सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की राज्य सचिवों (योजना एवं सांख्यिकी) की बैठक 14 नवंबर, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई
Posted On:
14 NOV 2024 7:35PM by PIB Delhi
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) देश में सांख्यिकी प्रणाली के एकीकृत विकास की योजना बनाने के लिए नोडल एजेंसी है, जो केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के संबंध में सांख्यिकीय कार्यों का समन्वय करता है। इस अधिकार के साथ और एमओएसपीआई एवं राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच सांख्यिकीय समन्वय को मजबूत करने के लिए, इस मंत्रालय ने 14 नवंबर, 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राज्य सचिवों (योजना एवं सांख्यिकी) की एक बैठक आयोजित की।
बैठक में राज्यों के राज्य सचिवों (योजना एवं सांख्यिकी), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधिकारी, एनएसएस के राज्य राजधानी आरओ के वरिष्ठ अधिकारियों, नीति आयोग, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के अन्य प्रतिनिधि तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधि आदि शामिल हुए।
इस अवसर पर तकनीकी सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें एमओएसपीआई द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की जाने वाली पहलों की विस्तृत जानकारी दी गई। मुख्य विषयों में सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण (एसएसएस) उप-योजना का पुनर्गठन, 8वीं आर्थिक जनगणना कराना, राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के लिए राज्य और उप-राज्य स्तर के अनुमानों का संकलन, डेटा इनोवेशन लैब, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षणों में राज्यों की भागीदारी और जिला-स्तरीय अनुमानों को तैयार करना और एमपीएलएडी योजना का कार्यान्वयन शामिल थे।
दिन भर चली इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी, क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि भी मौजूद थीं। गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए एमओएसपीआई के महानिदेशक (डेटा गवर्नेंस) श्री पी. आर. मेश्राम ने सक्रिय भागीदारी की सराहना की और कहा कि प्रतिभागियों का साझा दृष्टिकोण हमारी राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली में उत्कृष्टता के मानकों को बढ़ाने के लिए सहयोग को आगे बढ़ाने की नींव स्थापित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
एमओएसपीआई सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली में सुधार की दिशा में प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ जिला स्तरीय अनुमान तैयार करने में राज्य की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण योजना के लिए समर्थन में सुधार, डेटा आधारित निर्णय लेना आदि शामिल हैं। उन्होंने विकसित भारत @2047 की डेटा आवश्यकताओं के अनुरूप समय पर विस्तृत डेटा उपलब्ध कराने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने आगामी आर्थिक जनगणना में राज्यों की भूमिका के बारे में भी संकेत दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमओएसपीआई की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के मुद्दों को सुलझाने के लिए बेहतर समन्वय और उचित फीडबैक के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एमओएसपीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों की उपस्थिति का लाभ उठाया जाना चाहिए तथा देश की सांख्यिकी प्रणाली को नया रूप देने में राज्यों की अधिक भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने जिला स्तर पर भी इसे शुरू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुधारों की जरूरत के महत्व पर जोर दिया, जिसके लिए अलग-अलग डेटा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने अपने संबोधन में एमओएसपीआई द्वारा की गई सांख्यिकीय सुधार से जुड़ी पहलों की सराहना की और एक मजबूत सांख्यिकी प्रणाली के माध्यम से ‘विकसित भारत@2047’ की दिशा में प्रगति पर नजर रखने के लिए एमओएसपीआई के इन सभी प्रयासों में राज्यों की भागीदारी की महत्ता को इंगित किया। उन्होंने नीति आयोग की राष्ट्रीय डेटा और एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म, आकांक्षी जिला कार्यक्रम और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम आदि कुछ डेटा से जुड़ी पहलों का उल्लेख करते हुए निर्णय लेने में डेटा की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी। श्री बेरी ने सोच-समझकर फैसले लेने के लिए डेटा को उपयोगी जानकारी में बदलने में एआई के इस्तेमाल से बिग डेटा सहित वैकल्पिक डेटा स्रोतों के विश्लेषण के महत्व को भी रेखांकित किया।
क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई ने अपने संबोधन में लोगों को यह सिखाने के लिए आईजीओटी प्लेटफॉर्म के उपयोग पर जोर दिया कि उन्हें कब क्या जानना चाहिए। साथ ही, उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांख्यिकीय कर्मियों के लिए सीबीसी के आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर विशेष कौशल पाठ्यक्रमों का उपयोग करें ताकि उनकी क्षमता में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि देश भर के पेशेवरों को सशक्त बनाने के लिए डेटा को जानकारियों में बदलने के लिए शिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाने और उन्हें आईजीओटी के साथ एकीकृत किए जाने की आवश्यकता है।
अपने संबोधन में, डॉ. शमिका रवि ने एसडीजी, जीडीपी के रुझानों, श्रम बल भागीदारी, बेरोजगारी दर आदि के उदाहरण देते हुए सटीक नीति निर्माण के लिए अधिक बारीक और वास्तविक समय के आंकड़ों की आवश्यकता पर बल दिया। डेटा बिंदुओं के माध्यम से उन्होंने देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए सरकारी हस्तक्षेप के लिए स्थानीय योजना की आवश्यकता को रेखांकित किया।
नीति आयोग की कार्यक्रम निदेशक सुश्री अन्ना रॉय ने राष्ट्रीय डेटा एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म (एनडीएपी) के बारे में जानकारी दी और बताया कि कैसे इसका उपयोग विश्लेषणात्मक उद्देश्यों और बेहतर निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है।
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(Release ID: 2073495)
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