आयुष
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने आयुष मंत्रालय की दशकीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला
प्रविष्टि तिथि:
02 DEC 2024 5:25PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय ने पिछले एक दशक में एक परिवर्तनकारी यात्रा देखी है, जिसने खुद को पारंपरिक चिकित्सा में वैश्विक स्तर पर अग्रणी के रूप में स्थापित किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2014 में अपनी स्थापना के बाद से, मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के साथ तालमेल बिठाते हुए जन स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
आज, राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने आयुष क्षेत्र में की गई महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित करते हुए पारंपरिक भारतीय चिकित्सा को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने के मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
मुख्य बातें
आयुष संबंधी बुनियादी ढांचे का विस्तार
- पंजीकृत आयुष चिकित्सक: 755,780 से अधिक
- शिक्षा: 886 स्नातक और 251 स्नातकोत्तर कॉलेज, जिनमें प्रतिवर्ष 59,643 स्नातक छात्र और 7,450 स्नातकोत्तर छात्र दाखिला लेते हैं।
- स्वास्थ्य सेवा: 3,844 आयुष अस्पताल और 36,848 औषधालय (सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत 3,403 अस्पताल और 27,118 औषधालय)।
- राष्ट्रीय संस्थान: राष्ट्रीय आयुष संस्थानों के तीन अत्याधुनिक सैटेलाइट केंद्र अर्थात अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद, राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली का उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इससे यूजी, पीजी और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों में 550 बिस्तरों के साथ 400 सीटें जोड़ी जाएंगी।
अनुसंधान एवं नवाचार
- आयुष रिसर्च पोर्टल पर 43,000 से अधिक अध्ययन उपलब्ध हैं, जो साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा पर जोर देते हैं।
- उपलब्धियों में कोविड-19 के उपचार के लिए आयुष-64 और काबासुर कुडिनीर तथा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए सीएसआईआर, आईसीएमआर, एम्स और अन्य संस्थानों के साथ सहयोग शामिल हैं।
प्रौद्योगिकी एकीकरण
- बेहतर स्वास्थ्य सेवा वितरण के लिए आयुष ग्रिड, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन और एआई एकीकरण जैसी पहलों के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन।
- आयुष टेलीमेडिसिन ने दूरदराज के क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को पहुंचाया।
वैश्विक पहुंच और साझेदारी
- आयुष की वैश्विक उपस्थिति रणनीतिक सहयोग और पहलों के माध्यम से काफी मजबूत हुई है।
- देश-दर-देश स्तर पर 24 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, तथा सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए संस्थान-दर-संस्थान स्तर पर 48 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयुष शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अकादमिक पीठों की स्थापना के लिए 15 समझौता ज्ञापन किए गए हैं। आयुष सूचना प्रकोष्ठ, जो वर्तमान में 35 देशों में 39 स्थानों पर कार्यरत हैं तथा ज्ञान के प्रसार और वैश्विक स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करते हैं।
- उल्लेखनीय समझौतों में भारत और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच डोनर एग्रीमेंट, भारत और वियतनाम के बीच औषधीय पौधों के सहयोग पर समझौता ज्ञापन, तथा भारत और मलेशिया के बीच आयुर्वेद पर ऐतिहासिक समझौता शामिल है, जो वैश्विक स्वास्थ्य एवं कल्याण के आयुष के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं।
- आयुष प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए 103 से अधिक देशों के साथ सहयोग।
- जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना और 2024 में आईसीडी-11 में पारंपरिक चिकित्सा को मान्यता।
- आयुष वीज़ा और हील इन इंडिया पोर्टल जैसी पहल चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं।
आर्थिक प्रभाव
- आयुष बाजार वर्ष 2014 के 2.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 43.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, तथा निर्यात 1.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना होकर 2.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सहयोग से इस क्षेत्र को और मजबूती मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की उपलब्धियां
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर, 2014 को सर्वसम्मति से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया, जो योग की परिवर्तनकारी शक्ति की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में, आईडीवाई ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसकी शुरुआत आईडीवाई-2015 से हुई, जिसने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। आईडीवाई-2022 ने गार्जियन रिंग ऑफ योग की अभूतपूर्व अवधारणा पेश की, जो वैश्विक भागीदारी की परस्पर संबद्धता का प्रतीक है। आईडीवाई-2023 ने दुनिया भर में 23.44 करोड़ प्रतिभागियों के साथ 192 देशों तक अपनी पहुंच का विस्तार किया, जिसमें ओशन रिंग ऑफ योग, आर्कटिक से अंटार्कटिक के लिए योग, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर योग, योग भारतमाला और योग सागरमाला जैसी नवीन अवधारणाओं को शामिल किया गया, जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और संस्कृतियों में योग की सार्वभौमिक अपील को प्रदर्शित करता है।
आईडीवाई 2024
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 में लगभग 24.53 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से 34,890,990 लोग जुड़े, जबकि सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के माध्यम से 2,600,000 लोग जुड़े। राष्ट्रीय स्तर पर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और विभिन्न सरकारी व निजी संगठनों से महत्वपूर्ण भागीदारी देखने को मिली। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय दूतावासों और प्रमुख योग संस्थानों ने लगभग 545,000 लोगों को जोड़ा। यह व्यापक भागीदारी पहल के व्यापक प्रभाव को दर्शाती है।
श्रीनगर के एसकेआईसीसी में हजारों लोगों ने खराब मौसम के बावजूद योग दिवस मनाया।
वैश्विक और राष्ट्रीय प्रभाव: भारत 177 संयुक्त राष्ट्र समर्थकों के साथ वैश्विक योग में अग्रणी है।
अभिनव पहलः “योग फॉर स्पेस” जैसे अनूठे कार्यक्रम विश्व स्तर पर प्रेरित करते हैं
विषय का महत्व: स्वयं और समाज के लिए योग दुनियाभर में एकता एवं कल्याण को बढ़ावा देता है।
मुख्य आकर्षणः
- 11 दिसम्बर, 2014: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
- आईडीवाई-2015: प्रथम योग दिवस के दौरान दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड।
- आईडीवाई-2022: वैश्विक स्तर पर योग चिकित्सकों को जोड़ने वाली गार्जियन रिंग ऑफ योग की अवधारणा पेश की।
- आईडीवाई-2023:
- भागीदारी 192 देशों तक विस्तारित हुई, जिसमें 23.44 करोड़ व्यक्ति शामिल हुए
- अभिनव पहल की शुरुआत की गई: ओशन रिंग ऑफ योग, आर्कटिक से अंटार्कटिक के लिए योग, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर योग, योग भारतमाला, योग सागरमाला।
राष्ट्रीय आयुष मिशन (2014-2024) के तहत प्रमुख उपलब्धियां
- 167 एकीकृत आयुष अस्पतालों को सहायता प्रदान की गई तथा 416 आयुष अस्पतालों और 5,036 औषधालयों को अपग्रेड किया गया।
- सालाना 996 अस्पतालों और 12,405 औषधालयों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की जाती है।
- 12,500 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को सहायता प्रदान की गई, जिससे जमीनी स्तर पर एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल ढांचा तैयार हुआ।
शिक्षा संबंधी सुधार
- आयुष शिक्षा में गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए एनसीआईएसएम अधिनियम, 2020 के तहत एनसीआईएसएम और एनसीएच की स्थापना।
- आयुर्ज्ञान और स्मार्ट जैसे बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने एक कुशल कार्यबल तैयार किया है।
9वें आयुर्वेद दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा महत्वपूर्ण पहलों का अनावरण
29 अक्टूबर, 2024 को 9वें आयुर्वेद दिवस में 150 से अधिक देशों ने भाग लिया, जिसका विषय था "वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार।"
प्रधानमंत्री मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और आयुष उत्कृष्टता केंद्र के दूसरे चरण, योग व प्राकृतिक चिकित्सा के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान और आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के साथ आयुर्वेद के महत्वपूर्ण एकीकरण को चिह्नित करते हुए 'देश का प्रकृति परीक्षण अभियान' सहित 12,850 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
“देश का प्रकृति परीक्षण अभियान”
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रव्यापी अभियान "देश का प्रकृति परीक्षण अभियान" पूरे भारत में स्वास्थ्य जागरूकता में क्रांति लाने के लिए तैयार है। 4.7 लाख स्वयंसेवकों को संगठित करके, यह पहल आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर समग्र स्वास्थ्य और निवारक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देती है। यह अभियान कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भी प्रयास करेगा और आधुनिक आउटरीच के साथ पारंपरिक ज्ञान के सम्मिश्रण के लिए भारत के समर्पण को प्रदर्शित करता है। यह व्यक्तियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सक्षम बनाता है और इसका उद्देश्य देश भर में निवारक स्वास्थ्य सेवा को फिर से परिभाषित करना है।
आयुष मंत्रालय गुणवत्ता, सुरक्षा और सुलभता सुनिश्चित करते हुए पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में नवाचार व वैश्विकीकरण जारी रखे हुए है। भारत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, अनुसंधान का विस्तार करके और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देकर समग्र और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा समाधानों में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
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एमजी/केसी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2079946)
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