संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
दूरसंचार क्षेत्र में तीव्र वृद्धि
Posted On:
27 NOV 2024 3:24PM by PIB Delhi
सरकार देश में दूरसंचार उपकरण विनिर्माण उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा स्वदेशी दूरसंचार विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जून, 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- कुल वित्तीय परिव्यय 12,195 करोड़ रुपये है।
- कुल 33 दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद हैं।
- प्रोत्साहन 4% से 7% तक जारी है।
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को पहले तीन वर्षों के लिए अतिरिक्त 1% प्रोत्साहन मिलता है।
- ‘भारत में विकसित’ उत्पादों के लिए 1% अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- योजना का प्रदर्शन 30.09.2024 तक निम्नानुसार है:
- कुल 42 आवेदक कम्पनियां हैं, जिनमें 28 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम भी शामिल हैं।
- कुल निवेश (करोड़ रुपए): 3,925 है।
- कुल बिक्री (करोड़ रुपए): 65,320 है।
- जिसमें से निर्यात (करोड़ रुपए) : 12,384 है।
दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना: दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना 01.10.2022 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकियों, उत्पादों तथा सेवाओं के अनुसंधान एवं विकास कार्यों को वित्तपोषित करना था।
डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर (डीसीआईएस) योजना: डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर योजना को वर्ष 2021 में इंजीनियरिंग में नवीनतम विचारों और ज्ञान को प्रायोगिक पैमाने पर संचालन, क्षेत्र में तैनाती या व्यवहार्य प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग कार्य करने के लिए शुरू किया गया था।
वृहद पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई): इस योजना को 1 अप्रैल, 2020 को अधिसूचित किया गया था, ताकि मोबाइल फोन विनिर्माण और असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग तथा पैकेजिंग (एटीएमपी) इकाइयों सहित निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण में शामिल पात्र कंपनियों को वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष की तुलना में) के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सेमीकंडक्टर्स के विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली योजना (एसपीईसीएस): इस योजना को 1 अप्रैल, 2020 को अधिसूचित किया गया था, ताकि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की डाउनस्ट्रीम मूल्य श्रृंखला में शामिल इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं हेतु स्वीकृत की गई सूची के लिए पूंजीगत व्यय पर 25% का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके। इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सेमीकंडक्टर/डिस्प्ले फैब्रिकेशन इकाइयां, एटीएमपी इकाइयां, विशेष उप-असेंबली और उपरोक्त उत्पादों के विनिर्माण के लिए पूंजीगत सहायता शामिल है।
संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना: इस योजना को 1 अप्रैल, 2020 को अधिसूचित किया गया था, ताकि देश में इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रमुख वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं को उनकी आपूर्ति श्रृंखला के साथ आकर्षित करने के उद्देश्य से तैयार फैक्टरी (आरबीएफ) शेड / प्लग एंड प्ले सुविधाओं सहित सामान्य सुविधाओं एवं सुख-सुविधाओं के साथ विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे के निर्माण हेतु सहयोग प्रदान किया जा सके। यह योजना देश भर में ईएमसी परियोजनाओं और सामान्य सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
***
एमजी/केसी/एनके
(Release ID: 2077991)
Visitor Counter : 91