संस्‍कृति मंत्रालय
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क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र

Posted On: 25 NOV 2024 6:19PM by PIB Delhi

केंद्र सरकार ने देश भर में लोक कला और संस्कृति के विभिन्न रूपों की रक्षा, संवर्धन और संरक्षण करने तथा विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों के विकास के लिए तंत्र स्थापित करने के लिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए हैं। ये सात केंद्र हैं पटियाला (पंजाब), नागपुर (महाराष्ट्र), उदयपुर (राजस्थान), प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), दीमापुर (नागालैंड) और तंजावुर (तमिलनाडु)। देश में इन क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना का उद्देश्य इन क्षेत्रों की विशिष्टता को बनाए रखते हुए पूरे राष्ट्र को सांस्कृतिक रूप से एक सूत्र में पिरोना है। इन जेडसीसी की स्थापना के उद्देश्य और लक्ष्य हैं:

  • संबंधित क्षेत्र में कलाओं के प्रदर्शन और प्रसार को संरक्षित और बढ़ावा देना;
  • उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को विकसित करना और बढ़ावा देना;
  • लोक और आदिवासी कलाओं को प्रोत्साहित करना और लुप्त होती कलाओं का संरक्षण करना;
  • युवाओं को रचनात्मक सांस्कृतिक संचार में शामिल करना और विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंधों और भारतीय संस्कृति में उनके योगदान पर विशेष जोर देना।

प्रत्येक क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र को उपकरणों और भवनों सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण पर लागत के लिए एक कॉर्पस फंड प्रदान किया गया। भारत सरकार ने 7वीं और 10वीं पंचवर्षीय योजना में सभी सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों में से प्रत्येक को 10.00 करोड़ रुपये प्रदान किए। 2014-15 के दौरान, छह (6) क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों अर्थात उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला; दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, तंजावुर; दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर; पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर; उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज और पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता को 10-10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई। उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनईजेडसीसी), दीमापुर को निधि वृद्धि के लिए 20.00 करोड़ रुपये प्रदान किए गए, जिससे एनईजेडसीसी, दीमापुर के लिए कुल निधि 30.00 करोड़ रुपये और शेष छह क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों में से प्रत्येक की कुल निधि 20.00 करोड़ रुपये हो गई। इन क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के सभी प्रशासनिक व्यय इस निधि पर अर्जित ब्याज से वहन किए जा रहे हैं। प्रत्येक केंद्र के लिए आवश्यक भूमि उन राज्य सरकारों की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराई गई, जहां क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के मुख्यालय स्थित हैं।

देश में कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ये क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र वर्ष भर नियमित आधार पर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसके लिए उन्हें वार्षिक अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, संस्कृति मंत्रालय इन क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के माध्यम से राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (आरएसएम) का भी आयोजन करता है, जिसमें पूरे भारत से बड़ी संख्या में कलाकार शामिल होते हैं और इन कार्यक्रमों के दौरान अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। नवंबर, 2015 से संस्कृति मंत्रालय ने देश भर में चौदह (14) राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव और चार (04) क्षेत्रीय स्तरीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र आयोजित किए हैं। इसके अतिरिक्त, कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ये क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र हर वर्ष न्यूनतम 42 क्षेत्रीय महोत्सव आयोजित करते हैं।

यह जानकारी आज केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी।

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