आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
एमओएचयूए ने प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0- ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) वर्टिकल्स पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया, आईएसएस वर्टिकल के कार्यान्वयन के लिए एनएचबी और पीएलआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
Posted On:
14 NOV 2024 8:38PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी 2.0- ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) वर्टिकल और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के साथ साझेदारी में आज (14 नवंबर 2024) नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल उपस्थित थे।
कार्यशाला में विभिन्न बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी), प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) और अन्य वित्तीय संस्थानों के 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, माननीय मंत्री ने वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करने और उनके सिर पर पक्की छत पाने में मदद करने की बात कही। माननीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि तंत्र को बेघरों को बिना किसी बाधा के योजना का लाभ उठाने में सहायता करनी चाहिए और उनके घर के लोन के सब्सिडी आवेदन का विश्लेषण करते समय थोड़ा सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए।
माननीय मंत्री ने माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार के दृष्टिकोण के बारे में भी बताया और पीएमएवाई-यू 2.0, विशेष रूप से आईएसएस वर्टिकल की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी वित्तीय संस्थानों (बैंकों और एचएफसी) से 'सभी को आवास' प्रदान करने की इस सुधारात्मक यात्रा में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया, जो वर्ष 2047 तक विकसित भारत का मील का एक प्रमुख पत्थर होगा।
इससे पहले, उद्घाटन भाषण आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री श्रीनिवास कटिकिथला ने दिया। अपने उद्घाटन भाषण में, सचिव, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएमएवाई-यू योजना की तेजी से प्रगति और इसके कवरेज के परिमाण के बारे में साझा किया, जिसने इसे दुनिया के सबसे बड़े किफायती आवास कार्यक्रमों में से एक बना दिया है।
सचिव, एमओएचयूए ने सीएलएसएस वर्टिकल की सफलता में बैंकिंग बिरादरी की भूमिका की सराहना की। इसके साथ ही, उन्होंने किफायती आवास के इकोसिस्टम के बारे में बात की, जिसमें आवास नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो शहरी निवासियों के लिए पक्का घर सुनिश्चित करती है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। सचिव ने प्रतिभागियों से शहरी विकास के लिए भविष्य के विचारों और विचार करने लायक अंतर्दृष्टि के साथ आने के लिए कहा।
प्रमुख हितधारकों और विभिन्न सीएनए, पीएलआई, बैंकों और राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कार्यशाला में वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. एमपी तंगिरला, संयुक्त सचिव और सभी के लिए आवास के मिशन निदेशक श्री कुलदीप नारायण, राष्ट्रीय आवास बैंक के एमडी श्री संजय शुक्ला और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
कार्यशाला ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों को एक साथ आकर पीएमएवाई-यू 2.0 के कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श करने और रणनीति बनाने, इसके तौर-तरीकों पर चर्चा करने और किफायती आवास पहल को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
'पीएमएवाई-यू 2.0 - हाउसिंग फॉर ऑल’ योजना सितंबर 2024 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह शहरी गरीबों और मध्यम वर्ग के परिवारों को उनके जीवन की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुरक्षित घर देकर सशक्त बनाने पर जोर देता है और संपोषित और समावेशी शहरी विकास को भी बढ़ावा देता है।
पीएमएवाई-यू 2.0 को चार वर्टिकल के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिसमें लाभार्थियों को अपनी पात्रता मानदंड के अनुसार एक वर्टिकल चुनने की सुविधा होगी। आईएसएस योजना के चार वर्टिकल में से एक है, जिसके तहत ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी/ एमआईजी लाभार्थियों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। पीएमएवाई-यू 2.0 के आईएसएस वर्टिकल को नामित पीएलआई के माध्यम से लाभार्थी खातों में सब्सिडी पहुंचाने के लिए नामित केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) जैसे एनएचबी, एचयूडीसीओ और एसबीआई की ओर से कार्यान्वित किया जा रहा है।
हाउसिंग फॉर ऑल के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक श्री कुलदीप नारायण ने पीएमएवाई-यू 2.0 का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें इसके मानदंड, तौर-तरीके और कार्यान्वयन प्रक्रिया की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। विस्तृत प्रस्तुति से प्रतिभागियों को योजना, इसके वर्टिकल और शहरी भारत के 1 करोड़ नागरिकों को पक्के मकान सुनिश्चित करने के लिए इसे कैसे लागू किया जाएगा, यह समझने में मदद मिली।
जेएसएंडएमडी, एचएफए ने पीएमएवाई-यू की उपलब्धियों, विशेष रूप से क्रेडिट संबद्ध सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 25 लाख लाभार्थियों को लाभ हुआ। मुख्य फोकस पीएमएवाई-यू 2.0 के आईएसएस वर्टिकल पर था जो ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी/ एमआईजी परिवारों को होम लोन पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करता है। योग्य लाभार्थियों को ₹1.80 लाख की सब्सिडी दी जाएगी।
पीएमएवाई-यू 2.0 कार्यशाला के प्रतिभागियों को योजना को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने के लिए एमओएचएयू की ओर से डिजाइन और विकसित एकीकृत वेब पोर्टल से भी परिचित कराया गया। पोर्टल आवेदन की प्रक्रिया को सरल बनाता है, लाभार्थियों को आवेदन की स्थिति, हितधारकों के बीच डेटा विनिमय के तौर-तरीकों को जानने की अनुमति देता है, तेजी से उचित परिश्रम, अनुमोदन और सब्सिडी जारी करना सुनिश्चित करता है। वेब पोर्टल सभी हितधारकों की पहुंच के योग्य है और पीएमएवाई-यू 2.0 योजना की निगरानी और मूल्यांकन में मदद करेगा।
संभावित लाभार्थी पीएमएवाई-यू 2.0 के लिए यहां आवेदन कर सकते हैं: https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2024/PmayDefault.aspx
इसके बाद प्रतिभागियों के साथ एक संवादात्मक सत्र हुआ, जिसमें जेएसएंडएमडी, एचएफए ने वेब पोर्टल से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए और पीएमएवाई-यू 2.0 के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सुझाव लिए।
पीएमएवाई-यू 2.0 पर आज की कार्यशाला में ब्याज सब्सिडी योजना के कार्यान्वयन के लिए एनएचबी और 147 विभिन्न पीएलआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल हुआ।
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