सहकारिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

प्राथमिक सहकारी समितियों का सुदृढ़ीकरण

Posted On: 27 NOV 2024 4:38PM by PIB Delhi

भारत सरकार कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2,516 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ कार्यात्मक पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना को कार्यान्वित कर रही है, जिसमें सभी कार्यात्मक पीएसीएस को ईआरपी (उद्यम संसाधन योजना) आधारित सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना, उन्हें राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) तथा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से जोड़ना शामिल है। अब तक 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 67,930 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भारत सरकार के हिस्से के रूप में 699.89 करोड़ रुपये तथा कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नाबार्ड को 165.92 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना का उद्देश्य पीएसीएस हेतु आदर्श उपनियमों के तहत निर्धारित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों के लिए एक व्यापक ईआरपी समाधान प्रदान करना है, जिसमें विभिन्न मॉड्यूल जैसे कि लघु, मध्यम और दीर्घकालिक ऋण के लिए वित्तीय सेवाएं, खरीद संचालन, सार्वजनिक वितरण दुकान (पीडीएस) संचालन, व्यवसाय योजना, उधार परिसंपत्ति प्रबंधन आदि शामिल हैं।

ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) आधारित सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर, कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम (सीएएस) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के माध्यम से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के निष्पादन में दक्षता लाता है। इसके अलावा, पीएसीएस के प्रशासन एवं पारदर्शिता में भी सुधार हुआ है, जिससे ऋणों का शीघ्र वितरण, लेन-देन की लागत में कमी, भुगतान में असंतुलन में कमी, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों तथा राज्य सहकारी बैंकों के साथ निर्बाध लेखांकन सुनिश्चित हुआ है। यह किसानों के बीच पीएसीएस के कामकाज में विश्वसनीयता बढ़ाता है और इस प्रकार यह “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देता है।

(बी): सहकारिता मंत्रालय ने उपर्युक्त के अतिरिक्त, देश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को मजबूत करने के लिए कई अन्य पहल की हैं, जैसे:

पीएसीएस के लिए आदर्श उपनियम हैं, जो उन्हें बहुउद्देशीय, बहुआयामी और पारदर्शी संस्थाएं बनाते हैं: सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय स्तर के महासंघों, राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी), जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) आदि सहित सभी हितधारकों के परामर्श से पीएसीएस के लिए आदर्श उपनियम तैयार किए हैं और उन्हें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रसारित किया है, जो पैक्स को 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियों को करने, उनके संचालन में शासन, पारदर्शिता तथा जवाबदेही में सुधार करने में सक्षम बनाता है। पीएसीएस की सदस्यता को अधिक समावेशी और व्यापक बनाने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, जिससे महिलाओं तथा अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल सके।

कवर की गई पंचायतों में नई बहुउद्देशीय पीएसीएस/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना: राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और अन्य राष्ट्रीय स्तर के महासंघों के सहयोग से अगले पांच वर्षों में सभी पंचायतों/गांवों को शामिल करते हुए नई बहुउद्देशीय पीएसीएस या प्राथमिक डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की योजना को सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

 

सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अनाज भंडारण योजना: सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), कृषि विपणन अवसंरचना (एएमआई), कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) आदि सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से पीएसीएस स्तर पर अनाज भंडारण के लिए गोदामों, कस्टम हायरिंग केंद्रों, प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों तथा अन्य कृषि अवसंरचना बनाने की योजना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य खाद्यान्नों की बर्बादी और परिवहन लागत को कम करना, किसानों को उनकी उपज हेतु बेहतर मूल्य दिलाने में सक्षम बनाना तथा पीएसीएस स्तर पर ही विभिन्न कृषि आवश्यकताओं को पूरा करना है।

ई-सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में पीएसीएस: सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड तथा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच पीएसीएस के माध्यम से बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन/अद्यतन, स्वास्थ्य सेवाएं, पैन कार्ड आईआरसीटीसी/बस/हवाई टिकट आदि जैसी 300 से अधिक ई-सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

खुदरा पेट्रोल/डीजल दुकानों के लिए पैक्स को प्राथमिकता दी गई: सरकार ने खुदरा पेट्रोल/डीजल दुकानों के आवंटन के लिए पीएसीएस को संयुक्त श्रेणी 2 (सीसी2) में शामिल करने की अनुमति दे दी है।

पीएसीएस को थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों को खुदरा दुकानों में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श के आधार पर मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पीएसीएस को खुदरा दुकानों में परिवर्तित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, ताकि पीएसीएस का लाभ बढ़ाया जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

 

अपनी गतिविधियों में विविधता लाने के उद्देश्य से एलपीजी वितरक के लिए पात्र पीएसीएस: सरकार ने अब पीएसीएस को एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने की अनुमति दे दी है। इससे पीएसीएस को अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने का विकल्प मिलेगा।

ग्रामीण स्तर पर जेनेरिक दवाओं की पहुंच में सुधार के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में पीएसीएस: सरकार प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों को संचालित करने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) को बढ़ावा दे रही है, जिसका उद्देश्य उन्हें अतिरिक्त आय का स्रोत उपलब्ध कराना तथा ग्रामीण नागरिकों की जेनेरिक दवाओं तक पहुंच को आसान बनाना है।

प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) के रूप में पैक्स: सरकार देश में किसानों के लिए उर्वरक और संबंधित सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पीएमकेएसके संचालित करने हेतु पीएसीएस को बढ़ावा दे रही है।

बैंक मित्र सहकारी समितियों को घर-घर वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए माइक्रो-एटीएम: डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को डीसीसीबी तथा एसटीसीबी का बैंक मित्र बनाया जा सकता है। व्यापार में आसानी, पारदर्शिता और वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नाबार्ड के सहयोग से इन बैंक मित्र सहकारी समितियों को 'डोर-स्टेप वित्तीय सेवाएं' प्रदान करने के लिए माइक्रो-एटीएम भी दिए जा रहे हैं। राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए एसओपी भी शुरू किया गया है।

पीएसीएस स्तर पर पीएम-कुसुम का अभिसरण: पीएसीएस से जुड़े किसान सौर कृषि जल पंप अपना सकते हैं और अपने खेतों में फोटोवोल्टिक मॉड्यूल स्थापित कर सकते हैं।

ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं (पीडब्ल्यूएस) के संचालन एवं रखरखाव का कार्य पीएसीएस द्वारा किया जाएगा: सहकारिता मंत्रालय की पहल पर ग्रामीण क्षेत्रों में पीएसीएस की गहरी पहुंच का उपयोग करने के उद्देश्य से जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में पीएसीएस के संचालन एवं रखरखाव (ओ एंड एम) के लिए पैक्स को पात्र एजेंसियों के रूप में बनाया है।

सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

*******

एमजी/केसी/एनके


(Release ID: 2078265)
Read this release in: English , Tamil