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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने विश्व बैंक के सहयोग से नई दिल्ली में वैश्विक भारत अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) कार्यक्रम का आयोजन किया


वैश्विक भारत एईओ कार्यक्रम में 18 व्यापार साझेदार देशों, निजी क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी देखी गई

श्री संजय मल्होत्रा, राजस्व सचिव ​​ने ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय और द्विपक्षीय भागीदारों को शामिल करने के लिए पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) कार्यक्रम के विस्तार के महत्व पर बल दिया, जो विश्वास एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित है

इस कार्यक्रम में रूस, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, वियतनाम, कतर, बांग्लादेश, ब्राजील, न्यूजीलैंड, बुरुंडी, केन्या, उगांडा, श्रीलंका, भूटान, मालदीव, नेपाल, जिम्बाब्वे, मिस्र और बेलारूस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया

Posted On: 29 NOV 2024 7:57PM by PIB Delhi

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने विश्व बैंक के सहयोग से नई दिल्ली में 28 और 29 नवंबर 2024 को दो दिवसीय वैश्विक भारत अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में श्री संजय कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, सीबीआईसी के साथ-साथ संस्थान के सदस्य भीशामिल हुए। इसके अलावा श्री संजय मल्होत्रा, सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा समापन भाषण दिया गया। इस कार्यक्रम में 18 व्यापार साझेदार देशों, निजी क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी देखी गई।

कार्यक्रम के दूसरे दिन अपने समापन भाषण में, श्री संजय मल्होत्रा ने कर प्रशासन पर सरकार के दो स्तंभों के दृष्टिकोण - विश्वास और प्रौद्योगिकी - की व्याख्या की और ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय भागीदारों को शामिल करने के लिए आपसी मान्यता समझौता (एमआरए) कार्यक्रम के विस्तार के महत्व को रेखांकित किया।

श्री मल्होत्रा ने कम क्षमताओं वाले देशों में एक मजबूत एईओ कार्यक्रम विकसित करने में भारत के समर्थन की बात की और बल दिया कि एईओ  एक ऐसे कर प्रणाली को पुनर्गठित और पुनः इंजीनियर करने में मदद करता है जो विश्वास आधारित रणनीतियों पर निर्भर करती है।

श्री सुरजीत भुजबल, सदस्य (सीमा शुल्क), सीबीआईसी, ने भारत के एईओ कार्यक्रम द्वारा प्राप्त प्रगति को उजागर किया और निजी क्षेत्र के प्राप्त लाभों पर बल दिया। विश्व बैंक के श्री सत्य प्रसाद साहू ने सम्मेलन की मुख्य बातों का सारांश प्रस्तुत किया।

भारत अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) संवाद का उद्घाटन श्री संजय कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, सीबीआईसी ने संस्थान के सदस्यों, श्री राजीव तलवार; श्री आलोक शुक्ला; श्री विवेक रंजन और श्री सुरजीत भुजबल की उपस्थिति में किया, जिसमें श्री हूण साहिब सोह, प्रमुख, दक्षिण एशिया मैक्रोइकोनॉमिक्स व्यापार एवं निवेश, विश्व बैंक भी उपस्थित हुए। श्री पी. के. दास, निदेशक, विश्व सीमा शुल्क संगठन, नई दिल्ली ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

रूस, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, वियतनाम, कतर, बांग्लादेश, ब्राजील, न्यूजीलैंड, बुरुंडी, केन्या, उगांडा, श्रीलंका, भूटान, मालदीव, नेपाल, जिम्बाब्वे, मिस्र और बेलारूस के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन में व्यापार संघों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन, फ्रेट फारवर्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और कई भागीदार कंपनियां शामिल हैं। चर्चा में भारत के एईओ कार्यक्रम की यात्रा, एमएसएमई को लाभ, एमआरए, अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों से जुड़ना एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना, जोखिम प्रबंधन, व्यापार सुविधा के लिंग परिप्रेक्ष्य और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पर पैनल चर्चाएं शामिल थीं।

पहले दिन के मुख्य भाषण में, श्री अग्रवाल ने विश्व बैंक लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत द्वारा किए गए सुधार और उस प्रयास में एईओ कार्यक्रम के केंद्रीय भूमिका पर बल दिया। एईओ कार्यक्रम भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को दर्शाता है, जिसे वैश्विक व्यापार को सुरक्षित करने के लिए एक वैश्विक कोशिश के रूप में देखना चाहिए।

श्री हूण साहिब सोह ने सम्मेलन को संबोधन करते हुए बल दिया कि एईओ कार्यक्रम भारत के लचीले एवं विश्वसनीय व्यापार साझेदारियों के निर्माण की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने सभी हितधारकों से वैश्विक व्यापार साझेदारियों के भविष्य को पुनः परिभाषित करने और भारत को आधुनिक, परस्पर व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया।

इससे पहले, अपने उद्घाटन स्वागत भाषण में, श्री भुजबल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि यह सम्मेलन नीतियों एवं कार्यक्रमों पर चर्चा करने का एक अवसर प्रदान करता है क्योंकि यह केवल विचारों के लिए एक मंच नहीं है बल्कि यह कार्रवाई के लिए भी एक मंच है।

एईओ कार्यक्रम के संदर्भ में

एईओ विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) के सेफ फ्रेमवर्क ऑफ स्टैंडर्ड्स  के अंतर्गत आने वाला एक कार्यक्रम है जो वैश्विक व्यापार को सुरक्षित एवं सुगम बनाता है। एईओ एक स्वैच्छिक अनुपालन कार्यक्रम है जो भारतीय सीमा शुल्क को अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला के प्रमुख हितधारकों जैसे आयातकों, निर्यातकों, लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं, संरक्षकों, टर्मिनल ऑपरेटरों, सीमा शुल्क दलालों और गोदाम ऑपरेटरों के साथ निकट सहयोग के माध्यम से कार्गो सुरक्षा को बढ़ावा देने और सुव्यवस्थित करने में सक्षम बनाता है। भारतीय एईओ कार्यक्रम की शुरुआत 2011 में हुई थी और 2016 में इसे मजबूती प्रदान की गई। इसे सीबीआईसी के अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क निदेशालय द्वारा लागू किया गया है। एईओ प्रमाणित ग्राहकों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। दिनांक 31.10.2024 तक, भारत में त्री-स्तरीय कार्यक्रम में 5,947 एईओ इकाईयां हैं, जिसमें लॉजिस्टिकल ऑपरेटरों की अतिरिक्त श्रेणी है।

भारत ने एईओ के लिए दक्षिण कोरिया, हांगकांग, ताइवान, अमेरिका, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और रूस के सीमा शुल्क प्रशासन के साथ आपसी मान्यता समझौता (एमआरए) पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के माध्यम से, एमआरए साझेदार के एईओ कार्यक्रम की एईओ स्थिति को एक दूसरे से मान्यता प्राप्त है और व्यापार सुविधा को पारस्परिक रूप से बढ़ावा दिया जाता है। भारत ने एमआरए को पूरा करने के लिए संयुक्त कार्य योजनाओं (जेएपी) पर युगांडा, पूर्वी अफ्रीकी समुदाय, दक्षिण अफ्रीका, जापान, बहरीन, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूके, बेलारूस और ब्रिक्स के साथ भी हस्ताक्षर किया है। सम्मेलन के दौरान, एमआरए में प्रवेश के लिए ब्राजील के साथ भी संयुक्त कार्य योजना पर हस्ताक्षर किया गया।

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