खान मंत्रालय
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तांबा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश: आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

Posted On: 06 DEC 2024 5:28PM by PIB Delhi

देश में अलौह धातु क्षेत्र (तांबा सहित) के लिए गुणवत्ता नियंत्रण इकोसिस्‍टम को मजबूती प्रदान करने के लिए खान मंत्रालय ने 31 अगस्त, 2023 को एल्युमीनिय एवं एल्युमीनियम मिश्र धातु और निकल के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्‍यूसीओ) के साथ तांबा (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश को अधिसूचित किया। शुरुआत में तांबा क्‍यूसीओ सहित गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्‍यूसीओ) को इसकी अधिसूचना की तारीख से तीन महीने बाद यानी 30.11.2023 को लागू होना था।

इसके बाद, उपयोगकर्ता क्षेत्र के उद्योग सहित उद्योग जगत के हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर और आपूर्ति की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, इस आदेश को 3 नवंबर, 2023 की अधिसूचना के माध्यम से छह महीने (यानी 1.6.2024) के लिए और बाद में 3 मई, 2024 की अधिसूचना के माध्यम से अन्य छह महीने यानी 1.12.2024 के लिए बढ़ा दिया गया। मंत्रालय ने अक्टूबर, 2023; जनवरी, 2024; मई, 2024; सितंबर, 2024; और अक्टूबर, 2024 के महीनों के दौरान उद्योग निकायों और उपयोगकर्ता क्षेत्र के उद्योगों के साथ सिलसिलेवार बैठकों के माध्यम से नियमित आधार पर संबंधित हितधारकों के साथ कई वार्ताएं कीं। सचिव (खान) ने 17.1.2024 को महानिदेशक, बीआईएस के साथ एक बैठक की, जिसमें बीआईएस और मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस प्रकार, तांबा कैथोड के घरेलू और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणन प्राप्त करने के लिए 31 अगस्त, 2023 से 15 महीने की पर्याप्त अवधि की अनुमति दी गई।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने लगभग 363 हज़ार टन (टीएचटी) परिष्‍कृत तांबा कैथोड (एचएस कोड: 740311) का आयात किया, जिसकी कीमत 24,552 करोड़ रुपये थी। परिष्‍कृत तांबे के आयात में जापान लगभग 2/3 (67 प्रतिशत)के लिए उत्‍तरदायी रहा। मात्रा के लिहाज़ से भारत के परिष्‍कृत तांबे के आयात का लगभग 69 प्रतिशत जापान से आता है। परिष्‍कृत तांबे के लिए तंजानिया भारत का दूसरा महत्वपूर्ण स्रोत है, जो आयात में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान देता है; इसके बाद मोज़ाम्बिक का स्थान आता है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 5 प्रतिशत है।

मेसर्ज अडानी की कच्छ कॉपर रिफाइनरी ने उत्पादन शुरू कर दिया है। हालांकि, कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, पूरी क्षमता तक पहुंचने में कुछ और समय (लगभग फरवरी-मार्च 2025) लगेगा। एक बार लक्ष्य हासिल हो जाने पर भारत परिष्कृत तांबे में आत्मनिर्भर हो जाएगा और उसे आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उस समय तक, कुछ मात्रा में परिष्कृत तांबे का आयात करना होगा।

अब तक, बीआईएस प्रमाणन के लिए जापानी स्मेल्टरों से 7 वेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक स्मेल्टर (सुमितोमो मेटल माइनिंग कंपनी लिमिटेड) को पहले ही लाइसेंस प्रदान किया जा चुका है। बीआईएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अगले सप्ताह तक दो और लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।

वर्तमान में, भारतीय बाजार में कॉपर कैथोड की आपूर्ति करने के लिए चार घरेलू आपूर्तिकर्ताओं अर्थात् अडानी की कच्छ कॉपर लिमिटेड, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, गुजरात विक्ट्री फोर्जिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और वेदांता लिमिटेड तथा चार विदेशी आपूर्तिकर्ताओं, जापान और ऑस्ट्रिया से एक-एक और मलेशिया से दो को बीआईएस द्वारा प्रमाणित किया गया है। इस प्रकार, 4 घरेलू बीआईएस प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं और 4 विदेशी बीआईएस प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं और दिसंबर, 2024 के मध्य तक दो अन्य प्रमाणन के साथ, आपूर्ति के संबंध में किसी गंभीर बाधा की परिकल्पना नहीं की गई है।

 

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