कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्रीय सूचना आयोग के 16वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया


नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल की प्रगति में आरटीआई अधिनियम महत्वपूर्ण: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन का मंत्र अनिवार्य रूप से पारदर्शिता को बढ़ावा देता है

मोदी सरकार के पारदर्शी कामकाज के कई उदाहरण दिए

विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नागरिकों की जागरूकता और उनकी सक्रिय भागीदारी जरूरी : डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 10 DEC 2024 6:11PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां भारत मंडपम में केंद्रीय सूचना आयोग के 16वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया।

डॉ. सिंह ने मोदी सरकार के पारदर्शी कामकाज के कई उदाहरण देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन का मंत्र अनिवार्य रूप से पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।"

केंद्रीय सूचना आयोग के इस सम्मेलन का विषय "विकसित भारत की यात्रा में आरटीआई का योगदान" था।

डॉ. सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन को बढ़ावा देने में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में मुख्य सूचना आयुक्त, राज्य सूचना आयुक्त, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और नागरिक समाज के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आरटीआई अधिनियम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आरटीआई अधिनियम ने नागरिकों की सूचना तक पहुंच बनाने के लिए एक मजबूत तंत्र प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया है, जिससे सरकार और लोगों के बीच के अंतर को पाटने में मदद मिली है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल को बढ़ावा देने में स्तंभ का काम करता है।"

केंद्रीय मंत्री ने आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में इनकी सराहनीय भूमिका सामने आई थी। उन्होंने कहा, "केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा ई-फाइलिंग, ई-सुनवाई और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण सहित ई-पहल को अपनाने से दक्षता और पारदर्शिता के लिए नए मानक स्थापित हुए हैं।" उन्होंने शासन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर देते हुए स्वामित्व मॉडल का जिक्र करते हुए शासन में नवाचार प्रदान करने के बारे में भी बात की।

उन्होंने केंद्रीय स्वच्छता अभियान की उपयोगिता का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह कबाड़ के निपटान से सरकार को राजस्व की प्राप्ति हुई थी।

डॉ. सिंह ने खुद आगे आकर तथ्यों की जानकारी देने (प्रोएक्टिव डिसक्लोजर) के क्षेत्र में उपलब्धियों की सराहना करते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए कुल 1302 सार्वजनिक प्राधिकरणों ने अपनी पारदर्शिता ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की है। उन्होंने पारदर्शिता व्यवस्था को व्यापक बनाने में आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों से इसी पहल को बढ़ाने का आग्रह किया। इस श्रृंखला में केंद्रीय मंत्री ने मामलों के शीघ्र निपटारे और नागरिकों की संतुष्टि के महत्व पर जोर दिया।

मुख्य सूचना आयुक्त श्री हीरालाल समारिया और उनके सहयोगियों की कार्य प्रणाली की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने आरटीआई तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, "शासन में विश्वास बनाने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही आवश्यक है। हम देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए आरटीआई प्रक्रिया को अधिक उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने के लिए समर्पित हैं।"

यह वार्षिक सम्मेलन हितधारकों के लिए आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन को बढ़ाने और प्रशासन में अधिक समावेशिता और नागरिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त, केंद्रीय सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयोगों के सूचना आयुक्त, सार्वजनिक प्राधिकरणों के लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी सहित केंद्र सरकार के अधिकारी, मीडिया और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया।

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एमजी/केसी/जेके/एचबी


(Release ID: 2083231)
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