सहकारिता मंत्रालय
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प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) का डिजिटलीकरण

Posted On: 27 NOV 2024 4:42PM by PIB Delhi

31 मार्च 2024 तक, प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) में डिजिटलीकरण की स्थिति की राज्यवार जानकारी अनुबंध-I में संलग्न है।

21 नवंबर 2024 तक, सामान्य सेवा केन्द्रों (सीएससी) के रूप में कार्य करने वाले पैक्स की संख्या की राज्यवार स्थिति अनुबंध-II में संलग्न है।

भारत सरकार द्वारा पैक्स को सुदृढ़ करने के लिए ₹2,516 करोड़ की कुल वित्तीय परिव्यय के साथ कार्यात्मक पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना में देश के सभी कार्यात्मक पैक्स को एक सामान्य ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) आधारित राष्ट्रीय सॉफ़्टवेयर पर लाना शामिल है, जिससे उन्हें नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के साथ राज्य सहकारी बैंक (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के ₹2,516 करोड़ के कुल बजट में भारत सरकार (जीओआई), का योगदान ₹1,528 करोड़, राज्य सरकारों का ₹736 करोड़, और नाबार्ड का ₹252 करोड़ है। 

पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर ((सीएससी) के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाया गया है, जिससे ग्रामीण नागरिकों को 300 से अधिक -सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अपडेट, स्वास्थ्य सेवाएं, कानूनी सेवाएं आदि शामिल हैं। इस पहल के तहत पैक्स को अतिरिक्त और स्थिर आय स्रोत प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ती है और वे केवल ऋण गतिविधियों पर निर्भर नहीं रहते। साथ ही, पैक्स को अपनी सेवाओं का विविधीकरण करने में सक्षम बनाकर, यह पहल उनके बाजार के आकार को बढ़ाने और ग्रामीण जरूरतों के व्यापक दायरे को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करती है। इससे पैक्स गांव स्तर पर व्यापक सेवा प्रदाता के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत करते हैं। 

अनुबंध- I

पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की स्थिति (31.3.2024 तक)

क्र. सं.

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र

कम्प्यूटरीकरण के लिए पैक्स का चयन

पैक्स की संख्या जहां हार्डवेयर वितरित किया गया

ईआरपी ऑनबोर्डेड

  1.  

महाराष्ट्र

12,000

7986

4,516

  1.  

राजस्थान

6,781

5492

2675

  1.  

गुजरात

5,754

0

2795

  1.  

उत्तर प्रदेश

5,686

3062

1539

  1.  

कर्नाटक

5,491

5491

13

  1.  

मध्य प्रदेश

4,534

4534

4329

  1.  

तमिलनाडु

4,532

4532

45

  1.  

बिहार

4,495

0

2996

  1.  

पश्चिम बंगाल

4,167

1647

19

  1.  

पंजाब

3,482

3418

122

  1.  

आंध्र प्रदेश

2,037

0

12

  1.  

छत्तीसगढ

2,028

0

620

  1.  

झारखंड

1,500

0

1275

  1.  

हिमाचल प्रदेश

870

870

817

  1.  

हरयाणा

711

0

106

  1.  

उत्तराखंड

670

0

670

  1.  

असम

583

583

575

  1.  

जम्मू और कश्मीर

537

533

526

  1.  

त्रिपुरा

268

268

205

  1.  

मणिपुर

232

0

0

  1.  

नगालैंड

231

33

33

  1.  

मेघालय

112

112

39

  1.  

सिक्किम

107

107

107

  1.  

गोवा

58

16

12

  1.  

एएनआई

46

46

46

  1.  

पुडुचेरी

45

45

37

  1.  

मिजोरम

25

0

24

  1.  

अरुणाचल प्रदेश

14

44

14

  1.  

लद्दाख

10

10

10

  1.  

डीएनएच और डीडी

4

0

0

 

कुल

67,010

38,829

24,177

 

अनुबंध- II

सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में कार्य करने वाले पैक्स की संख्या की राज्यवार स्थिति (21.11.2024 तक)

क्र. सं.

राज्य

सीएससी के रूप में कार्यरत पैक्स की संख्या

कुल योग (+बी)

40214

1

आंध्र प्रदेश

1866

2

अरुणाचल प्रदेश

8

3

असम

620

4

बिहार

3089

5

छत्तीसगढ

1798

6

गोवा

34

7

गुजरात

1918

8

हरियाणा

199

9

हिमाचल प्रदेश

788

10

झारखंड

1162

11

कर्नाटक

1235

12

केरल

11

13

मध्य प्रदेश

3376

14

महाराष्ट्र

5860

15

मणिपुर

71

16

मेघालय

75

17

मिजोरम

14

18

नगालैंड

7

19

ओडिशा

604

20

पंजाब

971

21

राजस्थान

5070

22

सिक्किम

47

23

तमिलनाडु

4453

24

तेलंगाना

481

25

त्रिपुरा

153

26

उत्तराखंड

625

27

उत्तर प्रदेश

5125

28

पश्चिम बंगाल

31

कुल ()

39691

क्र. सं.

राज्य

सीएससी के रूप में कार्यरत पैक्स की संख्या

1

अंडमान नोकोबार द्वीप समूह

3

2

जम्मू और कश्मीर

479

3

लद्दाख

7

4

पुडुचेरी

26

5

दमन और दीव और डीएनएच

8

कुल (बी)

523

 

सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

एमजी/आरपीएम/केसी/जीके


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