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।" उन्होंने कहा कि साझेदारी विभिन्न प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण की जरूरतों को पूरा करने पर हमारे जोर के अनुरूप होगी। अपनी साझेदारी के माध्यम से हम राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए नए रास्ते तलाशेंगे जो हवाई अड्डे के संचालन, संचार प्रणालियों और सुरक्षा संबंधी उपकरणों पर केंद्रित होंगे।

विमानन प्रौद्योगिकी में उद्योग-सरकार साझेदारी

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय कुमार सूद ने एक अग्रणी उद्योग (थ्रीडिस) के साथ सहयोग करने वाले सरकारी वित्तपोषित अनुसंधान संगठन (समीर) की पहल का स्वागत किया, जिसकी उपस्थिति भारत के सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर है और जिसे उपयोगकर्ता (एएआई) का समर्थन भी हासिल है। उन्होंने समीर की क्षमताओं में उद्योग के भरोसे की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पीएसए कार्यालय के नेतृत्व में मंथन पहल ने सरकारी अनुसंधान एवं विकास संगठन और उद्योग की इस अनूठी साझेदारी को उत्प्रेरित किया है। उन्होंने संघ से देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समयबद्ध तरीके से समाधान और उत्पाद विकसित करने का आग्रह किया।

विमान प्रौद्योगिकी में स्वदेशी विकास

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन ने इस प्रयास की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप हवाई अड्डे के संचालन, संचार और निगरानी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकी, उत्पाद और समाधान विकसित किए जा सकेंगे। यह भारत को एक उत्पाद राष्ट्र बनाने के सरकार के उद्देश्य के अनुरूप एक कदम होगा। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को इस पहल की शुरुआत से ही शामिल किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि उद्योग के सहयोग से भारतीय आवश्यकताओं से जुड़े समाधान विकसित करने में समीर के शोध से जुड़े प्रयासों का लाभ उठाया जा रहा है।

हवाई अड्डे के संचालन और सुरक्षा प्रणालियों में क्रांतिकारी बदलाव

थ्रीडिस के प्रबंध निदेशक नंदी भाटिया कहते हैं, "भारत विमानन उद्योग के लिए एक रणनीतिक बाजार है और यह भविष्य की चुनौतियों से पार पाने के लिए वैश्विक नवाचार और प्रौद्योगिकी विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।" उन्होंने कहा, "इस साझेदारी से विभिन्न प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण की जरूरतों को संयुक्त रूप से पूरा करने की दिशा में हम ज्यादा ध्यान दे सकेंगे।"

इस तरह के सहयोग से हम राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए नए रास्ते तलाशेंगे जो हवाई अड्डे के संचालन, संचार प्रणालियों और सुरक्षा संबंधी उपकरणों पर केंद्रित होंगे।

विमानन प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ाने में समीर की भूमिका

समीर के महानिदेशक डॉ. पी. हनुमंत राव ने कहा कि यह समीर के प्रयासों की यात्रा में एक मील का पत्थर है, जिसमें नागरिक और रक्षा हवाई अड्डों के लिए हवाई अड्डा संचालन और संचार प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूर्ण कार्यात्मक प्रणालियों को विकसित करने, प्रदर्शित करने और उत्पादन करने के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है। इसके अलावा, भारतीय हवाई अड्डों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय घरेलू प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए आरएफ और माइक्रोवेव सिस्टम एवं संबद्ध क्षेत्रों में स्वदेशी अनुसंधान को बढ़ाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन के लिए घरेलू प्रणालियों को प्रमाणित करने के लिए भारत में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

समीर (एसएएमईईआर)

सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान है। समीर का मुख्य रूप से जोर जहां अनुसंधान और विकास पर है, वहीं, समीर देश के सबसे उन्नत और जटिल मिशन क्रिटिकल कार्यक्रमों के लिए समाधान प्रदान कर रहा है। समीर की कई तकनीकों का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ा है।

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