रक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय ने क्वांटम और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध पर पहला वार्षिक क्षेत्रीय सहयोग प्रौद्योगिकी संपर्क सम्मेलन का आयोजन किया

Posted On: 08 NOV 2024 8:26PM by PIB Delhi

एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय (एचक्यू आईडीएस) ने सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज के सहयोग से आज नई दिल्ली में पहले वार्षिक क्षेत्रीय सहयोग प्रौद्योगिकी संपर्क (एनटीएन-2024) सम्मेलन का शुभारंभ किया। 'क्वांटम और इलेक्ट्रॉनिक महारत के साथ भविष्य के युद्धक्षेत्र के लिए नवाचार' शीर्षक वाले इस कार्यक्रम में रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने के भारत के लक्ष्य के साथ स्वदेश में ही प्रौद्योगिकी बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा गतिविधियों को रूपांतरित के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने इस आयोजन को विशेष रूप से संबोधित किया। उन्होंने वर्तमान में चल रहे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की सराहना की, जो डॉ. एस. सी. बोस की शताब्दी के साथ जुड़ा हुआ है और सशस्त्र बलों के लिए भविष्य के युद्ध एवं परिणामों पर क्वांटम प्रौद्योगिकी के दीर्घकालिक प्रभाव पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकी भविष्य के युद्धों को प्रभावित करेगी और सशस्त्र बलों के लिए इसके दूरगामी परिणाम होंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने भारतीय रक्षा, विशेष रूप से एक सुरक्षित संचार विधि के रूप में क्वांटम कुंजी वितरण, नेविगेशन और सेंसिंग प्रणालियों के लिए भी इसके रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया।

जनरल अनिल चौहान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और क्वांटम प्रौद्योगिकी को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) प्रणालियों में एकीकृत करने की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि ये तरक्की सैन्य अभियानों के भविष्य को नया आकार देगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि सशस्त्र बल अनुसंधान में निवेश व सहयोग को बढ़ावा देने तथा कुशल कार्यबल तैयार करने के जरिए रक्षा प्रौद्योगिकी एवं उत्पादन इकोसिस्टम के साथ साझेदारी में क्वांटम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रौद्योगिकियों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान हासिल कर सकते हैं।

पहले वार्षिक क्षेत्रीय सहयोग प्रौद्योगिकी संपर्क (एनटीएन-2024) सम्मेलन ने शिक्षाविदों, रक्षा उद्योग विशेषज्ञों, अनुसंधान संगठनों और रक्षा क्षेत्र के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य किया, ताकि इन विशिष्ट क्षेत्रों में प्रगति व राष्ट्रीय रक्षा के लिए उनके संभावित निहितार्थों का पता लगाया जा सके। सम्मलेन के कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों में सुरक्षित रक्षा नेटवर्क के लिए क्वांटम सुरक्षित एल्गोरिदम और कुंजी प्रबंधन को अपनाने के लिए सिफारिशें शामिल थीं। इसके साथ ही क्वांटम आरएफ सेंसर, क्वांटम आईएसआर उत्पादों, क्वांटम परमाणु एवं ऑप्टिकल घड़ियों, क्वांटम इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और भारत के भावी थिएटराइज़्ड सशस्त्र बलों के लिए एकीकृत संज्ञानात्मक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति पर भी सार्थक चर्चा हुई। क्वांटम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में ये उभरती हुई विशिष्ट प्रौद्योगिकियां सैन्य अभियानों को आधुनिक बनाने, सुरक्षित संचार बढ़ाने और उन्नत सेंसिंग तथा कम्प्यूटेशनल ऐप्लिकेशन को सक्षम करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

.

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC1(1)HJPA.JPG

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC2H7XG.JPG

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC3YNE7.JPG

********

एमजी/केसी/एनके


(Release ID: 2071941) Visitor Counter : 88


Read this release in: English , Urdu