पंचायती राज मंत्रालय
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पंचायती राज मंत्रालय, जनजातीय गौरव दिवस पर पेसा और एफआरए गांवों में विशेष ग्राम सभा-सह-ओरिएंटेशन/प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा

Posted On: 14 NOV 2024 6:29PM by PIB Delhi

इस वर्ष सम्मानित आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस, को मनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ग्राम पंचायतों / गांवों में, जहां आदिवासी आबादी अधिक है, में 15 नवंबर 2024 को विशेष ग्राम सभा-सह-ओरिएंटेशन/प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह पहल भारत सरकार के विकसित, समावेशी भारत के दृष्टिकोण के मुताबिक आदिवासी समुदायों के योगदान को सम्मानित करेगी। पंचायती राज मंत्रालय, आदिवासी समुदायों के साथ जुड़कर, अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार (पेसा) अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) पर क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण शासन में उनकी भूमिका को मजबूत करते हुए बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा।

सभी आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने और स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में उनके योगदान और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को याद करने और स्वीकार करने के लिए, इस वर्ष, चौथा जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर 2024 से 26 नवंबर 2024 तक मनाया जाएगा। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए वर्ष 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर 2024 को जमुई, बिहार में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे, जो देशव्यापी आयोजनों की शुरुआत होगी।

इस विशेष पहल के एक अंग के तौर पर पंचायती राज मंत्रालय, पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आदिवासी मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन (टीआरआईएफ) और पीरामल फाउंडेशन जैसे सहभागियों के समर्थन से, पंचायती राज मंत्रालय का लक्ष्य 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 450 से अधिक जिलों, 2400 ब्लॉकों, 29,000 ग्राम पंचायतों और लगभग 51,000 गांवों तक पहुंचना है, जिसमें झारखंड और महाराष्ट्र जैसे चुनाव वाले राज्य, जिनमें आदिवासी आबादी है, शामिल नहीं हैं।

जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष ग्राम सभा का मार्गदर्शन एक संरचनात्मक दृष्टिकोण करेगा। पंचायती राज मंत्रालय ने झारखंड और महाराष्ट्र को छोड़कर, सभी संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों को उत्सव के लिए ग्राम पंचायतों को बुलाने की सलाह दी है। इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का पाठ, स्वच्छता और समुदायों को नशीले पदार्थों से मुक्त रखने संबंधी प्रतिज्ञाएं भी की जाएंगी, साथ ही इसमें वृक्षारोपण गतिविधि "एक पेड़ माँ के नाम" भी शामिल होगी जिसमें विशेष मेहमानों को उनके नाम पर, जहां कहीं भी संभव हो, फलदार पेड़ लगाकर सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम में कम से कम 50 प्रतिभागियों, जिसमें पंचायत प्रतिनिधि और ग्राम सभा सदस्य शामिल हैं, के लिए एक ओरिएंटेशन/प्रशिक्षण सत्र शामिल है, जो प्रमुख विषयों जैसे पेसा, एफआरए, सतत विकास लक्ष्य, सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण (एलएसडीजी) और पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई) पर केंद्रित है। पीडीआई स्कोर, थीम आधारित संकल्प, 2025–26 के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) और नोटिस के अनुसार किसी अन्य एजेंडा आइटम पर चर्चा करने के लिए ग्राम सभा की बैठक आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम का समापन सारांश और राष्ट्रगान के साथ होगा।

यह पहल 2 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान पर भी आधारित है। इस अभियान का उद्देश्य 17 मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका की आवश्यकताओं को संतृप्त करना है। इस ढाँचे के भीतर, पंचायती राज मंत्रालय का राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) एफआरए के साथ काम करने वाले ग्राम सभाओं और अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण में सहयोग करेगा, जो भारत सरकार द्वारा परिकल्पित आदिवासी सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के व्यापक ढाँचे के अनुरूप है।

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एमजी/केसी/ एसके


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