मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केरल में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन

Posted On: 04 DEC 2024 5:08PM by PIB Delhi

देश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के कार्यान्वयन की स्थिति इस प्रकार है:

I. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम): विभाग देशी गोपशुओं और भैंसों की नस्लों के विकास और संरक्षण, बोवाइन आबादी के आनुवंशिक उन्नयन और बोवाइन पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2014 से आरजीएम को लागू कर रहा है। यह योजना 2400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक विभाग की संशोधित और पुनर्संरेखित योजनाओं के तहत जारी है। योजना के कार्यान्‍वयन की स्थिति इस प्रकार है:

  1. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत, पशुपालन और डेयरी विभाग देशी नस्लों सहित बोवाइन पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कवरेज का विस्तार कर रहा है। अब तक, 7.3 करोड़ पशुओं को कवर किया गया है, 10.17 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए गए हैं, जिससे 4.58 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
  2. संतति परीक्षण और नस्ल चयन: इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशी नस्लों के सांडों सहित उच्च आनुवंशिक गुणता वाले सांडों का उत्पादन करना है। संतति परीक्षण को गोपशु की गिर, साहीवाल नस्लों तथा भैंसों की मुर्राह, मेहसाणा नस्लों के लिए कार्यान्वित किया जा रहा है। नस्ल चयन कार्यक्रम के अंतर्गत गोपशु की राठी, थारपारकर, हरियाना, कांकरेज नस्ल और भैंस की जाफराबादी, नीली रावि, पंढारपुरी और बन्नी नस्लों को शामिल किया गया है। अब तक 3,988 उच्च आनुवंशिक गुणता वाले सांडों का उत्पादन किया गया है और उन्हें वीर्य उत्पादन के लिए शामिल किया गया है।
  3. इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का कार्यान्वयन: देशी नस्लों के उत्कृष्ट पशुओं का प्रसार करने के लिए, विभाग ने 22 आईवीएफ प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं और 22,896 व्यवहार्य भ्रूणों का उत्पादन किया है, जिनमें से 12,846 भ्रूण अंतरित किए गए हैं और 2019 बछड़े-बछड़ियों का जन्म हुआ है।
  4. सेक्स-सॉर्टेड वीर्य उत्पादन: विभाग ने गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में स्थित 5 सरकारी वीर्य स्टेशनों पर सेक्स सॉर्टेड वीर्य उत्पादन सुविधाएं स्थापित की हैं। 3 निजी वीर्य स्टेशन भी सेक्स सॉर्टेड वीर्य खुराक का उत्पादन कर रहे हैं। अब तक उच्च आनुवंशिक गुणता वाले सांडों से 1.12 करोड़ सेक्स-सॉर्टेड वीर्य खुराकों का उत्पादन किया गया है और उसे कृत्रिम गर्भाधान के लिए उपलब्ध कराया गया है।
  5. जीनोमिक चयन: गोपशु और भैंसों के आनुवंशिक सुधार में तेजी लाने के लिए, विभाग ने देश में जीनोमिक चयन शुरू करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गईं एकीकृत जीनोमिक चिप विकसित की हैं- देशी गोपशुओं के लिए गौ चिप और भैंसों के लिए महिष चिप।
  6. ग्रामीण भारत में बहुउद्देश्यीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (मैत्री): इस योजना के तहत मैत्री को किसानों के द्वार पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित किया जाता है। पिछले 3 वर्षों के दौरान राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 38,736 मैत्री को प्रशिक्षित और सुसज्जित किया गया है।
  7. सेक्स-सॉर्टेड वीर्य का उपयोग करके त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम: इस कार्यक्रम का उद्देश्य 90% सटीकता के साथ बछियों का उत्पादन करना है, जिससे नस्ल सुधार और किसानों की आय में वृद्धि हो। किसानों को सुनिश्चित गर्भधारण के लिए सेक्स-सॉर्टेड वीर्य की लागत के 50% तक सहायता मिलती है। अब तक, इस कार्यक्रम से 341,998 किसान लाभान्वित हो चुके हैं।

II. राष्ट्रीय पशुधन मिशन(एनएलएम): विभाग वित्तीय वर्ष 2014-15 से एनएलएम योजना को क्रियान्वित कर रहा है। क्षेत्र की वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 से एनएलएम योजना को संशोधित और पुनर्संरेखित किया गया है।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) की संशोधित योजना का उद्देश्य रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास, प्रति पशु उत्पादकता में वृद्धि करना और इस प्रकार अम्ब्रेला योजना विकास कार्यक्रम के तहत मांस, बकरी के दूध, अंडे और ऊन के उत्पादन में वृद्धि करना है। इस योजना में तीन उप-मिशन और कार्यकलाप शामिल हैं। जिनका विवरण इस प्रकार है:

1. पशुधन और पोल्ट्री का नस्ल विकास संबंधी उप-मिशन

2. चारा और आहार विकास संबंधी उप-मिशन

3. नवाचार, विस्तार संबंधी उप-मिशन

1. पशुधन और पोल्ट्री का नस्ल विकास संबंधी उप-मिशन: इस उप-मिशन में निम्नलिखित कार्यकलाप हैं:

() कार्यकलाप I:- ग्रामीण पोल्ट्री की नस्ल विकास के लिए उद्यमियों की स्थापना:

व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)/किसान सहकारी समितियों (एफसीओ)/संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) और धारा 8 कंपनियों को पेरैंट फ़ार्म (1000 पक्षी) की स्थापना के लिए 25.00 लाख रु. तक 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है।

() जुगाली करने वाले छोटे पशुओं के क्षेत्र (भेड़ और बकरी पालन) में नस्ल विकास के लिए उद्यमी की स्थापना:

व्यक्ति, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)/किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/किसान सहकारी समितियों (एफसीओ)/संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) और धारा 8 कंपनियों को न्यूनतम 100 मादा और 10 नर तथा अधिकतम 500 मादा और 25 नर के साथ भेड़ और बकरी प्रजनन इकाई स्थापित करने के लिए 50.00 लाख रुपये तक की 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है।

कार्यकलाप II. भेड़ और बकरी की नस्लों का आनुवंशिक सुधार: इस कार्यकलाप के अंतर्गत निम्नलिखित उप कार्यकलाप हैं:

(i) भेड़ और बकरी के लिए क्षेत्रीय वीर्य उत्पादन प्रयोगशाला और वीर्य बैंक की स्थापना: भेड़ और बकरी के लिए क्षेत्रीय वीर्य स्टेशन की स्थापना के लिए संबंधित पात्र राज्य को केंद्रीय अंश के रूप में 400.00 लाख रुपये तक की एकमुश्त अनुदान सहायता प्रदान की जाती है।

(ii) राज्य वीर्य बैंक की स्थापना: बकरी के हिमित वीर्य को संग्रहीत करने और वितरित करने के लिए मौजूदा गोपशु और भैंस वीर्य बैंक को सुदृढ़ करने के लिए राज्य को 10.00 लाख रुपये तक की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है।

(iii) मौजूदा गोपशु और भैंस कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान का संवर्धन:

बकरी के हिमित वीर्य के संवर्धन के लिए बकरी कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों को मौजूदा गोपशु कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों में सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए प्रत्‍येक एआई केंद्र को 7000/- रुपये तक की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है।

(iv) विदेशी भेड़ और बकरी जर्मप्लाज्म का आयात:

नॉन-डिस्क्रिप्ट पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए भेड़ और बकरी के जर्मप्लाज्म के आवश्यकता आधारित आयात के लिए राज्य पशुपालन विभाग को सहायता प्रदान की जाती है।

कार्यकलाप III : सूअर पालन उद्यमी को बढ़ावा: व्यक्ति/स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)/किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/किसान सहकारी समितियों (एफसीओ)/संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) और धारा 8 कंपनियों को 30.00 लाख रू. तक की एकमुश्त 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है

कार्यकलाप IV : सूअर की नस्लों का आनुवंशिक सुधार: इस कार्यकलाप के तहत निम्नलिखित कार्यकलाप कार्यान्वित किए जाते हैं:

(i) सूअर वीर्य संग्रहण एवं प्रसंस्करण प्रयोगशाला की स्थापना: कृत्रिम गर्भाधान के लिए सूअर के उच्च गुणवत्ता वाले तरल वीर्य का उत्पादन करने के लिए सरकारी सूअर फार्म में वीर्य प्रसंस्करण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए पशुपालन विभाग को 150 लाख रुपये तक की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, वीर्य के पहली बार प्रसंस्करण के लिए उपभोग्य सामग्रियों, दवाओं, रसायनों आदि की खरीद के लिए एकमुश्त आवर्ती व्यय के रूप में 30 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।

(ii) विदेशी सूअर जर्मप्लाज्म का आयात: केंद्र सरकार नॉन-डिस्क्रिप्ट पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने तथा प्रति पशु मांस उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले संकर नस्ल के पशुओं का उत्पादन करने के लिए आवश्यकता आधारित सूअर जर्मप्लाज्म के आयात के लिए राज्यों को सहायता दे रही है।

कार्यकलाप V: घोड़े, गधे, खच्चर और ऊँट के लिए उद्यमियों की स्थापना: व्यक्तिगत, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)/कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/कृषक सहकारी समितियों (एफसीओ)/संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) और धारा 8 कंपनियों को 50.00 लाख रू. तक की 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है।

कार्यकलाप VI: घोड़े, गधे, खच्चर, ऊँट का आनुवंशिक सुधार: (क) घोड़े, गधे और ऊँट के लिए क्षेत्रीय वीर्य स्टेशन : देशी घोड़े, गधे, खच्चर और ऊँट के लिए वीर्य स्टेशन की स्थापना के लिए राज्य सरकार को 10 करोड़ रूपए तक की एकमुश्त अनुदान सहायता प्रदान की जाती है।

घोड़ा/गधा/ऊँट जर्मप्लाज्म के संरक्षण के लिए न्यूक्लियस ब्रीड फार्म : पशुओं के इन-सीटू और एक्स- सीटू संरक्षण के लिए उत्‍कृष्‍ट पशुओं के साथ घोड़े, ऊँट, गधे के  न्यूक्लियस ब्रीडिंग फार्म की स्थापना के लिए राज्य सरकारों को 10 करोड़ तक की एकमुश्त अनुदान सहायता प्रदान की जाती है।

नस्ल पंजीकरण सोसायटी: घोड़े, ऊंट और गधे के लिए नस्ल पंजीकरण सोसायटी की स्थापना के लिए 100% सहायता प्रदान की जाती है।

2. आहार और चारा विकास संबंधी उप-मिशन: आहार और चारा विकास के उप-मिशन में निम्नलिखित कार्यकलाप शामिल होंगे:

  1. गुणवत्तापूर्ण चारा बीज उत्पादन के लिए सहायता: केंद्र और राज्य सरकार के संस्थानों द्वारा चारा बीज उत्पादन की सभी श्रेणियों के उत्पादन हेतु 100% प्रोत्साहन।

 (ii) : पशु आहार और चारा संबंधी उद्यमशीलता कार्यकलाप: व्यक्ति, एसएचजी, एफसीओ, जेएलजी, एफपीओ, डेयरी सहकारी समितियां, धारा 8 कंपनियों को घास (हे)/सिलेज/कुल मिश्रित राशन (टीएमआर)/चारा ब्लॉक जैसे मूल्य संवर्धन के लिए प्रोत्साहित करते हुए 50 लाख रूपए तक की एकबारगी 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है।

(iii) चारा बीज प्रसंस्करण अवसंरचना (प्रसंस्करण और ग्रेडिंग इकाई/चारा बीज भंडारण गोदाम) के लिए उद्यमियों की स्थापना: कंपनियों, स्टार्ट-अप/एसएचजी/एफपीओ/एफसीओ/जेएलजी/सहकारी समितियों, धारा 8 कंपनियों और अन्य विश्वसनीय संगठनों को चारा बीज प्रसंस्करण अवसंरचना की स्थापना के लिए एकबारगी 50 लाख रुपये तक की 50% पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाती है।

(iv) गैर-वन बंजर भूमि/रेंज भूमि/गैर-कृषि योग्य भूमि से चारा उत्पादन और वन भूमि से चारा उत्पादन: लवणीय, अम्लीय और भारी मिट्टी जैसी समस्याग्रस्त मिट्टी के वनस्पति आवरण को बढाने के लिए अवक्रमित केंद्रीय सहायता गैर-वन बंजर भूमि/रेंज भूमि/चारागाह/गैर-कृषि योग्य भूमि और वन भूमि में विभिन्न प्रकार के चारे के उत्पादन के लिए प्रदान की जाती है

3. नवाचार और विस्तार संबंधी उप मिशन: इस उप मिशन के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यकलाप हैं:

(i) अनुसंधान और विकास तथा नवाचार: भेड़, बकरी, पोल्ट्री, सूअर और आहार तथा चारा क्षेत्र में अनुसंधान में सरकारी संस्‍थानों सहित विश्वसनीय संस्थानों को अनुसंधान और विकास के लिए 100% सहायता प्रदान की जाती है।

(ii) विस्तार कार्यकलाप: सेमिनार, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, पशुपालक समूह, प्रजनक संघ और पशुधन मेलों जैसी आईईसी कार्यकलापों के माध्यम से योजना और पशुपालन संवर्धन के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

(ii) पशुधन बीमा कार्यक्रम: पशुओं के बीमा कवरेज के लिए 60:40 या 90:10 के आधार पर प्रीमियम के हिस्से के लिए राज्य सरकार को सहायता प्रदान की जाती है। लाभार्थी प्रीमियम का 15% हिस्सा साझा कर रहा है।

(ख) आरजीएम के वास्‍तविक लक्ष्य और उपलब्धियाँ अनुबंध-I में दी गई हैं। पिछले 10 वर्षों में दूध उत्पादन और उत्पादकता में परिवर्तन का विवरण अनुबंध-II में दिया गया है।

(ग) आरजीएम के तहत पिछले 5 वर्षों और चालू वर्ष में केरल राज्य को कुल 11068.31 लाख रुपये जारी किए गए हैं। आरजीएम के तहत केरल राज्य को वर्ष-वार जारी निधि और उपयोग का विवरण अनुबंध-III में दिया गया है।

वित्तीय वर्ष 2014-15 से एनएलएम के तहत केरल को 2687.32 लाख रुपये जारी किए गए हैं। राज्य ने 2465.60 लाख रुपये का उपयोग किया, जिससे वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में जारी की गई निधि में से 221.72 लाख रुपये व्‍यय नहीं किए गए। परिणामस्‍वरूप, वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 के दौरान कोई निधि जारी नहीं की गई। राज्य ने अव्ययित राशि को सरेंडर कर दिया और समाधानकृत (रिकंसाइल्क) शून्य उपयोगिता प्रमाण पत्र 2 नवंबर 2024 को ही प्राप्त हुआ। इस बीच, नई निधि रिलीज प्रणाली के अनुसार, राज्य को एसएनए स्पर्श में शामिल होना चाहिए और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन पोर्टल (पीएफएमएस) सिस्टम में लैगेसी डेटा अपलोड करना चाहिए। गलत लैगेसी डेटा अपलोड और राज्य द्वारा एसएनए स्पर्श प्रणाली में शामिल होने में देरी के कारण, चालू वित्त वर्ष में निधि जारी नहीं की जा सकी।

वर्ष-वार निधि जारी करने और उपयोग की स्थिति तथा अर्जित लाभों का विस्तृत ब्यौरा अनुबंध IV (तालिका 1 और 2) में दिया गया है। एनएलएम-ईडीपी योजना के अंतर्गत प्राप्त लाभों का विवरण अनुबंध V में दिया गया है।

 

 

अनुबंध-I

केरल में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन में संदर्भित अनुबंध।

आरजीएम के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य एवं उपलब्धियां

आरजीएम के अंतर्गत घटक

लक्ष्य

उपलब्धियां

मौजूदा वीर्य स्टेशनों को सुदृढीकरण करना (संख्या)

44

47

संतति परीक्षण (सांडों की संख्या)

3,700

3,988

नस्‍ल चयन (सांडों की संख्या)

1,000

भ्रूण के माध्यम से सांडों का उत्पादन (संख्या)

7,900

जीनोमिक चयन (संख्या)

50,000

48,451

सांडों का आयात (सांडों की संख्या)

1,000

250

आईवीएफ तकनीकी का कार्यान्वयन

1,15,000

12,846-भ्रूण अंतरित किए गए और 2019 बछड़े-बछडियां पैदा हुए

22,896- भ्रूण उत्पादित

ईटीटी/आईवीएफ प्रयोगशालाओं की स्थापना (संख्या)

10

22

नस्ल वृद्धि फार्म (संख्या)

125

132

मैत्री की स्थापना (संख्या)

40,000

38,736

मैत्री का प्रशिक्षण (संख्या)

40,000

एआई कार्यक्रम (पशु मिलियन)

165

101.73

सैक्‍स सॉर्टेड सीमेन को बढ़ावा देना (मिलियन खुराक)

12.20

11.21

कौशल विकास

74,333

74,333

 

अनुबंध–II

केरल में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के संबंध संदर्भित अनुबंध।

पिछले 10 वर्षों में दूध उत्पादन और उत्पादकता में परिवर्तन का राज्यवार विवरण

 

उत्पादन ('000 टन में)

विदेशी/संकर नस्ल - उत्पादकता (किलोग्राम/पशु/दिन में)

नॉन-डिस्‍क्रिप्‍ट/देशी - उत्पादकता (किलोग्राम/पशु/दिन में)

भैंस - उत्पादकता (किलोग्राम/पशु/दिन में)

राज्य

वर्ष 2014-15

वर्ष 2023-24

परिवर्तन   (% में)

वर्ष 2014-15

वर्ष 2023-24

परिवर्तन   (% में)

वर्ष 2014-15

वर्ष 2023-24

परिवर्तन   (% में)

वर्ष 2014-15

वर्ष 2023-24

परिवर्तन   (% में)

आंध्र प्रदेश

9656.15

13994.40

44.93

7.43

9.35

25.84

2.30

3.58

55.65

6.07

6.70

10.38

अरुणाचल प्रदेश

46.07

20.00

-

6.52

2.11

-

1.38

0.60

-

0.67

0.97

44.78

असम

829.47

1092.23

31.68

4.18

4.67

11.72

0.96

1.63

69.79

3.06

3.33

8.82

बिहार

7774.89

12853.00

65.31

6.49

6.38

-

3.10

3.31

6.77

4.24

4.59

8.25

छत्तीसगढ

1231.57

2124.03

72.47

6.09

6.30

3.45

1.41

2.45

73.76

5.14

4.99

-

गोवा

66.60

63.67

-

7.47

9.09

21.69

1.62

2.30

41.98

3.98

3.70

-

गुजरात

11690.57

18311.80

56.64

9.08

9.93

9.36

4.19

5.01

19.57

4.96

5.33

7.46

हरियाणा

7901.35

12220.21

54.66

8.75

10.56

20.69

5.38

6.79

26.21

7.79

10.83

39.02

हिमाचल प्रदेश

1172.16

1748.96

49.21

4.71

5.67

20.38

1.69

2.08

23.08

3.64

4.32

18.68

जम्मू और कश्मीर

1950.93

2874.74

47.35

6.31

9.16

45.17

3.48

4.25

22.13

5.48

4.49

-

झारखंड

1733.72

3025.00

74.48

5.82

7.42

27.49

1.66

2.15

29.52

5.84

4.07

-

कर्नाटक

6120.93

13463.07

119.95

6.09

9.57

57.14

2.35

3.38

43.83

2.70

4.22

56.30

केरल

2711.13

2579.98

-

8.62

10.79

25.17

0.94

3.04

223.40

3.39

4.97

46.61

मध्य प्रदेश

10779.97

21326.37

97.83

7.99

7.92

-

2.80

3.40

21.43

4.45

4.78

7.42

महाराष्ट्र

9542.29

16045.40

68.15

7.38

9.85

33.47

1.85

2.37

28.11

4.60

5.53

20.22

मणिपुर

82.17

63.37

-

7.33

7.71

5.18

1.47

1.60

8.84

3.31

3.92

18.43

मेघालय

82.96

97.04

16.97

8.92

8.80

-

0.77

0.86

11.69

1.84

1.76

-

मिजोरम

20.49

25.43

24.11

6.75

8.12

20.30

1.56

1.67

7.05

0.00

0.00

-

नागालैंड

75.69

52.79

-

5.33

4.77

-

1.88

2.65

40.96

3.70

4.61

24.59

ओडिशा

1903.14

2636.00

38.51

6.20

6.84

10.32

1.63

1.55

-

4.00

1.73

-

पंजाब

10351.41

14000.18

35.25

11.21

13.29

18.55

6.82

8.13

19.21

8.72

8.82

1.15

राजस्थान

16934.31

34733.00

105.10

7.93

7.23

-

3.77

5.36

42.18

5.84

6.91

18.32

सिक्किम

49.99

81.00

62.03

5.62

4.59

-

0.00

3.97

-

0.00

6.48

 

तमिलनाडु

7132.47

10807.83

51.53

6.87

7.03

2.33

2.65

3.14

18.49

4.39

3.59

-

तेलंगाना

4207.26

5839.56

38.80

7.20

8.52

18.33

1.99

3.06

53.77

4.68

5.60

19.66

त्रिपुरा

141.23

247.30

75.10

5.58

6.27

12.37

1.43

2.09

46.15

2.52

2.75

9.13

उत्‍तर प्रदेश

25198.36

38779.56

53.90

7.10

8.53

20.14

2.60

4.18

60.77

4.47

5.32

19.02

उत्तराखंड

1565.35

1897.84

21.24

6.96

7.65

9.91

1.97

2.36

19.80

4.29

5.07

18.18

पश्चिम बंगाल

4961.00

7649.73

54.20

5.29

5.85

10.59

2.15

3.39

57.67

5.45

4.79

-

 

 

अनुबंधIII

राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के संबंध में संदर्भित अनुबंध।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत केरल को वर्ष-वार जारी की गई निधि और उपयोग:

वित्तीय वर्ष

 

जारी की गई निधि

(रुपए लाख में)

 

उपयोग की गई निधि

(रुपए लाख में)

 

अव्‍ययित शेष राशि

(रुपए लाख में)

 

2014-15

1000

1000

0

2015-16

500

500

0

2016-17

1000

1000

0

2017-18

136

136

0

2018-19

2662.29

2662.29

0

2019-20

301.03

301.03

0

2020-21

313

313

0

2021-22

314

314

0

2022-23

1284.12

1284.12

0

2023-24

6546.27

6546.27

0

2024-25

2309.89

-

2309.89

कुल

16366.6

14056.71

2309.89

 

 

 

 

 

अनुबंधIV

केरल में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के संबंध में संदर्भित अनुबंध।

तालिका 1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत केरल द्वारा वर्षवार जारी निधि और उपयोग:

वित्तीय वर्ष

 

जारी की गई निधि

(रुपए लाख में)

 

उपयोग की गई निधि

(रुपए लाख में)

 

 

अव्‍ययित शेष राशि

(रुपए लाख में)

 

2014-15

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

2015-16

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

2016-17

104.28

104.28

शून्‍य

2017-18

364.74

364.74

शून्‍य

2018-19

555.30

555.30

शून्‍य

2019-20

1000

816.71

183.29

2020-21

663.00

624.57

38.43

2021-22

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

2022-23

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

2023-24

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

2024-25

शून्‍य

शून्‍य

शून्‍य

कुल

2687.32

2465.60

221.72

नोट: 1. वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-2024 के दौरान निधियां जारी नहीं की जा सकी क्योंकि राज्य के पास वर्ष 2019-2020 और वर्ष 2020-21 के दौरान जारी निधियां में से अव्‍ययित राशि बची हुई थी।

 

अनुबंध V

केरल में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन के संबंध में संदर्भित अनुबंध।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन - उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एनएलएम-ईडीपी) के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले लाभ:

राज्‍य

डीएएचडी द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं की कुल संख्‍या

कुल परियोजना लागत (करोड़ रुपए में)

कुल स्वीकृत सब्सिडी (करोड़ रुपए में)

आहार और चारा विकास

जुगाली करने वाले छोटे पशुओं के क्षेत्र में नस्ल विकास (भेड़ और बकरी पालन)

सूअर पालन उद्यम विकास

ग्रामीण पोल्‍ट्री की नस्ल विकास

डीएएचडी द्वारा अनुमोदित आवेदनों की कुल संख्या

केरल

0

3

7

3

13

7.35

3.28

 

तालिका 2. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत जारी की गई निधि से प्राप्त लाभ का विवरण

वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 के दौरान जारी की गई कुल निधि शून्य है।

वर्ष 2016-17 के दौरान जारी की गई कुल निधि 104.28 लाख रुपए है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रम सं.

उप-मिशन/घटक का नाम

जारी केंद्रीय हिस्सा (लाख रुपए में)

प्राप्त लाभ

1

जोखिम प्रबंधन और बीमा

104.28

20392 पशुओं का बीमा कराया गया

कुल

104.28

 

 

वर्ष 2017-18 के दौरान जारी कुल निधि 364.74 लाख रुपये है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रम सं.

उप-मिशन/घटक का नाम

अनुशंसित भौतिक इकाइयाँ/लाभार्थी

जारी केंद्रीय हिस्सा (लाख रुपए में)

प्राप्त लाभ

1

जोखिम प्रबंधन और बीमा

23500 पशुओं का बीमा किया जाना है।

150

7618 पशुओं का बीमा किया गया और 60.00 लाख रुपये अभ्‍यर्पित (सरेंडर) किए गए।

2

अभिनव पोल्ट्री उत्पादकता परियोजना- ब्रॉयलर

200 लाभार्थी

135

80 ​​यूनिट स्थापित की गईं; 120 यूनिट लंबित हैं।

3

गैर वन बंजर भूमि/गैर कृषि योग्य भूमि से चारा उत्पादन

443 हे.

79.74

राज्य से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई।

कुल

364.74

 

 

वर्ष 2018-19 के दौरान जारी कुल निधि 555.30 लाख रुपये है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रम सं.

उप-मिशन/घटक का नाम

वास्तविक इकाइयाँ/ अनुशंसित लाभार्थी

जारी केंद्रीय हिस्सा (लाख रुपए में)

प्राप्त लाभ

1

ग्रामीण घरेलू बकरी विकास योजना

1000 लाभार्थी

396

740 यूनिट का निर्माण पूरा हुआ और 102.96 लाख रुपये सरेंडर किए गए)

2

ग्रामीण घरेलू सुअर विकास योजना

500 लाभार्थी

63

राज्य से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई

3

बकरी एआई नेटवर्क को सुदृढ़ करना और एआई के माध्यम से बेहतर मालाबारी जर्मप्लाज्म का प्रसार

1 बकरी प्रजनन केंद्र और 500 एआई केंद्र

58.2

राज्य से कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई

4

केरल में बेहतर अट्टापडी काली बकरी जर्मप्लाज्म का संरक्षण और प्रसार

1 नस्‍ल

38.1

राज्य से कोई रिपोर्ट नहीं मिली

कुल

 

555.3

 

 

वर्ष 2019-20 के दौरान जारी कुल निधि 1000.00 लाख रुपये है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रम सं.

उप-मिशन/घटक का नाम

अनुशंसित वास्‍तविक इकाइयाँ/ लाभार्थी

जारी केंद्रीय हिस्सा (लाख रुपए में)

प्राप्त लाभ

टिप्पणी

1

पशुधन बीमा

22080 (1 वर्ष के लिए 18680 पशु इकाइयाँ और 3 वर्षों के लिए 3400 पशु इकाइयाँ)

125.5

22440

21.384 लाख रुपये जीओ (आरटी) संख्या 395/2024/एएचडी दिनांक 01.07.2024, जीओ (आरटी) संख्या 437/2024/एएचडी दिनांक 20.07.2024 और जीओ (आरटी) संख्या 451/2024/एएचडी दिनांक 05.08.2024 के माध्यम से सरेंडर किए गए (अंतिम यूसी ईमेल दिनांक 15.10.2024 के द्वारा से प्राप्त हुआ

2

ग्रामीण घरेलू बकरी विकास

1600 लाभार्थी

633.6

1546

3

बकरी में उत्कृष्टता केंद्र

1 फार्म (परसाला बकरी फार्म)

192

निर्माण पूरा हो गया

4

एआई के माध्यम से बेहतर सुअर जर्म-प्लाज्म का प्रसार

सुअर प्रजनन केंद्र, कूथाटुकुलम

48.9

सुअर प्रजनन केंद्र में अवसंरचना को सुदृढ़ करना

कुल

1000

   

वर्ष 2020-21 के दौरान जारी कुल निधि 663.00 लाख रुपये है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:

क्रम सं.

उप-मिशन/घटक का नाम

अनुशंसित वास्‍तविक इकाइयाँ/लाभार्थी

जारी केंद्रीय हिस्सा (लाख रुपए में)

पीपीआर की स्थिति

राज्य के पास अव्ययित शेष की स्थिति (लाख रुपए में)

1

पशुधन बीमा

34700 गोपशु इकाई

210

34700 गोपशु इकाइयों का बीमा किया गया

38.35701 लाख रुपए सरकारी आदेश संख्या 395/2024/एएचडी दिनांक 01.07.2024, सरकारी आदेश संख्या 437/2024/एएचडी दिनांक 20.07.2024 और सरकारी आदेश संख्या 451/2024/एएचडी दिनांक 05.08.2024 के तहत सरेंडर किए गए।

0

 

यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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