संस्कृति मंत्रालय
शास्त्रीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन
Posted On:
05 DEC 2024 4:28PM by PIB Delhi
सरकार ने निम्नलिखित 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी है:-
भाषा
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अधिसूचना का वर्ष
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तामिल
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2004
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संस्कृत
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2005
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तेलुगू
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2008
|
कन्नड़
|
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मलयालम
|
2013
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ओडिया
|
2014
|
मराठी
|
2024
|
पाली
|
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प्राकृत
|
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असमिया
|
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बंगाली
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|
भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से शास्त्रीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए धनराशि उपलब्ध कराती है। शास्त्रीय भाषाओं के लिए जारी की गई धनराशि का विवरण अनुलग्नक-I में पाया जा सकता है ।
भारत सरकार ने तमिल भाषा के विकास और संवर्धन के लिए चेन्नई में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ क्लासिकल तमिल (सीआईसीटी) नामक एक संस्थान की स्थापना की है। सीआईसीटी सेमिनार, कार्यशालाएँ, अल्पकालिक परियोजनाएँ और तिरुक्कुरल का भारतीय/विदेशी भाषाओं में अनुवाद आयोजित करता है। सीआईसीटी ने 41 शास्त्रीय ग्रंथों का ब्रेल रूपांतरण किया है, जिससे दृष्टिबाधित लोगों को प्राचीन तमिल साहित्य का अनुभव करने में मदद मिली है। एनसीईआरटी के सहयोग से, सीआईसीटी ने तमिल भाषा के प्रचार के लिए PM-e विद्या तमिल चैनल भी लॉन्च किया है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
अनुलग्नक-I
शास्त्रीय भाषा के लिए वर्षवार और भाषावार निधि
(रुपये लाख में)
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2020-21
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2021-22
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2022-23
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2023-24
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2024-25
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कन्नड़
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127.50
|
106.50
|
171.75
|
154.50
|
83.50
|
तेलुगू
|
147.00
|
103.15
|
171.75
|
154.50
|
83.50
|
मलयालम
|
8.00
|
63.97
|
186.75
|
112.50
|
83.50
|
तामिल
|
1200.00
|
1200.00
|
1200.00
|
1525.00
|
1430.00
|
ओडिया
|
8.00
|
58.38
|
176.75
|
138.50
|
83.50
|
भारत सरकार तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से संस्कृत भाषा को बढ़ावा देती है। इन विश्वविद्यालयों को संस्कृत भाषा में शिक्षण और शोध के लिए धन मुहैया कराया जाता है, जिससे छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते हैं।
मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को 04.10.2024 के राजपत्र अधिसूचना के तहत शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई।
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