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राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) 4 दिसंबर, 2024 को अपना 67वां स्थापना दिवस मनाएगा


डीआरआई के स्थापना दिवस के अवसर पर 9वीं क्षेत्रीय सीमाशुल्क प्रवर्तन बैठक (आरसीईएम) भी आयोजित की जाएगी

Posted On: 02 DEC 2024 8:12PM by PIB Delhi

राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) 4 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में अपना 67वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ प्रतिनिधि और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम के दौरान वार्षिक 'स्मगलिंग इन इंडिया- रिपोर्ट 2023-24' का विमोचन किया जाएगा। यह रिपोर्ट पिछले वित्तीय वर्ष में डीआरआई के कार्यनिष्पादन और अनुभव के साथ-साथ तस्करी की रोकथाम की गतिविधियों और वाणिज्यिक धोखाधड़ी की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालती है।

इसके अतिरिक्त, डीआरआई अन्य देशों के साथ सीमाशुल्क पारस्परिक सहायता समझौतों (सीएमएए) के माध्यम से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सीमाशुल्क को लेकर सहयोग में अग्रणी रहा है, जो सीमाशुल्क से जुड़े अपराधों की रोकथाम और जांच में सूचना साझा करने और अन्य सीमाशुल्क प्रशासनों से सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को सीखने पर जोर देता है।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर, डीआरआई प्रवर्तन संबंधी मुद्दों पर साझेदार सीमाशुल्क संगठनों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों जैसे संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ड्रग्स और अपराध (यूएनओडीसी), अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (आईएनसीबी) और क्षेत्रीय खुफिया संपर्क कार्यालय-एशिया प्रशांत (आरआईएलओ-एपी) के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए क्षेत्रीय सीमाशुल्क प्रवर्तन बैठक (आरसीईएम) का भी आयोजन करेगा। इन संगठनों के विभिन्न प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेंगे।

डीआरआई के बारे में

राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), भारत सरकार के तत्वावधान में तस्करी की रोकथाम के मामलों पर प्रमुख खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है। यह 4 दिसंबर, 1957 को अस्तित्व में आया।

डीआरआई का मुख्यालय नई दिल्ली में है। अपने 12 प्रादेशिक इकाइयों, 35 क्षेत्रीय इकाइयों और 15 उप-क्षेत्रीय इकाइयों में 900 से अधिक अधिकारियों के साथ, डीआरआई नारकोटिक ड्रग और साइकोट्रॉपिक पदार्थों, सोने, हीरे, कीमती धातुओं, वन्यजीव के उत्पादों, सिगरेट, हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक, नकली नोट, विदेशी मुद्रा, स्कोमेट (विशेष रसायन, जीवों के अंग, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) आइटम, खतरनाक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील सामग्री, प्राचीन वस्तुओं आदि की तस्करी के मामलों को रोकने और पता लगाने एवं इसमें शामिल संगठित अपराधी गिरोहों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के अपने शासनादेश को पूरा करने में जुटा है। डीआरआई वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमाशुल्क की चोरी के मामलों का पता लगाने में भी लगा हुआ है।

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