पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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भारत और स्वीडन ने अज़रबैजान के बाकू में लीडआईटी के वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की


निम्न-कार्बन औद्योगिक परिवर्तन न केवल जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करता है, बल्कि आर्थिक अवसर, रोजगार और लचीले समुदायों का भी निर्माण करता है: राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह

Posted On: 20 NOV 2024 11:08PM by PIB Delhi

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री सुश्री रोमिना पूरमोख्तारी के साथ मिलकर अजरबैजान के बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के सीओपी29 के अवसर पर आयोजित उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (लीडआईटी) के वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।

लीडआईटी शिखर सम्मेलन देश तथा कंपनी के सदस्यों को कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में औद्योगिक परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है। इसका उद्देश्य उन योजनाओं का समर्थन करना है जो भारी उद्योग को पेरिस समझौते के उद्देश्यों के अनुसार स्थापित करती हैं। शिखर सम्मेलन में इस्पात और सीमेंट जैसे क्षेत्रों में बदलाव की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

श्री सिंह ने औद्योगिक क्षेत्रों में निम्न कार्बन व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने उद्योगों में समावेशी, न्यायसंगत और टिकाऊ परिवर्तन को बढ़ावा देने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी और उत्तर-दक्षिण सहयोग के महत्व पर बल दिया।

लीडआईटी के पहले पांच वर्षों के कार्यों पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने सदस्यों द्वारा की गई प्रगति को स्वीकार किया। 2023 में सीओपी 28 में लीडआईटी 2.0 के तहत शुरू की गई भारत-स्वीडन उद्योग परिवर्तन साझेदारी अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मॉडल है और इसे प्रौद्योगिकियों के सह-विकास, ज्ञान साझा करने और इस्पात और सीमेंट जैसे उद्योगों के परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में उल्लेख किया गया।

एक सत्र में निम्न कार्बन औद्योगिक रणनीतियों और गतिविधियों पर देशों और कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रस्तुति दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष सलाहकार श्री सेल्विन हार्ट ने उद्योग जगत को जलवायु प्रतिबद्धताओं के पैरोकार बनने और अपने स्तर पर कार्रवाई के लिए सक्रिय होने का आह्वान किया।

शिखर सम्मेलन का समापन वैश्विक समुदाय से कम कार्बन वाले औद्योगिक भविष्य के प्रति अपने संकल्प को मजबूत करने के आह्वान के साथ हुआ। श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि निम्‍न औद्योगिक कार्बन न केवल जलवायु लक्ष्यों का समर्थन करता है बल्कि आर्थिक अवसर, रोजगार और लचीले समुदायों का निर्माण भी करता है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से उद्योग परिवर्तन एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। भारत का यह भी मानना है कि एक साथ मिलकर सभी देश एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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