विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
एस्ट्रोसैट पर लगे यूवीआईटी ने एंड्रोमेडा गैलेक्सी में ब्रह्मांडीय रहस्य उजागर किए
Posted On:
06 DEC 2024 4:29PM by PIB Delhi
खगोलविदों ने नोवा से दूर पराबैंगनी विकिरणों का पता लगाया है। नोवा एक विशेष प्रकार की क्षणिक खगोलीय घटना है, जिसके कारण अचानक एक चमकदार, स्पष्टतः नया तारा प्रकट होता है, जो अपने विस्फोट के दौरान, सप्ताहों या महीनों में धीरे-धीरे लुप्त हो जाता है। ऐसा पहली बार पड़ोसी एंड्रोमेडा आकाशगंगा में हुआ है।
सभी देखे गए नोवा में निकटस्थ द्विआधारी प्रणालियों में स्थित व्हाइट ड्वार्फ शामिल होते हैं, लेकिन नोवा के नाटकीय रूप से प्रकट होने के कारण, उनके उत्पत्ति तारों की परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं।
कभी-कभी एक व्हाइट ड्वार्फ, जो पृथ्वी के आकार का लेकिन बहुत गर्म तारा होता है, और एक सूर्य जैसा (या उसका फूला हुआ विकसित संस्करण) तारा, एक दूसरे के बहुत करीब से परिक्रमा करते हुए पाए जाते हैं। ऐसी प्रणालियों में, व्हाइट ड्वार्फ तारे का तीव्र गुरुत्वाकर्षण बल साथी तारे को विकृत कर सकता है और उसके पदार्थ को व्हाइट ड्वार्फ तारे की सतह पर खींच सकता है। पदार्थ के ढेर लगने से इतना तीव्र घनत्व पैदा होता है कि संलयन प्रतिक्रिया बढ़ जाती है, जिससे बहुत अधिक मात्रा में प्रकाश निकलता है, जिसे नोवा विस्फोट के रूप में देखा जाता है। नोवा विस्फोट आकाशगंगा के रासायनिक संवर्धन में योगदान करते हैं, और इसलिए वे अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये आघात तंत्र, थर्मोन्यूक्लियर प्रक्रियाओं और तारों के द्विआधारी विकास की चरम स्थितियों का अध्ययन करने के लिए प्रयोगशालाएँ भी प्रदान करते हैं।
यह अभिवृद्धि प्रक्रिया व्हाइट ड्वार्फ के चारों ओर एक डिस्क जैसी संरचना की उपस्थिति के माध्यम से सुव्यवस्थित होती है, जिसे अभिवृद्धि डिस्क के रूप में जाना जाता है। ये डिस्क बहुत गर्म होती हैं और स्पेक्ट्रम के यूवी और नीले क्षेत्रों में विद्युत चुम्बकीय तरंगें उत्सर्जित करती हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने सार्वजनिक अभिलेखागार से एंड्रोमेडा आकाशगंगा के अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (UVIT/एस्ट्रोसैट) डेटा का उपयोग करके, नोवा के निष्क्रियता के दौरान उनसे दूर के अल्ट्रावायलेट (FUV) उत्सर्जन की खोज की। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि, इस दौरान उन्हें नोवा के विस्फोट चरण के आसपास के क्षेत्र में अचानक कुछ दिखाई दिया।
जूधाजीत बसु (आईआईए और पांडिचेरी विश्वविद्यालय), कृष्णेंदु एस. (आईआईए और अमृता विश्वविद्यालय), सुधांशु बारवे (आईआईए), शताक्षी चमोली (आईआईए और पांडिचेरी विश्वविद्यालय), और जी. सी. अनुपमा (आईआईए) की टीम ने 42 नोवा से पराबैंगनी उत्सर्जन का पता लगाया, जो एक विशेष प्रकार के तारकीय विस्फोट होते हैं। टीम ने इन नोवा घटनाओं में से 4 नोवा को उनके विस्फोट के दौरान ही देखा। इससे वैज्ञानिकों को हमारे निकटतम पड़ोसी आकाशगंगा में स्थित इन परस्पर क्रियाशील द्वितारा प्रणालियों का उनके जीवन के विभिन्न चरणों में अध्ययन करने में सहायता मिल सकती है, जिनमें से कुछ अपने साथी आकाशगंगा से पदार्थ एकत्रित करते हैं, जबकि अन्य इसे अंतरिक्ष में फेंक देते हैं।
"यूवीआईटी के बेहतरीन स्थानिक रिज़ॉल्यूशन और दूर यूवी और निकट यूवी में एक साथ निरीक्षण करने की अनूठी क्षमता ने हमें विभिन्न यूवी बैंड में प्रवाह की जांच करने में मदद की, जिसके कारण 2.5 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर इनमें से कुछ प्रणालियों में अभिवृद्धि डिस्क का पता चला। डिस्क जितनी चमकीली होती है, उतनी ही तेज़ी से वह अपने साथी के पदार्थ का उपभोग करती है। आईआईए में पीएचडी छात्र बसु, जिन्होंने इस परियोजना का नेतृत्व किया ने कहा कि हमने यह भी अध्ययन किया कि इन डिस्क से प्रवाह समय के साथ कैसे बदलता है, और हमारी उम्मीदों के अनुसार, इन प्रणालियों में अभिवृद्धि प्रक्रिया स्थिर पाई गई।"
व्हाइट ड्वार्फ पर पदार्थ के लगातार जमा होने से अत्यधिक तापमान, दबाव और घनत्व की स्थिति पैदा होती है। "पदार्थ की यह परत एक पारदर्शी खोल की तरह काम करती है, जो व्हाइट ड्वार्फ और एक्रीशन डिस्क से आने वाले कुछ विकिरण को रोकती है। इन परिस्थितियों में, इन प्रणालियों की चमक कम हो जाती है, और यह इस बात का संकेत है कि आगे क्या होने वाला है।
बसु ने कहा, "यह तूफान से पहले की शांति की तरह है और यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा हमने एंड्रोमेडा गैलेक्सी में इन दो प्रणालियों में यूवीआईटी से प्राप्त डेटा का उपयोग करके पाया, जो हमारे क्रेस्ट परिसर में निर्मित एक दूरबीन है और जिसे इसरो द्वारा अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया है।"
आईआईए के एक संकाय सदस्य बारवे ने कहा, एक बार जब तापमान और घनत्व एक निश्चित सीमा तक पहुँच जाती हैं, तो सभी संचित हाइड्रोजन-समृद्ध पदार्थ एक थर्मोन्यूक्लियर रनवे प्रतिक्रिया से गुजरते हैं। "यह ठीक वैसा ही है जैसा एक फ्यूजन बम में होता है, लेकिन यह "खगोलिय" पैमाने पर होता है। यह विस्फोट स्वाभाविक रूप से कई क्रमों के परिमाण से सिस्टम को उज्ज्वल बनाता है, जिससे बड़ी मात्रा में पदार्थ अंतरतारकीय माध्यम में फेंक दिया जाता है। हमने संयोग से इस क्रिया में फंसी चार प्रणालियों को पाया।
बसु ने बताया, "इन नोवा का पता लगाना केवल इसरो द्वारा संचालित एस्ट्रोसैट यूवीआईटी द्वारा उठाए गए एंड्रोमेडा सर्वेक्षण प्रस्तावों के कारण ही संभव हो पाया। भविष्य में ऐसे और मिशन, खासकर यूवी और एक्स-रे में, इन प्रणालियों की खोज और उनका अनुसरण कर सकते हैं, और नोवा के कुछ गुम पहेलियों का उत्तर दे सकते हैं।"
चित्र (1): यूवीआईटी के एफयूवी/एनयूवी फिल्टर में एंड्रोमेडा में पाए गए नोवा
चित्र (2): छवि उपसर्ग द्वारा M31 के उज्ज्वल केंद्रीय उभार से पुनर्प्राप्त नोवा
एमजी/केसी/जीके
(Release ID: 2081714)
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