इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार के विभागों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 'साइबर सुरक्षा कार्यशाला' का आयोजन किया
एनईजीडी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत साइबर सुरक्षा कार्यशाला का उद्देश्य साइबर जोखिमों को प्रभावी ढंग से रोकने और कम करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच साइबर सुरक्षा रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है
Posted On:
13 NOV 2024 6:46PM by PIB Delhi
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने ई-गवर्नेंस केंद्र, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 11-12 नवंबर 2024 तक योजना भवन लखनऊ में राज्य के नेताओं, सीआईएसओ, और उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीआईएसओ के लिए दो दिन के साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न विभागों से 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में साइबर सुरक्षा का महत्व
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आईएएस श्री मनोज कुमार सिंह ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने राज्य में डिजिटल बुनियादी ढांचे और ई-गवर्नेंस सेवाओं की सुरक्षा में साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने विभागों के सामने बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए सरकारी अधिकारियों के बीच क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी प्रधान सचिव श्री अनिल कुमार सागर और तकनीकी सेवाएं और गृह एडीजी श्री नवीन अरोड़ा और आईटी एंड ई और एमडी यूपीडेस्को विशेष सचिव सुश्री नेहा जैन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शामिल हुए ।
राज्य नेतृत्व, सीआईएसओ और डिप्टी सीआईएसओ के लिए एनईजीडी का साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम एनईजीडी की राज्य क्षमता निर्माण योजना का हिस्सा है। इसे राज्य सरकार के अधिकरियों के बीच साइबर सुरक्षा तैयारियों और लचीलापन बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी विभागों की साइबर सुरक्षा रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना, सीआईएसओ और डिप्टी सीआईएसओ को साइबर जोखिमों को प्रभावी ढंग से रोकने और कम करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना है।
दो दिन के कार्यशाला का उद्देश्य है:
A. प्रमुख साइबर सुरक्षा मुद्दों, साइबर खतरों और ई-गवर्नेंस ढांचे के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
B. साइबर रेजिलिएंस इकोसिस्टम और साइबर सुरक्षा में ए.आई की भूमिका की समझ बढ़ाना।
C. प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा केंद्र के बारे में बताना, यह राज्य-स्तरीय ई-गवर्नेंस सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
D. डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी अधिनियम), एप्लिकेशन सुरक्षा और समापन बिंदु सुरक्षा पर गहन सत्र प्रदान करना।
E साइबर सुरक्षा घटनाओं पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए साइबर संकट प्रबंधन योजना (सीसीएमपी) विकसित करने में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देना।
F. सरकारी विभागों में डिजिटल प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिए पहचान और पहुंच प्रबंधन चुनौतियों का समाधान करना।
इस कार्यशाला में डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत डिजिटल रूप से सुरक्षित भारत में योगदान करते हुए राज्य सरकारों में साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और क्षमता निर्माण करने के लिए एनईजीडी की निरंतर प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई।
एनईजीडी, एमईआईटीवाई की राज्य क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की पहल
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत एनईजीडी ने राष्ट्रव्यापी राज्य क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की एक व्यापक श्रृंखला शुरू की है। इन कार्यशालाओं को साइबर खतरों के प्रबंधन, सुरक्षित आईटी ढांचे को अपनाने और डिजिटल शासन को मजबूत करने में व्यावहारिक प्रशिक्षण और सर्वोत्तम अभ्यास प्रदान करके राज्य-स्तरीय नेतृत्व, सीआईएसओ और अधिकारियों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह पहल साइबर-लचीला सार्वजनिक क्षेत्र बनाने के लिए भारत सरकार के मिशन के साथ संरेखित है। यह राज्यों में एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा और लचीला ई-गवर्नेंस सेवाएं सुनिश्चित करता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, एनईजीडी का उद्देश्य राज्यों को अपने साइबर रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए अनुकूलित, व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ सक्षम बनाना है। अंततः भारत के डिजिटल ईकोसिस्टम की सामूहिक साइबर सुरक्षा को बढ़ाना है।
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