इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आईआईजीएफ के चौथे संस्करण का शुभारम्भ किया; इसे “कार्रवाई के लिए एक मजबूत आह्वान” कहा


एआई के लाभों का लोकतंत्रीकरण, नवाचार को बढ़ावा देना, तकनीकी आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना भारत में एआई को सभी के लिए काम करने योग्य बनाने का हमारा विजन है

95 प्रतिशत गांवों को 3जी-4जी कनेक्टिविटी से जोड़कर देश ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कि, इससे डिजिटल विभाजन कम हुआ और सभी को समान अवसर मिले: श्री. जितिन प्रसाद

भारत के तकनीकी इकोसिस्टम में 600 से अधिक जिलों में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप काम कर रहे हैं: राज्य मंत्री

भारत नेट परियोजना अधिकांश ग्राम पंचायतों तक पहुँच चुकी है, इससे ग्रामीण समुदायों को डिजिटल युग का वादा पूरा करने में मदद मिली है: राज्य मंत्री

Posted On: 09 DEC 2024 6:27PM by PIB Delhi

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (एमईआईटीवाई) श्री जितिन प्रसाद ने भारत मंडपम में भारत इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (आईआईजीएफ) के चौथे संस्करण का शुभारम्भ किया। संवाद और कार्रवाई के लिए  एक मंच बने इस कार्यक्रम ने नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रमुखों और नागरिक समाज को इंटरनेट गवर्नन्स के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाया। इस वर्ष की विषय भारत के लिए इंटरनेट गवर्नन्स में नवाचार, टिकाऊ, समावेशी और न्यायसंगत विकास के लिए इंटरनेट का लाभ उठाने के वास्ते राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उद्घाटन समारोह में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थ। इनमे एमईआईटीवाई के सचिव श्री एस. कृष्णन, एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया के सीईओ डॉ. देवेश त्यागी, पब्लिक पॉलिसी मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल, आईसीआरआईईआर वरिष्ठ विजिटिंग प्रोफेसर प्रो. रेखा जैन (ऑनलाइन प्रतिभागी), सीसीएओआई निदेशक सुश्री अमृता चौधरी, और ज़ूपी संस्थापक और सीईओ श्री दिलशेर सिंह मल्ही शामिल थे।

अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री ने आईआईजीएफ के महत्व को बताते हुए कहा की यह मंच केवल चर्चा के लिए एक मंच नहीं है, बल्कि कार्रवाई के लिए एक मजबूत आह्वान भी है। उन्होंने समानता, पारदर्शिता और स्थिरता के मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाली डिजिटल नीतियों को आकार देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। 

भारत की डिजिटल यात्रा

दुनिया के लिए एक मॉडल, डिजिटल परिवर्तन में भारत की तेज प्रगति पर श्री प्रसाद ने डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा की पिछले दशक में भारत की परिवर्तनकारी यात्रा अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करती है। इसमें  यूपीआई, आधार और भारत नेट परियोजना जैसी सफलताएँ शामिल हैं। एक अरब 40 करोड़ से अधिक नागरिकों और लगभग एक अरब इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ भारत एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है।  जिसने नवाचार और समावेशिता में वैश्विक मानक स्थापित किए हैं।

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उन्होंने कहा कि कैसे सरकारी पहलों ने डिजिटल विभाजन को कम किया है, ग्रामीण समुदायों तक तकनीक पहुँचाई है और सभी के लिए अवसर सक्षम किए हैं। उन्होंने कहा की आज देश के 95 प्रतिशत गाँव 3G-4G कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं और देश का  स्टार्टअप इकोसिस्टम 600 से अधिक जिलों तक पहुँच चुका है।  जिनमें से आधे से अधिक का नेतृत्व महिलाएँ कर रही हैं।

भारत और दुनिया के लिए एआई 

आर्टफिशल इन्टेलिजन्स की परिवर्तनकारी भूमिका पर मंत्री ने भारत को एआई  में वैश्विक प्रमुख के रूप में स्थापित करने के सरकार के विज़न के बारे में बताया। उन्होंने कहा की सरकार का विज़न भारत में एआई  बनाना और एआई को भारत के साथ-साथ सभी के लिए काम करना है।" भारत एआई मिशन के लिए दस हज़ार करोड़ रूपये का आवंटन एआई लाभों को लोकतांत्रिक बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और तकनीकी आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगा। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी और एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ, भारत एआई क्रांति के लिए तैयार है।

एक सतत और सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर

मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास से उत्पन्न पर्यावरण और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में बताया । उन्होंने डिजिटल बुनियादी ढांचे के कार्बन पदचिह्न को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और हरित नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत के कदमों पर बल दिया। मजबूत बुनियादी ढांचे और वास्तविक समय के खतरे का पता लगाने वाली प्रणालियों के आह्वान के साथ साइबर सुरक्षा भी एक प्रमुख फोकस था। मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और जीपीएआई जैसे मंचों में भारत की सक्रिय भूमिका का हवाला देते हुए वैश्विक इंटरनेट शासन में बहु-हितधारक सहयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी हितधारकों से एक सतत, समावेशी और सुरक्षित डिजिटल भविष्य को आकार देने का आग्रह करते हुए समापन किया।

एमईआईटीवाई सचिव श्री एस कृष्णन ने पिछले दो दशकों में डिजिटलीकरण की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में बताते हुए कहा की इसने सूचना तक पहुँचने और उससे बातचीत करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है, जो अब हमारी उंगलियों पर है।

उन्होंने इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईआईजीएफ) के पिछले संस्करण की महत्वपूर्ण चर्चाओं और उसके बाद की गई कार्रवाइयों पर विचार किया। उन्होंने इंटरनेट की निरंतर लचीलापन सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया।  उन्होंने इसकी स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कदमों को बताया।

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श्री कृष्णन ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया की अगर कोई व्यवधान होता है तो क्या होगा? क्या हम यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त रूप से स्थिर हैं कि नागरिकों को आवश्यक सेवाएँ भी प्रदान की जा सकें?" उन्होंने इसे इंटरनेट लचीलापन और निरंतरता का सार बताया।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ

फोरम ने पाँच महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया:

  • कनेक्शन को सशक्त बनाना: सभी समुदायों के लिए इंटरनेट एक्सेस में सुधार और डिजिटल अंतर को पाटना।
  • कानूनी और नियामक ढाँचे: उपयोगकर्ता सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विकास का समर्थन करने के लिए संतुलित नीतियों पर चर्चा करना।
  • जिम्मेदार एआई: आर्टफिशल इन्टेलिजन्स का उपयोग करने के नैतिक और निष्पक्ष तरीकों की खोज करना।
  • एक हरित और दीर्घकालिक इंटरनेट का निर्माण: डिजिटल प्रथाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए विचारों को साझा करना।
  • भरोसा और सुरक्षा: साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने और ऑनलाइन उपयोगकर्ता विश्वास बनाने के लिए समाधान खोजना

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एमजी/ केसी/एसके

 


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