रक्षा मंत्रालय
संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र ने आपदा प्रबंधन में अनुसंधान तथा नवाचार को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया
Posted On:
11 DEC 2024 3:43PM by PIB Delhi
भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के अंतर्गत एकमात्र त्रि-सेवा थिंक टैंक, सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज (सीईएनजेओडब्ल्यूएस) ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। एमओयू पर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) और सीईएनजेओडब्ल्यूएस के महानिदेशक मेजर जनरल (डॉ) अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) ने हस्ताक्षर किया। हस्ताक्षर समारोह ने आपदा न्यूनीकरण, तैयारी और प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए 'संपूर्ण राष्ट्र' दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की।
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
समझौता ज्ञापन में संयुक्त पहलों के लिए रूपरेखा प्रस्तुत की गई है, जिसमें शामिल हैं:
• सहयोगात्मक अनुसंधान: भारत सरकार को नीतिगत इनपुट प्रदान करने के लिए आपदा प्रबंधन, एचएडीआर परिचालन और आपदा कूटनीति पर अध्ययन करना।
• क्षमता निर्माण: सशस्त्र बलों के कर्मियों, एनडीएमए अधिकारियों और अन्य प्रमुख एजेंसियों सहित हितधारकों के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
• जागरूकता अभियान: राष्ट्रव्यापी जागरूकता पहल के माध्यम से आपदा तैयारी और जोखिम न्यूनीकरण को बढ़ावा देना।
• अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता: भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों के अनुरूप आपदा प्रबंधन पर वैश्विक सहयोग को सुविधाजनक बनाना।
इस अवसर पर बोलते हुए मेजर जनरल (डॉ.) अशोक कुमार ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आपदा-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कार्रवाई योग्य नीतिगत सिफारिशों के विकास के लिए संयुक्त अनुसंधान का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने एक सुरक्षित और अधिक आपदा-प्रतिरोधी भारत बनाने के लिए दोनों संस्थानों के साझा दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।
यह समझौता ज्ञापन सशस्त्र बलों और नागरिक एजेंसियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने वाले एक महत्वपूर्ण थिंक टैंक के रूप में सीईएनजेओडब्ल्यूएस की भूमिका को रेखांकित करता है। यह आपदा प्रबंधन के लिए एक समग्र, प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण के लिए एनडीएमए की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है। साथ मिलकर, संस्थानों का लक्ष्य आपदा-प्रतिरोधी भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देना है, साथ ही एच.ए.डी.आर संचालन में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करना है।
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एमजी/केसी/एसजी
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